खरीफ फसलों का रकबा पिछले साल से 9 फीसदी घटा 

केंद्रीय कृषि सहकारिता एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, देशभर में 631.53 लाख हेक्टेयर में विभिन्न खरीफ फसलों की बुवाई हो चुकी है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में खरीफ फसलों का रकबा 696.35 लाख हेक्टेयर था।

फोटो: सोशल मीडिया 
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आईएएनएस

मानसून की प्रगति के साथ देशभर में खरीफ फसलों की बुवाई में भी पिछले 2 हफ्तों में तेजी आई है, लेकिन चालू खरीफ बुवाई सीजन 2018-19 में पिछले साल के मुकाबले खरीफ फसलों का रकबा अब तक 9 फीसदी पिछड़ा हुआ है। 6 जुलाई तक देश में खरीफ फसलों का रकबा पिछले साल के मुकाबले 14 फीसदी कम थी। केंद्रीय कृषि सहकारिता एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, देशभर में 631.53 लाख हेक्टेयर में विभिन्न खरीफ फसलों की बुवाई हो चुकी है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में खरीफ फसलों का रकबा 696.35 लाख हेक्टेयर था।

धान का रकबा अब तक 156.51 लाख हेक्टेयर हो चुका है जो पिछले साल की समान अवधि में दर्ज रकबा 178.73 लाख हेक्टयर से 12.43 फीसदी कम है। दलहन फसलों का रकबा अब तक 82.41 लाख हेक्टेयर हो गया है जो पिछले साल के 100.94 लाख हेक्टेयर से 17.63 फीसदी कम है।

मोटे अनाज की बुवाई का रकबा 118.84 लाख हेक्टेयर है और यह पिछले साल के 132.88 लाख हेक्टेयर से 10.57 फीसदी कम है। तिलहन फसलों की बुवाई में अधिक प्रगति देखी जा रही है। अब तक देश में 123.58 लाख हेक्टेयर भूमि में हो चुकी है, जबकि पिछले साल की समान अवधि के 123.69 लाख हेक्टेयर में हुई थी। इस तरह तिलहनों का रकबा तकरीबन पिछले साल के बराबर है।

गांवों का रकबा पिछले साल के 49.72 लाख हेक्टेयर से 1.61 फीसदी बढ़कर 50.52 लाख हेक्टेयर हो गया है। चालू सीजन में 92.70 लाख हेक्टेयर में कपास की बुवाई हो चुकी है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में देशभर में कपास का रकबा 104.27 लाख हेक्टेयर था। इस प्रकार कपास का रकबा पिछले साल के मुकाबले 11.09 फीसदी पिछड़ा हुआ है।

जूट और मेस्ता का रकबा 6.97 लाख हेक्टेयर हो चुका है जबकि पिछले साल 7.02 लाख हेक्टेयर था।

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