उत्तरकाशी के मस्ताड़ी और कुज्जन गांव में जोशीमठ जैसे हालात, लगातार भूधंसाव दे रही आपदा की आहट

यह साल उत्तराखंड के लिए मुसीबतों का साल है। जहां भू-धंसाव और घरों में दरारें आने से जोशीमठ का अस्तित्व खतरे में आ गया है तो वहीं प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से उत्तरकाशी में भी आपदा की आहट सुनाई दे रही है।

उत्तरकाशी के मस्ताड़ी और कुज्जन गांव में जोशीमठ जैसे हालात
उत्तरकाशी के मस्ताड़ी और कुज्जन गांव में जोशीमठ जैसे हालात
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नवजीवन डेस्क

यह साल उत्तराखंड के लिए मुसीबतों का साल साबित हुआ है। जहां भू-धंसाव और घरों में दरारें आने से जोशीमठ का अस्तित्व खतरे में आ गया है तो वहीं प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से उत्तरकाशी में भी अब कई गांवों में भूधंसाव की घटना के बाद बड़ी आपदा की आहट सुनाई दे रही है।

उत्तरकाशी के भटवाड़ी तहसील के दो गांव मस्ताड़ी और कुज्जन में भी जोशीमठ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। भारी बारिश के बाद दोनों गांवों में लगातार भू-धंसाव हो रहा है। जिससे लोग डरे हुए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने गांवों का भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग के वैज्ञानिको से सर्वेक्षण कराया है। सर्वेक्षण की रिपोर्ट मिलने के बाद सुरक्षा के संबंध में आगे की कार्रवाई होगी।


स्थलीय सर्वेक्षण और मिट्टी के नमूनों के प्रयोगशाला परीक्षण के नतीजों के विश्लेषण करके भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग अपनी रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपेगा। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि विभाग की रिपोर्ट मिलने के बाद प्रशासन की ओर से गांवों की सुरक्षा के संबंध में विशेषज्ञों से राय ली जाएगी। उसी के अनुसार आगे की रणनीति तय की जाएगी।

डीएम अभिषेक रुहेला ने कहा कि मस्ताड़ी और कुज्जन गांव में लंबे समय से भूधंसाव और भूमि के अंदर से पानी का रिसाव होने के कारण रिहायशी क्षेत्रों में खतरे की आशंका व्यक्त की जा रही थी। जिसे देखते हुए विभाग की टीम ने दोनों गांवों का सर्वेक्षण किया। बता दें कि उत्तराखंड में जोशीमठ के अलावा ऐसे कई गांव हैं, जिनका अस्तित्व खतरे में है। यहां भूधंसाव के चलते लोग डर के साए में रातें काटने को मजबूर हैं। लगातार हो रही भारी बारिश के चलते हालात और भी गंभीर हो गए हैं।

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