केरल के मंदिरों में आरएसएस पर बैन, देवस्वम बोर्ड का आदेश, राजनीतिक कार्यक्रम की भी इजाजत नहीं

केरल के मंदिरों में अब आरएसएस अपनी शाखाएं नहीं लगा पाएगा। साथ ही कोई भी राजनीतिक दल मंदिर परिसर में कोई राजनीतिक कार्यक्रम कर पाएगा। इस बारे में केरल में मंदिरों का प्रबंधन करने वाले त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड ने सर्कुलर जारी किया है।

केरल के त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड ने मंदिर परिसरों में आरएसएस की शाखाएं लगाने पर रोक लगा दी है। (फोटो - ट्विटर से)
केरल के त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड ने मंदिर परिसरों में आरएसएस की शाखाएं लगाने पर रोक लगा दी है। (फोटो - ट्विटर से)
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नवजीवन डेस्क

केरल में मंदिरों का प्रबंधन करने वाले त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड ने राज्य के सभी मंदिरों में राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (आरएसएस) की शाखा लगाने पर पाबंदी लगा दी है। बोर्ड ने कहा है कि इसके प्रबंधन वाले सभी 1248 मंदिरों में अब सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान ही आयोजित किए जाएंगे और आरएसएस की शाखाएं लगाने की इजाजत नहीं होगी। बोर्ड ने कहा है कि मंदिर प्रांगण में किसी भी राजनीतिक गतिविधि या कार्यक्रम की भी अनुमति नहीं दी जाएगी।

बोर्ड ने अपने सर्कुलर में स्पष्ट किया है कि इस आदेश का पालन न करने वाले अफसरों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। ध्यान रहे कि त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड ने मार्च 2021 में और फिर 2016 में भी ऐसा ही सर्कुलर जारी किया था कि मंदिर परिसर में धार्मिक अनुष्ठानों के अतिरिक्त किसी और किस्म की गतिविधि खासतौर से राजनीतिक आयोजन नहीं किए जाएं। लेकिन ऐसी सूचनाएं मिलने के बाद कि राज्य के कुछ मंदिरों में आरएसएस की शाखाएं लग रही हैं और संघ के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, बोर्ड ने नए सिरे से सर्कुलर जारी किया है। इस सर्कुलर के जारी होने के बाद सभी मंदिर प्रांगणों में आरएसएस की शाखा लगाने, हथियार प्रशिक्षण देने और अन्य अभ्यास पर रोक लगा दी गई है।

बोर्ड ने कहा है कि सिर्फ संघ ही नहीं बल्कि किसी भी संगठन या राजनीतिक दल को मंदिर परिसर में कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं करने दिया जाएगा। बोर्ड के अधिकारियों ने कहा है कि अगर कहीं भी इस सर्कुलर का उल्लंघन होता है तो उसकी सूचना तत्काल बोर्ड को दी जानी चाहिए। बोर्ड ने आम लोगों से भी इस बारे में बोर्ड को शिकायत भेजने का आग्रह किया है।

बोर्ड के इस फैसले का केरल कांग्रेस ने भी समर्थन किया है। कांग्रेस नेता वी डी सतीशन ने एक अखबार से बातचीत में कहा कि केरल के 90 फीसदी से ज्यादा हिंदू आरएसएस के खिलाफ हैं, ऐसे में मंदिर परिसरों में संघ की गतिविधियों पर रोक एकदम सही है।

इसके अलावा केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने भी मंदिर परिसरों में संघ शाखाओं और संघ द्वारा शस्त्र प्रशिक्षण दिए जाने का विरोध किया था।


बता दें कि त्रावणकोर देवस्वम बोर्ज केरल के 1248 मंदिरों का प्रबंधन संभालता है। बोर्ड एक स्वतंत्र संस्था है। इसका गठन त्रावणकोर कोचीन हिंदू रिलीजियस इंस्टीट्यूशन एक्ट-15 1950 के तहत हुआ था। प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर के सभी अनुष्ठान भी इसी बोर्ड के निर्देशन में होते हैं। त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड के अध्यक्ष वरिष्ठ सीपीएम नेता के अनंतगोपन हैं।

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