कर्नाटकः बीजेपी सरकार में चरम पर पहुंचा असंतोष, सीएम बोम्मई पस्त, मुकाबले के लिए लेंगे आलाकमान की मदद

बीजेपी सूत्रों ने कहा कि बढ़ते असंतोष को लेकर सीएम बोम्मई की दिल्ली यात्रा के दौरान पार्टी आलाकमान से मुलाकात होगी। उन्होंने कहा कि वह यह संदेश देने जा रहे हैं कि राज्य स्तर पर असंतोष को खत्म करना संभव नहीं है और पार्टी आलाकमान को हस्तक्षेप करना चाहिए।

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

कर्नाटक में कैबिनेट विभाग आवंटन से असंतुष्ट नेताओं को मनाने के सभी प्रयास विफल होते दिख रहे हैं। ऐसे में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई पार्टी में असंतोष को खत्म करने के लिए समाधान खोजने के लिए नई दिल्ली जाने की तैयारी कर रहे हैं। बोम्मई पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि वह आने वाले सप्ताह में मेकेदातु के मुद्दे पर दिल्ली की यात्रा करेंगे। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि बढ़ते असंतोष को लेकर पार्टी आलाकमान से मुलाकात भी बोम्मई की दिल्ली यात्रा के शीर्ष एजेंडे में से एक है।

उन्होंने कहा कि वह यह संदेश देने जा रहे हैं कि राज्य स्तर पर असंतोष को खत्म करना संभव नहीं है और पार्टी आलाकमान को हस्तक्षेप करना चाहिए। बोम्मई ने पहले ही नगर प्रशासन मंत्री एमटीबी नागराज के साथ पहले दौर की बातचीत की, जिन्होंने सार्वजनिक रूप से यह कहा था कि उन्हें वह नहीं मिला जो वे चाहते थे। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने मुझे पदावनत कर दिया है। अगर कुछ नहीं बदलता है, तो मैं अपना फैसला लूंगा। नागराज ने बीजेपी में शामिल होने के लिए कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार के कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दिया था।


विजयनगर से तीन बार के विधायक आनंद सिंह नेु भी पर्यटन विभाग आवंटित होते ही अपनी नाराजगी सार्वजनिक कर दी थी। पार्टी सूत्रों ने कहा कि वह असंतुष्ट हैं और यहां तक कि इस्तीफा देने पर भी विचार कर रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि बीजेपी को सत्ता में लाने के लिए मैंने सबसे पहले विधानसभा से इस्तीफा दिया था। आठ दिन बाद सभी ने इसका अनुसरण किया। क्या पार्टी में मेरा कोई योगदान नहीं है।

सूत्रों का कहना है कि एमटीबी नागराज कैबिनेट में सबसे अमीर आदमी हैं और आनंद सिंह भी काफी साधन संपन्न हैं। बोम्मई उन्हें समझाने की बहुत कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वे पीछे नहीं हट रहे हैं। वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता अपाचू रंजन के अनुयायी अपने नेता को कैबिनेट में शामिल नहीं किए जाने के विरोध में मदिकेरी से बेंगलुरु तक कार रैली की योजना बना रहे हैं।

इसके अलावा बोम्मई ने जब मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला था तो मैसूर से पार्टी के वरिष्ठ नेता ए. रामदास उनका स्वागत तक करने के लिए नहीं निकले थे। पार्टी के सूत्रों ने पुष्टि की है कि भले ही बोम्मई ने संपर्क करने की कोशिश की है, लेकिन रामदास ने इससे परहेज किया है।
एक अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, शक्तिशाली बीजेपी विधायक रमेश जारकीहोली, जिन्हें सेक्स-सीडी मामले के बाद येदियुरप्पा कैबिनेट से हटा दिया गया था, वह पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार से मिले थे। बोम्मई को अपना जूनियर बताते हुए शेट्टार ने कैबिनेट में जगह देने से इनकार कर दिया था।


राज्य के खुफिया विभाग ने भी इन सभी घटनाक्रमों के बारे में सीएम बोम्मई को जानकारी दी है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि उन्होंने आगे के घटनाक्रम के लिए कोई जगह दिए बिना स्थिति से निपटने का फैसला किया है। सूत्रों ने आगे कहा कि बोम्मई मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए काउंटर स्ट्रैटेजी पर चर्चा करेंगे, जिसमें मंत्रालयों का फिर से आवंटन भी शामिल है।

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