कर्नाटक विधानसभा ने हेट स्पीच रेगुलेशन बिल पास किया, 10 साल तक जेल के साथ जुर्माने का भी प्रावधान

हेट क्राइम के साथ हेट स्पीच के मामलों में भी तीन साल तक की कैद या 5,000 रुपये तक का जुर्माना, या दोनों का प्रावधान है। यह अपराध भी असंज्ञेय और गैर-जमानती होगा। बार-बार अपराध करने पर 10 साल तक की कैद का प्रस्ताव है।

कर्नाटक विधानसभा ने हेट स्पीच रेगुलेशन बिल पास किया, 3 साल तक जेल के साथ जुर्माने का भी प्रावधान
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नवजीवन डेस्क

कर्नाटक विधानसभा ने गुरुवार को विपक्षी बीजेपी के विरोध के बीच कर्नाटक हेट स्पीच और हेट क्राइम (रोकथाम एवं नियंत्रण) विधेयक, 2025 को बहुमत से पारित कर दिया। गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने विधेयक को मतदान के लिए पेश किया। विधानसभा स्पीकर यू.टी. खदर ने मत विभाजन के बाद घोषणा की कि सदन के बहुमत सदस्यों ने विधेयक के पक्ष में मतदान किया, जिसके साथ ही यह पारित हो गया।

परमेश्वर ने बाद में विधेयक के प्रावधानों पर स्पष्टीकरण भी दिया। यह विधेयक 10 दिसंबर को विधानसभा में पेश किया गया था। उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने कहा कि विधानसभा में हेट स्पीच रेगुलेशन बिल को पेश करना “राज्य में शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने” के लिए सरकार के एजेंडे का हिस्सा है।


विधेयक में हेट क्राइम की परिभाषा देते हुए कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के प्रति धर्म, नस्ल, जाति या समुदाय, लिंग, जेंडर, यौन अभिविन्यास, जन्म स्थान, निवास, भाषा, दिव्यांगता, जनजाति, या पीड़ित के परिवार के सदस्य की विशेषताओं अथवा ऐसे किसी समूह से उसके संबंध के आधार पर नुकसान पहुंचाता है, नुकसान के लिए उकसाता है, या घृणा फैलाता/प्रचारित करता है, तो वह हेट क्राइम का दोषी होगा।

विधेयक के तहत हेट क्राइम में दोषी पाए जाने पर तीन साल तक की कैद, या 5,000 रुपये तक का जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं। यह अपराध असंज्ञेय (नॉन-कॉग्निज़ेबल) और गैर-जमानती होगा तथा प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय रहेगा। हेट स्पीच के मामलों में भी तीन साल तक की कैद या 5,000 रुपये तक का जुर्माना, या दोनों का प्रावधान है। यह अपराध भी असंज्ञेय और गैर-जमानती होगा। बार-बार अपराध करने पर 10 साल तक की कैद का प्रस्ताव है।


कांग्रेस सरकार ने यह विधेयक मंगलुरु में हुई बदले की हत्याओं की श्रृंखला के बाद तैयार किया, जिसने राष्ट्रीय स्तर पर चिंता पैदा की थी। आगे की हिंसा रोकने के लिए एक विशेष बल गठित किया गया है और संभावित अशांति फैलाने वाली सोशल मीडिया गतिविधियों पर नजर रखने के लिए समर्पित इकाइयां बनाई गई हैं।

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