किसानों के समर्थन में आए खाप पंचायत, टिकैत बोले- फैसले का मूड बनाओ, पर बचा रहे किसानों का सम्मान 

गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को संबोधित करते हुए किसान नेता नरेश टिकैत ने कहा कि हर समस्या का समाधान है, लेकिन इस समस्या का क्या समाधान हो सकता है? हमें इतनी उम्मीद नहीं थी, जितनी सरकार ने बात खींच दी। अब किसान के मान-सम्मान की बात बन गई है।

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

मोदी सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन 22वें दिन भी जारी रहा। इस बीच बुधवार को गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों की महापंचायत हुई, जिसमें खापों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। इन सभी प्रतिनिधियों ने किसानों को अपना समर्थन दिया। इस दौरान किसान नेता नरेश टिकैत ने कहा, "फैसले का मूड बनाओ, लेकिन किसानों का सम्मान बचा रहना चाहिए।"

गाजीपुर बॉर्डर पर बालियान खाप के मुखिया नरेश टिकैत, लाटीयान खाप के मुखिया मास्टर वीरेंद्र सिंह, देसवाल खाप के मुखिया सरनवीर, चौगामा खाप के मुखिया देवी सिंह आदि शामिल हुए। इनके अलावा गठवाला खाप, अहलावत खाप, खाटीयान खाप और मुड़े खाप आदि के प्रतिनिधि भी शामिल हुए ।

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को संबोधित करते हुए कहा, "हर समस्या का समाधान है, लेकिन इस समस्या का क्या समाधान हो सकता है? हमें इतनी उम्मीद नहीं थी जितनी सरकार ने बात खींच दी। अब किसान के मान-सम्मान की बात बन गई है। आप लोगों की परीक्षा की घड़ी आ गई है। मैं सारे संगठनों को धन्यवाद देता हूं। कोई भी संगठन पीछे नहीं है, हर संगठन किसानों की लड़ाई लड़ रहा है।"

किसान नेता ने कहा, "गाजीपुर बॉर्डर पर खाप चौधरी आए हुए हैं, ये सभी खाप चौधरी बहुत ही जिम्मेदार लोग हैं। गांव के मुख्य फैसले यही खाप के लोग करते हैं। इन सभी का समाज को बचाने में बहुत बड़ा योगदान है। किसानों के साथ लोगों को भी पता है। हम भी इंसान हैं, जनसमस्याओं की सारी जानकारी है। सरकार बस अफवाहें फैला रही है। हमारे किसान भाई शहीद हो गए। मुझे सुनकर बहुत बुरा लगा, खाना भी नहीं खा सका।"

गाजीपुर बॉर्डर पर नरेश टिकैत ने ऐलान करते हुए कहा, "आप सभी किसान हम सभी पर कितना विश्वास कर रहे हैं। कमेटी के 35-40 लोगों के सम्मान को कोई ठेस न पहुंचे, इस बात का ध्यान रखें। हम फैसला चाहते हैं, सरकार पीछे हटे, हम भी पीछे हटने को तैयार हैं।" एक उदाहरण देते हुए नरेश टिकैत ने कहा कि, "न तुम जीते, न हम हारे।"

हालांकि बुधवार को किसान आंदोलन के दौरान हुई एक किसान की मौत पर नरेश टिकैत ने दुख जताया और उनके सम्मान में गाजीपुर बॉर्डर पर 2 मिनट का मौन भी रखा गया। दरअसल कृषि कानून के खिलाफ लगातार किसान प्रदर्शन कर रहें हैं और ये प्रदर्शन आज 22वें दिन भी जारी रहा। ऐसे में किसान इस बात पर अड़े हुए हैं कि सरकार इन कानूनों को वापस ले।

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