कर्नाटक: एचडी कुमारस्वामी ने सीएम पद की ली शपथ, परमेश्वर बने डिप्टी सीएम, समारोह में दिखी विपक्षी एकजुटता

कर्नाटक में मिले अस्पष्ट जनादेश के करीब एक हफ्ते बाद जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने आज कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। इससे पहले बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा सिर्फ दो दिन के लिए ही मुख्यमंत्री रह पाए थे।

फोटो: सोशल मीडिया 
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नवजीवन डेस्क

कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस की गठबंधन सरकार बन गई है। जेडीएस नेता और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के बेटे एचडी कुमारास्वामी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। इसके अलावा कांग्रेस नेता जी परमेश्वर ने उप-मुख्यमंत्री की पद की शपथ ली है। राज्यपाल वजुभाई वाला ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।

कर्नाटक में नई सरकार के गठन ने बीजेपी विरोधी ताकतों को भी एक मंच पर ला दिया। जेडीएस नेता एचडी कुमारास्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में विपक्षी पार्टियों के नेताओं की एकजुटता भी दिखी। कुमारास्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए कई राज्यों के मुख्यमंत्री समेत विपक्षी दलों के प्रमुख नेता शामिल हुए। शपथ ग्रहण में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, बीएसपी प्रमुख मायावती, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, सीपीएम के नेता सीताराम येचुरी, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भी हिस्सा लिया। सभी नेताओं ने हाथ हिलाकर जनता का अभिवादन किया।

इससे पहले 19 मई को फ्लोर टेस्‍ट से पहले ही बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्‍पा ने मुख्‍यमंत्री पद से इस्‍तीफा दे दिया था, जिसके बाद राज्‍यपाल ने कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था। पहले शपथ ग्रहण 21 मई को होना था, लेकिन राजीव गांधी की पुण्‍यतिथि के कारण उसे बदलकर 23 मई की शाम 4:30 बजे किया गया।

कर्नाटक की राजनीति में बीते दिनों काफी उठापटक देखने को मिला। 15 मई को कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित हुए। बीजेपी को 104 सीटें, कांग्रेस को 78 सीटें, जेडीएस को 38 सीटें और अन्य को 2 सीटें मिली थीं। 224 में से 222 विधानसभा सीटों के लिए मतदान हुआ था। चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद कांग्रेस ने सरकार बनाने के लिए जेडीएस को समर्थन देने का ऐलान कर दिया था। 16 मई को दोनों पार्टियों ने राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश किया था, लेकिन राज्यपाल ने सबसे बड़ी पार्टी होने के नाम पर बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता दिया। इसके खिलाफ कांग्रेस से सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई और आधी रात को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि येदियुरप्पा को शपथ लेने से रोका नहीं जा सकता है। इसके बाद 17 मई को बीएस येदियुरप्पा ने सीएम पद की शपथ ली।

इस दौरान विधायकों के खरीद-फरोख्त का भी मामला सामने आया। बीएस येदियुरप्पा के फ्लोर टेस्ट से पहले कांग्रेस ने बीजेपी पर विधायकों को तोड़ने, डराने और खरीद-फरोख्त का भी आरोप लगाया। इस बीच कांग्रेस ने जनार्दन रेड्डी, येदियुरप्पा और श्रीरामुलु के ऑडियो क्लिप जारी किये, जिनमें ये नेता कांग्रेस विधायकों को पैसों और पद का लालच देने की कोशिश कर रहे थे। इसके अलावा कांग्रेस ने बीजेपी पर अपने दो लापता विधायकों के अपहरण और उन्हें बंधक बनाने का भी आरोप लगाया।

बीएस येदियुरप्पा को सरकार बनाने के बाद राज्यपाल ने 15 दिनों के अंदर बहुमत साबित करने का वक्त दिया था, जिसके विरोध में कांग्रेस और जेडीएस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली। सुप्रीम कोर्ट ने 18 मई को सुनवाई करते हुए अपने आदेश में कर्नाटक के राज्यपाल के फैसले को पलटकर 19 मई की शाम 4 बजे तक सदन में बहुमत पेश करने को कहा। लेकिन 19 मई को जब बीएस येदियुरप्पा सदन में बहुमत साबित करने के लिए खड़े हुए तो उन्होंने अपने भावुक भाषण में राज्य की जनता का धन्यवाद करते हुए अपने सीएम पद से इस्तीफा कर दिया। इस इस्तीफे के बाद बीएस येदियुरप्पा का सीएम के रूप में तीसरा कार्यकाल ढाई दिन का ही रहा। इसके बाद राज्यपाल ने जेडीएस और कांग्रेस को सरकार बनाने का न्योता दिया।

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