जज लोया मामला: राष्ट्रपति से मिले विपक्ष के नेता, राहुल ने की एसआईटी जांच की मांग

जज लोया की मौत के मामले में विपक्ष के नेताओं ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुआई में विपक्ष के नेताओं ने इस मामले में राष्ट्रपति को एक ज्ञापन भी सौंपा।

फोटोः स्क्रीनशॉट
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नवजीवन डेस्क

मुंबई की विशेष सीबीआई अदालत के जज बीएच लोया की संदिग्ध मौत के मामले में विपक्ष के नेताओं ने 9 फरवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुआई में विपक्ष के नेताओं ने इस मामले में राष्ट्रपति को एक ज्ञापन भी सौंपा। विपक्ष ने मांग कहा कि इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा न्यायाधीश की अगुआई में एसआईटी (विशेष जांच दल) से कराई जाए। इस मामले को लेकर विपक्ष की 15 पार्टियों के 114 सांसद राष्ट्रपति से मिलने गए थे। इसमें कांग्रेस, सीपीआई, सीपीएम, आरजेडी, टीएमसी, एआईयूडीएफ, डीएमके, सपा, बसपा, एनसीपी, आप, जेडीएस और अन्य कई दलों के सांसद शामिल थे।

राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा कि जज लोया की मौत को लेकर लोकसभा और राज्यसभा के कई सांसद असहज महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक जज की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई है। उनके परिवार के लिए ये जरूरी है कि सही तरीके से जांच हो। राहुल गांधी ने कहा, “जज लोया की मौत के मामले में हम आज राष्ट्रपति जी से मिले। उन्होंने हमें भरोसा दिलाया है कि वो इस मामले को जरूर देखेंगे।” कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा, “हम चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के मौजूद जज की अगुवाई में इस मामले की जांच एसआईटी से कराई जाए।”

बता दें कि सीबीआई के विशेष जज बृजगोपाल हरकिशन लोया की मौत 1 दिसंबर 2014 को नागपुर में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी। बताया जा रहा है कि उनकी मौत हार्टअटैक से हुई है, लेकिन इसको लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। जज लोया सोहराबुद्दीन शेख फर्जी एनकाउंटर मामले की सुनवाई कर रहे थे, जिसमें बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह मुख्य आरोपियों में शामिल थे। पिछले वर्ष छपी एक खबर में जज लोया की बहन ने उनकी मौत पर संदेह जताते हुए जांच की मांग की थी।

गौरतलब है कि 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों ने प्रेस कांफ्रेंस कर प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। जस्टिस जे चेलमेश्वर, रंजन गोगोई, कुरियन जोसेफ और एमबी लोकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चीफ जस्टिस पर केसों का बंटवारा ढंग से नहीं करने का आरोप लगाया था। उश दौरान जज लोया के केस क लेकर भी उन्होंने सवाल उठाए थे। जजो की प्रेस कांफ्रेंस के बाद देश के न्यायिक जगत में तूफान मच गया था।

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