पत्रकार मुकेश चंद्राकर नक्सलियों के कब्जे से जवान को लाए थे सुरक्षित वापस, जानिए कैसे कराया था रिहा
साल 2021 में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों ने एक सीआरपीएफ जवान का अपहरण कर लिया था। मुकेश ने नक्सलियों से बातचीत की थी। इसके बाद वह जवान को छोड़ने के लिए तैयार हो गए थे। फिर वह जवान को अपनी बाइक पर बैठाकर सुरक्षित वापस लाए थे।

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या से पूरा इलाका सदमे में है। बीजापुर जिले में सेप्टिक टैंक में मृत मिले मुकेश चंद्राकर ने 2021 में बीजापुर में मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों द्वारा अपहृत सीआरपीएफ जवान की रिहाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। मुकेश की हत्या के बाद उनका एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें वह बाइक पर सीआरपीएफ के जवान को बैठाकर लाते दिख रहे हैं। मुकेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म अब एक्स (तब ट्विटर) पर ये वीडियो पोस्ट किया था। वीडियो के साथ उन्होंने कैप्शन दिया था, "ले आये सीआरपीएफ के वीर जवान को।"
गौरतलब है कि साल 2021 में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गई थी। इस दौरान नक्सलियों ने एक सीआरपीएफ जवान का अपहरण कर लिया था। मुकेश उन चंद लोगों में एक थे जिनकी बस्तर के जंगलों में अंदर तक पहुंच थी। बताया जाता है कि मुकेश ने नक्सलियों से बातचीत की थी। इसके बाद वह जवान को छोड़ने के लिए तैयार हो गए थे। फिर वह जवान को अपनी बाइक पर बैठाकर सुरक्षित वापस लाए थे। उनकी इस बहादुरी को पूरे देश ने सराहा था। राज्य पुलिस ने भी सीआरपीएफ के जवान राकेश्वर सिंह मन्हास की रिहाई सुनिश्चित करने का श्रेय मुकेश चंद्राकर को दिया था।
पत्रकार मुकेश ने एक नेशनल न्यूज चैनल के लिए स्ट्रिंगर के रूप में काम किया था और 'बस्तर जंक्शन' के नाम से यूट्यूब चैनल भी चलाते थे, जो क्षेत्र में नक्सल-संबंधी मुद्दों पर केंद्रित था। मुकेश ने बस्तर में 120 करोड़ रुपये की सड़क निर्माण परियोजना में कथित भ्रष्टाचार का खुलासा किया था। उनकी हत्या को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।
मुकेश एक जनवरी से लापता थे। मुकेश को आखिरी बार एक जनवरी की रात को गायब होने से पहले देखा गया था। उनका मोबाइल लगातार स्विच ऑफ आ रहा था। इसके बाद उनके परिवार ने उनकी गुमशुदगी शिकायत कराई थी। तीन जनवरी को उनका शव बीजापुर के चट्टान पारा इलाके में सड़क ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के फार्म हाउस के सेप्टिक टैंक से बरामद किया गया था। मुकेश के भाई युकेश चंद्राकर का दावा है कि भ्रष्टाचार को उजागर करने की वजह से ही ठेकेदार सुरेश और उसके भाई ने मुकेश की हत्या की। पुलिस ने घटनास्थल से कई सबूत इकट्ठा किए हैं। मामले में सुरेश के भाई समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
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