कर्नाटक चुनावः कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने वरुणा से नामांकन दाखिल किया, जगदीश शेट्टार ने भी भरा पर्चा
नामांकन दाखिल करने के बाद सिद्धारमैया ने कहा कि कांग्रेस एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी है। हम किसी से जाति के आधार पर वोट नहीं मांगेंगे। हम चाहते हैं कि हर समुदाय, चाहे उसमें लिंगायत हों, वोकालिग्गा हों या फिर कोई और हो वे सभी कांग्रेस को वोट करें।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने मैसूर जिले की वरुणा विधानसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल कर दिया। इस मौके पर उनके साथ पूर्व मंत्री एच सी महादेवप्पा और कई कांग्रेस नेता मौजूद थे। वहीं हाल में बीजेपी को झटका देकर कांग्रेस में आए पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार ने भी आज हुबली-धारावाड़ से अपना नामांकन दाखिल कर दिया।
सिद्धारमैया के खिलाफ सत्तारूढ़ बीजेपी ने मंत्री वी सोमन्ना को यहां से उतारा है। दूसरी ओर आज ही कांग्रेस के टिकट पर पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर ने भी हुबली-धारावाड़ से अपना नामांकन दाखिल किया। हाल में बीजेपी से आए शेट्टार के नामांकन में कई कांग्रेस नेता मौजूद रहे। नामांकन दाखिल करने के बाद शेट्टार ने कहा कि राज्य कांग्रेस की जीत सुनिश्चित है।
नामांकन दाखिल करने से पहले सिद्धरमैया ने यहां एक जनसभा को भी संबोधित किया। इससे पहले सिद्धारमैया सिद्धारमनहुंडी के अपने पैतृक गांव के मंदिर में अपने परिवार के देवता सिद्धारेश्वर की पूजा की और वहां से श्री राम मंदिर भी गए। इसके बाद सिद्धारमैया ने मैसूरु की चामुंडी पहाड़ियों पर स्थित प्रसिद्ध चामुंडेश्वरी मंदिर का भी दौरा किया और इसके बाद एक विशाल रोड शो किया और एक जनसभा को संबोधित किया और फिर नामांकन दाखिल किया।
वरुणा में नामांकन दाखिल करने के साथ सिद्धारमैया 2018 के चुनावों में पड़ोस के चामुंडेश्वरी और बागलकोट जिले के बादामी से चुनाव लड़ने के बाद अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र में वापस लौट आए हैं। सिद्धारमैया के बेटे डॉ. यतींद्र सिद्धारमैया वरुणा से मौजूदा कांग्रेस विधायक हैं। आठ बार के विधायक सिद्धारमैया इससे पहले वरुणा से दो बार जीत चुके हैं। 2008 में यहां से जीतने के बाद वह विपक्ष के नेता बने थे और फिर 2013 के विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री बने।
अपना नामांकन दाखिल करने के बाद पूर्व सीएम ने कहा कि कांग्रेस एक धर्म निरपेक्ष पार्टी है। हम किसी से भी जाति के आधार पर वोट नहीं मांगेंगे। हम चाहते हैं कि हर समुदाय, चाहें उसमें लिंगायत हों, वोकालिग्गा हों या फिर कोई और हो वो हमें वोट करें। सिद्धारमैया खुद कुरबा समुदाय से आते हैं।
बता दें कि कर्नाटक चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 20 अप्रैल को समाप्त हो रही है। कर्नाटक में मतदान 10 मई को होगा और मतगणना 13 मई को होगी।
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