कश्मीरी छात्रों ने पेश की इंसानियत की मिसाल, महाराष्ट्र में बाढ़ पीड़ितों के लिए कुछ ऐसा किया कि हो रही तारीफ
घर से दूर आर्थिक तंगी का सामना करने वाले कश्मीर के सौ छात्रों ने इस साल ईद का त्योहार नहीं मनाने और अपनी बचत का पैसा दक्षिण-पश्चिम महाराष्ट्र के जिलों के बाढ़ पीड़ितों की सहायता में लगाने का फैसला किया।
![फोटो: आईएएनएस](https://media.assettype.com/navjivanindia%2F2019-08%2F5fc9e142-cbbd-4412-9bb9-b16adcde3909%2Fa7a89d67e7a54b77904bb2e15226029d.jpg?rect=0%2C0%2C1032%2C581&auto=format%2Ccompress&fmt=webp)
घर से दूर आर्थिक तंगी का सामना करने वाले कश्मीर के सौ छात्रों ने इस साल ईद का त्योहार नहीं मनाने और अपनी बचत का पैसा दक्षिण-पश्चिम महाराष्ट्र के जिलों के बाढ़ पीड़ितों की सहायता में लगाने का फैसला किया। इस कार्य के लिए वे स्थानीय ग्रामीणों की सराहना हासिल कर रहे हैं। 'सरहद' के अध्यक्ष संजय नाहर ने कहा कि गैर सरकारी संगठनों 'सरहद' और 'गदजुन्जर मावले' के जरिए जाहिद भट्ट, फिरदौस मीर और यूनुस भट्ट के नेतृत्व में कश्मीरी युवाओं की टीम ने कोल्हापुर के सबसे बुरी तरह से प्रभावित बुबनाल गांव की यात्रा की।
नाहर ने आईएएनएस से कहा, "छात्रों ने महसूस किया कि प्राकृतिक आपदा से बड़े पैमाने पर हुए नुकसान को देखते हुए उन्हें इस बार ईद का त्योहार नहीं मनाना चाहिए और इसके बजाय बचत के पैसे से बाढ़ पीड़ितों की सहायता करनी चाहिए। यह एक सच्चा सराहनीय कदम है।"
बीते सप्ताह उन्होंने ट्रक से कपड़ों, खाद्य सामग्री और घेरलू इस्तेमाल का सामना बुबनाल के 100 परिवारों को दान में दिया।
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Published: 24 Aug 2019, 8:49 AM