जोशीमठः जिस भवन में रुके मजदूर वो भी नहीं रहा सुरक्षित, PWD का पांच कमरों का विश्राम गृह भी हुआ जर्जर

अब भू-धंसाव से मारवाड़ी में ऊर्जा निगम के 66 केवी के सब-स्टेशन को भी खतरा हो गया है। यदि यहां बिजली लाइनें ध्वस्त हो गईं तो पांडुकेश्वर से बदरीनाथ और माणा गांव तक बिजली सप्लाई ठप पड़ जाएगी। साथ ही आईटीबीपी के कैंपों में भी बिजली का संकट गहरा जाएगा।

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ क्षेत्र में भू-धंसाव थमने का नाम नहीं ले रहा है। फिर कई जगह भू-धंसाव की नई घटनाएं सामने आई हैं। बीते 24 घंटे में 44 और भवनों में दरारें आई हैं। इसमें लोक निर्माण विभाग का 5 कमरों का विश्राम गृह पूरी तरह से जर्जर हो गया है। शनिवार रात अचानक दरारें बढ़ने से यहां सो रहे पांच से छह मजदूरों को आनन-फानन में दूसरी जगह शिफ्ट करना पड़ा। विश्राम गृह की दीवारों में लगातार दरारें बढ़ रही हैं, जिससे यह कभी भी जमींदोज हो सकता है।

वहीं, बदरीनाथ के पूर्व धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल के होटल के बैंक्वेट हॉल में पड़ीं दरारें और चौड़ी हो गई हैं। लोक निर्माण विभाद के कार्यकारी अभियंता सुरेंद्र पटवाल ने बताया कि सिंहधार वार्ड और मनोहर बाग में भी कई मकानों में दरारें बढ़ी हैं। वहीं, मनोहर बाग वार्ड के सूरज कपरवाण का कहना है कि खेतों में दरारें लगातार चौड़ी होती जा रही हैं। नगर क्षेत्र में अब तक कुल 826 भवनों में दरारें आ चुकी हैं।

जोशीमठ में भू-धंसाव के कारण पीडब्ल्यूडी के विश्राम गृह में आई दरारें
जोशीमठ में भू-धंसाव के कारण पीडब्ल्यूडी के विश्राम गृह में आई दरारें
फोटोः IANS

सीबीआरआई की टीम की ओर से रविवार को 17 और भवनों को असुरक्षित घोषित किया गया है। इन घरों में भी लाल रंग का निशान लगा दिया गया है। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बताया कि उन्हीं जगहों पर दरारें बढ़ी हैं, जहां पहले थी। किसी नई जगह पर दरारें नहीं आई हैं। असुरक्षित भवनों का सर्वेक्षण कार्य चल रहा है। सीबीआरआई की टीम को एक सप्ताह में सर्वेक्षण कार्य पूर्ण करने के लिए कहा गया है।

दूसरी तरफ भू-धंसाव से प्रभावित होटल माउंटव्यू के पीछे रहने वाले आठ परिवार के लोग रविवार रात फिर से अपने पुराने भवन में वापस लौट आए। लोग कड़ाके की ठंड मे अपने घरों की छत पर आग जलाकर बैठ गए। पीड़ित दिगंबर सिंह बिष्ट ने बताया कि हमें जानकारी मिली है कि सरकार होटल मालिकों को 3250 रुपये स्क्वायर फीट के हिसाब से मुआवजा दे रही है। और हमें 2750 रुपये स्क्वायर फीट के हिसाब से भुगतान किया जाएगा। उन्होंने सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन ने हमें लिखित में भी कुछ नहीं दिया है। हमारे भवनों पर अभी तक रेड क्रॉस के निशान तक नहीं लगाए गए हैं। प्रशासन से हमारी यही मांग है कि हमें इसका स्थायी समाधान चाहिए।

जोशीमठ में भू-धंसाव के कारण पीडब्ल्यूडी के विश्राम गृह में आई दरारें
जोशीमठ में भू-धंसाव के कारण पीडब्ल्यूडी के विश्राम गृह में आई दरारें
फोटोः IANS

वार्ड के अनुसार, गांधीनगर में 154 दरार वाले भवन हैं जिसमें 28 असुरक्षित हैं। पालिका मारवाड़ी में 41 घर दरार वाले हैं पर असुरक्षित कोई नहीं। लोवर बाजार में 38 दरार वाले घर और असुरक्षित शून्य हैं। ठीक ऐसे ही सिंहधार में दरार वाले घरों की संख्या 128 और 84 घर असुरक्षित हैं। मनोहरबाग में 131 घरों में दरार है तो 27 घर असुरक्षित हैं। अपर बाजार में 40 भवनों में दरार आई है पर असुरक्षित शून्य है। सुनील में 78 भवनों में दरार है और 26 घर असुरक्षित हैं। परसारी में 55 घर में दरार है पर असुरक्षित घर की संख्या शून्य है और रविग्राम में दरार वाले भवनों की संख्या सबसे ज्यादा यानि 161 है तो वहीं असुरक्षित घर की संख्या शून्य है।
कुल मिला कर दरार वाले भवनों की संख्या 826 है जिसमें 165 भवन असुरक्षित हैं।

इतना ही नहीं अब भू-धंसाव से मारवाड़ी में ऊर्जा निगम के 66 केवी (किलोवाट) के सब-स्टेशन को भी खतरा हो गया है। यदि यहां बिजली लाइनें ध्वस्त हो गईं तो पांडुकेश्वर से बदरीनाथ और माणा गांव तक बिजली सप्लाई ठप पड़ जाएगी। साथ ही आईटीबीपी के कैंपों में भी बिजली का संकट गहरा जाएगा। ऊर्जा निगम ने विद्युत सब स्टेशन को शिफ्ट करने के लिए जगह की तलाश शुरू कर दी है। ऊर्जा निगम के डायरेक्टर एमएल प्रसाद, अधीक्षण अभियंता एसएस कंवर, अधिशासी अभियंता अमित सक्सेना और एसडीओ वीके जैन ने प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण कर बिजली लाइनों का जायजा लिया।

उधर होटल माउंट व्यू और मलारी इन के आसपास की बिजली लाइन को हटाकर नई बिजली लाइन बिछाने का काम शुरू कर दिया गया है जिससे नगर की बिजली सप्लाई सुचारू रह सके। पुलिस थाने के समीप बिजली लाइन पर नया ट्रांसफार्मर भी स्थापित किया गया है। ऊर्जा निगम के अभियंता अमित सक्सेना ने बताया कि सुनील वार्ड में खतरे की जद में पहुंचे 100 केवी के दो ट्रांसफार्मर बदल दिए गए हैं। भू-धंसाव से बिजली के 20 खंभे भी आधे झुक गए थे जिन्हें ठीक कर लिया गया है।

साथ ही होटल के ध्वस्तीकरण का काम भी लगातार जारी है। माउंट व्यू और मलारी इन होटल को डिस्मेंटल करने का काम रविवार को चौथे दिन भी जारी रहा। डिस्मेंटल में लगी 80 मजदूरों की टीम ने अब होटल की दीवारों को तोड़ना शुरू कर दिया है। सीबीआरआई के चीफ डा. डीपी कानूनगो ने बताया कि भवन को डिस्मेंटर करने में अभी करीब 15 दिन और लगेंगे।


डिस्मेंटल के काम में लगी टीम के सामने निचले हिस्से के मकानों को भी सुरक्षित रखने की चुनौती है। हमारी पांच लोगों की टीम के साथ लोक निर्माण विभाग और एसडीआरएफ के 80-80 लोगों की टीम हमारे साथ काम कर रही है। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही सीबीआरआई की टीम मकानों में क्रैकोमीटर लगाने का काम भी कर रही है। इससे मकानों में कितनी दरार पड़ी है और किस भवन को कितना नुकसान हुआ है, उसका आंकलन भी किया जा रहा है।

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