QS World Ranking में JNU का जलवा, इस मामले में बना सर्वश्रेष्ठ संस्थान

क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में रोजगार, पर्यावरण व सस्टेनेबिलिटी के दृष्टिकोण से भारत का सर्वश्रेष्ठ संस्थान आईआईटी बॉम्बे और दूसरा सर्वश्रेष्ठ स्थान आईआईटी दिल्ली है। 15 भारतीय विश्वविद्यालयों की इस रैंकिंग में जेएनयू तीसरे स्थान पर है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में रोजगार, पर्यावरण व सस्टेनेबिलिटी के दृष्टिकोण से भारत का सर्वश्रेष्ठ संस्थान आईआईटी बॉम्बे और दूसरा सर्वश्रेष्ठ स्थान आईआईटी दिल्ली है। 15 भारतीय विश्वविद्यालयों की इस रैंकिंग में जेएनयू तीसरे स्थान पर है।

इसके अलावा वर्ल्ड यूनिवर्सिटी क्यूएस रैंकिंग में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय यानी जेएनयू को सस्टेनेबिलिटी में समानता और समावेशिता के अनुरूप रिसर्च आउटपुट के लिए भारत में शीर्ष स्थान हासिल हुआ है।

समावेशी शिक्षा का मतलब क्या है?

समावेशी शिक्षा एक प्रकार की ऐसी प्रक्रिया है। जिसके द्वारा किसी भी भेदभाव और अंतर के समाज के प्रत्येक वर्ग को शिक्षा प्रदान की जाती है। ताकि समाज के सभी छात्रों को एक स्तर पर लाया जा सके।

समावेशी शिक्षा की खासियत क्या है?

समावेशी शिक्षा कक्षा में विविधता को प्रोत्साहित करती है जिससे सभी संस्कृतियों को साथ मिलकर आगे बढ़ने का समुचित अवसर मिलता है। समावेशी शिक्षा के तहत सभी विशेष शैक्षिक आवश्यकता वाले छात्रों को विद्यालय में प्रवेश को रोकने की कोई प्रक्रिया नहीं होनी चाहिए। समावेशन की नीति को प्रत्येक स्कूल और सारी शिक्षा व्यवस्था में व्यापक रूप से लागू किए जाने की आवश्यकता है।

समावेशी शिक्षा उस विद्यालय शिक्षा व्यवस्था की ओर संकेत करती है। जो उनकी शारीरिक ,बौद्धिक, सामाजिक भाषिक या अन्य विभिन्न योग्यता स्थितियों को ध्यान में रखे बगैर सभी बच्चों को शामिल करती है।

शिक्षाविदों का कहना है कि वल्र्ड यूनिवर्सिटी क्यूएस रैंकिंग ने वैश्विक स्तर पर यह दर्शाया है कि देश में समानता के लिए जेएनयू नंबर वन विश्वविद्यालय है। जेएनयू विश्वविद्यालयी स्तर पर लैंगिक समानता और समाज की विभिन्न असमानताओं को दूर करने पर काम कर रहा है। विश्वविद्यालय में समानता के मानदंड पर जेएनयू को 361- 400 रैंक मिला है।

मौजूदा वल्र्ड यूनिवर्सिटी क्यूएस रैंकिंग में अमेरिका की 135 यूनिवर्सिटीज को स्थान मिला है। वर्ल्ड यूनिवर्सिटी क्यूएस रैंकिंग में अमेरिकी विश्वविद्यालयों का 19.2 फीसदी हिस्सा है। इस रैंकिंग में अमेरिका की 30 यूनिवर्सिटी टॉप 100 में शामिल हैं। वहीं दूसरे नंबर पर ब्रिटेन के कुल 67 विश्वविद्यालय शामिल हैं। अमेरिका और इंग्लैंड के बाद ऑस्ट्रेलिया टीम एवं जर्मनी इस रैंकिंग में सबसे आगे हैं।

वहीं क्वालिटी ऑफ लाइफ व स्वास्थ्य पर फोकस कर रहे आईआईटी खड़गपुर को वर्ल्ड यूनिवर्सिटी क्यूएस रैंकिंग 551-600 के स्लॉट में स्थान हासिल हुआ है। आईआईटी खड़गपुर को रिसर्च के लगातार और नियमित प्रयासों में सबसे अधिक अंक हासिल हुए हैं। आईआईटी खड़गपुर में लाइफस्टाइल और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए कई खास शुरुआत की गई हैं। इन क्षेत्रों पर आईआईटी खड़कपुर में की जा रही रिसर्च को वैश्विक स्तर पर भी सराहा गया है।

वर्ल्ड यूनिवर्सिटी क्यूएस रैंकिंग का एक उद्देश्य पर्यावरण और सामाजिक सरोकार के विषय में विश्वविद्यालयों के स्तर पर सटीक जानकारी एकत्र करना है। रैंकिंग के माध्यम से उच्च शिक्षण संस्थान पर्यावरण और सामाजिक सरोकार के मुद्दे पर किए जा रहे काम को वैश्विक मान्यता प्राप्त होती है। इन नए मानकों की पहचान के लिए क्यूएस ने कुछ नए क्राइटेरिया बनाए हैं। इन क्राइटेरिया के आधार पर क्यूएस ने विश्व भर के 13 हजार से अधिक उच्च शिक्षण संस्थानों का अध्ययन किया। अध्ययन के उपरांत क्यूएस ने 700 उच्च शिक्षण संस्थानों को रैंकिंग के लिए शॉर्टलिस्ट किया।

वहीं ओवरऑल क्यूएस रैंकिंग में जेएनयू तीसरे स्थान पर है। यह भारतीय विश्वविद्यालयों के लिए क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग है। इसके अंतर्गत कुल 15 भारतीय विश्वविद्यालयों को रैंकिंग में स्थान मिला है। पहले स्थान पर आईआईटी-बॉम्बे है। आईआईटी दिल्ली के बाद आईआईटी मुंबई में भारत में सबसे अधिक अंक अर्जित करते हुए 281 से 300 रैंक की रेंज में स्थान स्थान हासिल किया है। इसके बाद आईआईटी-दिल्ली 321 से 340 रैंक के विश्वविद्यालयों में आया है। जेएनयू तीसरे रैंक पर 361 से 380

वर्ल्ड यूनिवर्सिटी क्यूएस रैंकिंग का मकसद क्या है?

वर्ल्ड यूनिवर्सिटी क्यूएस रैंकिंग का एक उद्देश्य पर्यावरण और सामाजिक सरोकार के विषय में विश्वविद्यालयों के स्तर पर सटीक जानकारी एकत्र करना है। रैंकिंग के माध्यम से उच्च शिक्षण संस्थान पर्यावरण और सामाजिक सरोकार के मुद्दे पर किए जा रहे काम को वैश्विक मान्यता प्राप्त होती है। इन नए मानकों की पहचान के लिए क्यूएस ने कुछ नए क्राइटेरिया बनाए हैं। इन क्राइटेरिया के आधार पर क्यूएस ने विश्व भर के 13 हजार से अधिक उच्च शिक्षण संस्थानों का अध्ययन किया। अध्ययन के उपरांत क्यूएस ने 700 उच्च शिक्षण संस्थानों को रैंकिंग के लिए शॉर्टलिस्ट किया।

ओवरऑल क्यूएस रैंकिंग में जेएनयू तीसरे स्थान पर है। यह भारतीय विश्वविद्यालयों के लिए क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग है। इसके अंतर्गत कुल 15 भारतीय विश्वविद्यालयों को रैंकिंग में स्थान मिला है। पहले स्थान पर आईआईटी-बॉम्बे है। आईआईटी दिल्ली के बाद आईआईटी मुंबई में भारत में सबसे अधिक अंक अर्जित करते हुए 281 से 300 रैंक की रेंज में स्थान स्थान हासिल किया है। इसके बाद आईआईटी-दिल्ली 321 से 340 रैंक के विश्वविद्यालयों में आया है।

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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