बाबासाहेब पर बीजेपी के झूठ का खड़गे ने किया पर्दाफाश, बताया कांग्रेस ने सम्मान देने के लिए क्या-क्या किया

खड़गे ने कहा कि बीजेपी-आरएसएस और उनके पुरखों ने रामलीला मैदान में महात्मा गांधी, पंडित नेहरू, बाबासाहेब डॉ अंबेडकर के पुतले फूँके और भारत के संविधान की प्रतियाँ जलाईं थी। मैं उनको चैलेंज करता हूँ कि बताएं कि राष्ट्रीय आंदोलन में उनकी क्या भूमिका थी?

बाबासाहेब पर बीजेपी के झूठ का खड़गे ने किया पर्दाफाश, बताया कांग्रेस ने सम्मान देने के लिए क्या-क्या किया
बाबासाहेब पर बीजेपी के झूठ का खड़गे ने किया पर्दाफाश, बताया कांग्रेस ने सम्मान देने के लिए क्या-क्या किया
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नवजीवन डेस्क

कर्नाटक के बेलगावी में 'जय बापू-जय भीम-जय संविधान' रैली को संबोधित करते कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि महात्मा गांधी के आदर्श और बाबा साहेब के उसूल हमारी विचारधारा की नींव हैं। यही हमें अन्याय के खिलाफ लड़ने की शक्ति देते हैं। हम इसी शक्ति के साथ देश से अन्याय, अत्याचार और नफरती विचारधारा को हराएंगे।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि बाबासाहेब डॉ अंबेडकर जी को सम्मान देने के लिये कांग्रेस ने जो किया ऐसा शायद दूसरा कोई नहीं कर सकता था। मुंबई से संविधान सभा में लाने के लिए कांग्रेस ने अपने सदस्य एमआर जयकर का इस्तीफा कराया। गांधी जी ने ही संविधान सभा के ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष के लिए बाबासाहेब डॉ अंबेडकर जी के नाम का सुझाव दिया था। भारत सरकार में बाबासाहेब को देश का पहला कानून मंत्री बनाने में भी गांधीजी ने अपना समर्थन दिया था।

खड़गे ने कहा कि राज्य सभा में बाबासाहेब को दो बार बंबई से चुना गया। पहली बार 3 अप्रैल 1952 से 2 अप्रैल 1956 के बीच। दोबारा 3 अप्रैल 1956 को सदस्य बने, पर 6 दिसंबर 1956 को उनका निधन हो गया। कांग्रेस पार्टी चाहती थी कि बाबासाहेब सम्मान सहित राज्य सभा पहुंचे, इसीलिए वो दो-बार निर्विरोध राज्य सभा का चुनाव जीते।


कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी के लोग यह झूठ फैलाने की कोशिश करते हैं कि कांग्रेस ने बाबासाहेब अंबेडकर जी की कोई प्रतिमा नहीं लगाई। 2 अप्रैल 1967 को कांग्रेस सरकार में बाबासाहेब के सम्मान में संसद भवन में उनकी सबसे बड़ी मूर्ति लगाई थी। उस समय डॉ एस राधाकृष्णन जी राष्ट्रपति थे और सरदार हुकुम सिंह जी, जो लोक सभा अध्यक्ष थे, उन्होंने ने प्रतिमा का अनावरण किया था।

खड़गे ने कहा कि बीजेपी-आरएसएस और उनके पुरखों ने भारतीय तिरंगा, हमारे संविधान, हमारे अशोक चक्र, बाबासाहेब अंबेडकर और हमारे स्वतंत्रता संग्राम सबका विरोध किया। आरएसएस ने 52 साल तक नागपुर में अपने मुख्यालय पर देश का तिरंगा नहीं फहराया और कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें मजबूरन फहराना पड़ा।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी-आरएसएस और उनके पुरखों ने रामलीला मैदान में महात्मा गाँधी जी, पंडित जवाहरलाल नेहरू जी, बाबासाहेब डॉ अंबेडकर जी के पुतले फूँके और भारत के संविधान की प्रतियाँ जलाईं थी। मैं उनको चैलेंज करता हूँ कि इतिहास पढ़ें और बताएं कि राष्ट्रीय आंदोलन में उनकी क्या भूमिका थी?


अपने संबोधन में खड़गे ने कहा कि आरएसएस-बीजेपी के लोग संविधान को जलाने और ख़त्म करने वाले लोग हैं। ये देश को तोड़ने वाले लोग हैं। राहुल गांधी जी ने तो देश को जोड़ने के लिए कन्याकुमारी से कश्मीर तक पद यात्रा की। जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी लोगों से कहते थे कि 'भारत छोड़ो आंदोलन' में भाग मत लो। यही नहीं, उन्होंने ब्रिटिश गवर्नर को चिट्ठी लिखकर कहा था कि यदि गांधी जी के इस आंदोलन को नहीं कुचला गया तो बहुत बुरा हो जाएगा।

खड़गे ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में बाबा साहेब का अपमान करते हुए कहा - अगर इतना नाम भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग में जाते। हम सभी ने इस अपमान के विरोध में अमित शाह के खिलाफ धरना दिया और उनका इस्तीफा मांगा। हमारी आज भी वही मांग है कि अमित शाह को अपने पद से इस्तीफा देना होगा। वहीं नरेंद्र मोदी ने कहा था कि महात्मा गांधी जी को दुनिया में 'गांधी' फिल्म आने के बाद पहचान मिली। ये बहुत शर्मनाक बयान है। जिन्होंने कभी इतिहास नहीं पढ़ा, जिन्हें इतिहास की कोई जानकारी नहीं है, आज ऐसे लोग सत्ता में बैठे हैं।

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