राहुल गांधी का मोदी-शाह-संघ पर तीखा हमला, कहा, कर्नाटक के जनादेश का किया अपमान

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि आरएसएस-मोदी-शाह की तिकड़ी किसी संस्था का सम्मान नहीं करती है, और उन्होंने कर्नाटक की जनता ने जो सबक सिखाया है उसे याद रखना चाहिए, कि जनादेश का अपमान करना महंगा पड़ता है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और आरएसएस पर तीखा हमला करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि यह तिकड़ी किसी भी संस्था का सम्मान नहीं करती है। बहुमत परीक्षण से पहले ही बी एस येदियुरप्पा के इस्तीफे की घोषणा के बाद राहुल गांधी ने दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि ये तिकड़ी हर किसी का अपमान कर रही है। राहुल गांधी ने कहा कि वह सभी विपक्षी दलों के साथ मिलकर बीजेपी-आरएसएस को हराएंगे और देश के लोगों की आवाज की रक्षा करेंगे।

राहुल गांधी ने अपनी बात की शुरुआत बीजेपी पर हमले के साथ ही की। बीजेपी को राष्ट्रवाद का रक्षक माना जाता है इन दिनों। राहुल ने कहा कि, “आपने नोटिस किया कि जब कर्नाटक विधानसभा की कार्यवाही होने के बाद राष्ट्रगान बज रहा था, तो प्रोटेम स्पीकर और बीजेपी विधायक सदन छोड़कर चले गए। हम ऐसी ही बातों से लड़ रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि ऐसी कोई संस्था नहीं है जिसका अपमान पी एम मोदी, ‘हत्याभियुक्त’ अमित शाह और आरएसएस ने न किया हो। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट तक को इन लोगों ने नहीं छोड़ा। राहुल ने कहा कि, “इन लोगों ने कर्नाटक के लोगों के जनादेश का अपमान किया, गोवा के जनादेश का अपमान किया, मणिपुर के जनादेश का अपमान किया।”

उन्होंने पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा कि, “प्रधानमंत्री जी भ्रष्टाचार को लेकर तमाम बातें करते हैं, लेकिन पूरे देश ने देख लिया कि किस तरह पीएम ने कांग्रेस और जेडीएस विधायकों को खरीदने का ठेका दिया। मोदी जी खुद भ्रष्टाचार हैं। भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए वह हर काम कर रहे हैं।”

राहुल ने कहा कि “आज कर्नाटक में जो कुछ हुआ उससे सिद्ध हो गया कि भारत में सत्ता की ताकत ही सबकुछ नहीं है, पैसा सबकुछ नहीं है, भ्रष्टाचार सबकुछ नहीं है। बल्कि लोगों का आदेश, उनकी इच्छा सबकुछ है।” राहुल ने कांग्रेस और जेडीएस नेताओँ को इस जीत के लिए बधाई दी और कहा कि देवेगौड़ा की अगुवाई में जेडीएस ने मोदी-शाह-संघ के अहंकार को हराया है।

उन्होंने प्रधानमंत्री को संदेश दिया कि, “प्रधानमंत्री देश में सबसे बड़े नहीं हैं, सबसे बड़े हैं देश के लोग, सुप्रीम कोर्ट, विधानसभाएं। प्रधानमंत्री को देश के लोगों ने चुना है ताकि वह देश की संस्थाओं का सम्मान करें। लेकिन उन्हें यह सब समझ नहीं आता। उनका तो प्रशिक्षण ही ऐसा है कि वे किसी का सम्मान कर नहीं सकते।”

राहुल ने कहा कि पूरा देश देख रहा है कि प्रधानमंत्री के तौर-तरीके लोकतांत्रिक नहीं बल्कि तानाशाही हैं। मीडिया के सवालों के जवाब में राहुल ने कहा कि राज्यपाल वजुभाई वाला इस्तीफा देंगे या नहीं, यह महत्वपूर्ण नहीं है, महत्वपूर्ण है राज्यपाल नाम की संस्था को बचाना, जो पीएम और संघ के इशारों पर काम कर रहे हैं।

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