मुकदमे लड़ने के लिए नहीं हैं ‘आप’ के पास संसाधन, इसलिए केजरीवाल ने शुरू किया माफी अभियान

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने माफी अभियान शुरु किया है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक मुकदमे लड़ने के लिए संसाधनों की कमी के चलते पार्टी ने तय किया है कि सभी नेताओं से माफी मांग कर सुलह की जाए।

फोटो : सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल ने माफी अभियान शुरु किया है। पहली कड़ी में अवतार सिंह भडाना से माफी मांगने के बाद उन्होंने गुरुवार को पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया से भी माफी मांग ली। मजीठिया पर उन्होंने ड्रग्स के धंधे में शामिल होने का आरोप लगाया था, जिस पर मजीठिया ने उन पर मुकदमा किया है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि केजरीवाल जल्द ही केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली और नितिन गडकरी से भी माफी मांग सकते हैं। जेटली पर केजरीवाल ने दिल्ली क्रिकेट एसोसिएशन में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है, जबकि नितिन गडकरी को उन्होंने एक सभा में देश का सबसे भ्रष्ट राजनीतिज्ञ बताया था। जेटली और गडकरी दोनों ने ही उन पर मानहानि के मुकदमे किए हुए हैं।

न्यूज चैनल एनडीटीवी ने आम आदमी पार्टी प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज के हवाले से बताया है केजरीवाल और पार्टी के दूसरे नेताओं के खिलाफ देश की अलग-अलग अदालतों में दायर मुकदमों को मिल बैठकर या फिर अदालत के बाहर सुलझाने की सलाह पार्टी की लीगल टीम ने दी है। उनका कहना है कि इन मुकदमों के चलते पार्टी के संसाधनों और कार्यकर्ताओं पर दबाव बना हुआ है।

गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल पर मानहानि, पोस्टर लगाने और पाबंदी के बावजूद धरना प्रदर्शन करने जैसे दर्जनों मुकदमे न सिर्फ दिल्ली बल्कि वाराणसी, अमेठी, पंजाब, महाराष्ट्र, गोवा और असम जैसे राज्यों में दर्ज हैं। एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि मजीठिया जैसे मुकदमों में पार्टी ने नेताओं से माफी मांगने की सलाह दी है। साथ ही अब पार्टी नितिन गडकरी और अरुण जेटली से भी संपर्क कर मुकदमों का कोर्ट के बाहर समाधान निकालने की कोशिश करेगी।

गुरुवार को मजीठिया से माफी मांगने के साथ ही केजरीवाल ने पिछले सात महीनों में यह दूसरा माफीनामा जारी किया है। इससे पहले केजरीवाल पिछले साल अगस्त में बीजेपी नेता अवतार सिंह भडाना से माफी मांग चुके हैं। दोनों के बीच 2014 से मानहानि का मुकदमा चल रहा था, जो केजरीवाल की 2014 में भडाना के खिलाफ की गई टिप्पणी को लेकर था।

केजरीवाल के माफीनामे पर कुमार विश्वास ने काव्यात्मक टिप्पणी की है। उन्होंने लिखा है कि “एकता बाँटने में माहिर है, खुद की जड़ काटने में माहिर है, हम क्या उस शख़्स पर थूकें जो खुद, थूक कर चाटने में माहिर है”

वहीं उनके विरोधी कपिल मिश्रा ने प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि, “केजरीवाल ने मजीठिया से लिखित में माफी मांगी, पंजाब में ड्रग के मुद्दे पर झूठ बोलने पर माफ़ी मांगी, ख़ुद लिखकर दिया कि रैलियों में, जनसभाओं में, टीवी, प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, सोशल मीडिया में मजिठिया के बारे में झूठ बोला, केजरवील देश के पहले अधिकारिक झूठे मुख्यमंत्री बन गए”

इसके अलावा कभी केजरीवाल के करीबी रहे योगेंद्र यादव ने भी लिखा कि अगर ये सही है तो केजरीवाल को सार्वजनिक जीवन में रहने का अधिकार नहीं रहा।

विरोधियों के साथ ही केजरीवाल की अपनी पार्टी के विधायक और नेता उनके माफी मांगने से हतप्रभ हैं। पंजाब की खरार सीट से पार्टी विधायक कंवर संधु ने कहा है कि, “बिक्रम मजीठिया से अरविंद केजरीवाल का माफी मांगना जनता के साथ धोखा है, खासतौर से पंजाब के युवाओं को इससे निराशा हुई है। केजरीवाल ने इस कदम से पहले पार्टी की पंजाब इकाई को विश्वास में नहीं लिया। हम पंजाब में संघर्ष करते रहेंगे।”

इस बीच बिक्रम सिंह मजीठिया ने चंडीगढ़ में एक प्रेस कांफ्रेंस कर केजरीवाल के इस कदम को ऐतिहासिक करार दिया है।

यहां यह जानना भी जरूरी है कि बिक्रमजीत सिंह मजीठिया पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल के साले और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर के छोटे भाई हैं।

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Published: 16 Mar 2018, 8:46 AM
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