हरियाणा: कोरोना प्रभावित शवों को चूमने, आलिंगन करने और नहलाने की नहीं होगी परिजनों को इजाजत

हरियाणा में कोरोना से मौत होने पर मृतक के परिजनों को शव को नहलाने, चूमने या आंलिगन करने की अनुमति नहीं होगी। अलबत्ता अंतिम संस्कार के समय धार्मिक ग्रंथों को पढ़ऩे, पवित्र जल के छिडक़ाव या कोई ऐसा कार्य, जिसमें शव को छूने की आवश्यकता नहीं है, की अनुमति होगी।

फोटो : सोशल मीडिया
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धीरेंद्र अवस्थी

हरियाणा सरकार ने कोरोना से मौत होने पर शवों के अंतिम संस्कार के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसके मुताबिक अगर किसी व्यक्ति की मौत कोरोना वायरस से हुई है तो उसके परिजनों को शव को नहलाने, चूमने या आंलिगन करने की अनुमति नहीं होगी। बॉडी बैग थोड़ा सा खोल कर ही मृतक के अंतिम दर्शन हो पाएंगे। अंतिम संस्कार के समय धार्मिक ग्रंथों को पढ़ऩे, पवित्र जल के छिडक़ाव या कोई ऐसा कार्य, जिसमें शव को छूने की आवश्यकता नहीं है, की अनुमति होगी।

इस सिलसिले में हरियाणा सरकार ने कोरोना प्रभावित शवों के प्रबंधन में लगे विभिन्न हितधारकों की भूमिका और जिम्मेदारी निर्धारित कर दी है। कोविड प्रभावित शवों का निपटान करते समय संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए निर्धारित बचाव मानकों का अनुपालन करने के निर्देश जारी किए हैं।

शहरी स्थानीय निकाय विभाग के एक प्रवक्ता ने बुधवार को इस संबंध में व्यापक जानकारी देते हुए बताया कि कोविड -19 के प्रसार को रोकने के लिए सख्त उपायों को अपनाने की अनिवार्यता को ध्यान में रखते हुए नगर निगमों के सभी आयुक्तों, नगर परिषदों के कार्यकारी अधिकारियों और नगर समितियों के सचिवों को शव प्रबंधन के संबंध में जारी किए गए दिशानिर्देशों एवं प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करते हुए कोविड प्रभावित शवों का निपटान करने के लिए प्राधिकृत किया है।

प्रवक्ता ने बताया कि किसी व्यक्ति, संस्था और संगठन द्वारा किसी भी संबंधित आदेश के उल्लंघन को भारतीय दंड संहिता की धारा 188 (1860 में 45) के तहत दंडनीय अपराध माना जाएगा। यह भी आदेश दिए गए हैं कि नगर निगम आयुक्त इस कार्य के लिए संयुक्त आयुक्त या अधीक्षक अभियंता या कार्यकारी अभियंता के स्तर के वरिष्ठï अधिकारी को नोडल अधिकारी पदनामित करेगा, जबकि कार्यकारी अधिकारी और सचिव इस संबंध में अपने-अपने क्षेत्र में नोडल अधिकारी होंगे।


दिशानिर्देशों के अनुसार स्टैंडर्ड इन्फेक्शन कंट्रोल प्रैक्टिस में हाथों को बार-बार साफ करना, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण का उपयोग (जैसे, जल प्रतिरोधी एप्रन, दस्ताने, मास्क, आईवियर) करना, नुकीली चीजों का सुरक्षित रूप से निपटान करना, शव रखे जाने वाले बैग, पीडि़तों पर इस्तेमाल किए गए उपकरणों एवं कपड़ों को कीटाणु रहित करना और आस-पास की सतहों को साफ एवं कीटाणु रहित करना शामिल है।

अधिकारियों द्वारा संतप्त परिवार को बताया जाएगा कि सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए श्मशान घर में बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति से बचना चाहिए, क्योंकि ऐसे में संक्रमण के फैलने की संभावना अधिक रहती है। 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों और 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को शव से सीधे संपर्क में आने से बचना चाहिए और उन्हें श्मशान घर में नहीं ले जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त, बचाव के निर्धारित मानकों का पालन करते हुए स्टाफ को बैग, जिसमें शव रखा गया है, थोड़ा सा खोल कर परिवारजनों को मृतक के अंतिम दर्शन करवाने चाहिए। शव को नहलाने, चूमने या आंलिगन करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

प्रवक्‍ता ने बताया कि संस्कार के समय धार्मिक ग्रंथों को पढऩे, पवित्र जल के छिडक़ाव या कोई ऐसा कार्य, जिसमें शव को छूने की आवश्यकता नहीं है, की अनुमति होगी। राख से संक्रमण के फैलने का खतरा नहीं है, इसलिए अस्थि प्रवाह के लिए उसे एकत्रित किया जा सकता है। इसके अलावा, नगरपालिकाओं द्वारा हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 और हरियाणा नगरपालिका अधिनियम, 1973 के प्रासंगिक प्रावधानों का अनुपालन भी किया जाएगा।

शहरी स्थानीय निकाय विभाग के एक प्रवक्ता ने बुधवार को इस संबंध में व्यापक जानकारी देते हुए बताया कि कोविड -19 के प्रसार को रोकने के लिए सख्त उपायों को अपनाने की अनिवार्यता को ध्यान में रखते हुए नगर निगमों के सभी आयुक्तों, नगर परिषदों के कार्यकारी अधिकारियों और नगर समितियों के सचिवों को शव प्रबंधन के संबंध में जारी किए गए दिशानिर्देशों एवं प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करते हुए कोविड प्रभावित शवों का निपटान करने के लिए प्राधिकृत किया है।

प्रवक्ता ने बताया कि किसी व्यक्ति, संस्था और संगठन द्वारा किसी भी संबंधित आदेश के उल्लंघन को भारतीय दंड संहिता की धारा 188 (1860 में 45) के तहत दंडनीय अपराध माना जाएगा। यह भी आदेश दिए गए हैं कि नगर निगम आयुक्त इस कार्य के लिए संयुक्त आयुक्त या अधीक्षक अभियंता या कार्यकारी अभियंता के स्तर के वरिष्ठï अधिकारी को नोडल अधिकारी पदनामित करेगा, जबकि कार्यकारी अधिकारी और सचिव इस संबंध में अपने-अपने क्षेत्र में नोडल अधिकारी होंगे।

दिशानिर्देशों के अनुसार स्टैंडर्ड इन्फेक्शन कंट्रोल प्रैक्टिस में हाथों को बार-बार साफ करना, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण का उपयोग (जैसे, जल प्रतिरोधी एप्रन, दस्ताने, मास्क, आईवियर) करना, नुकीली चीजों का सुरक्षित रूप से निपटान करना, शव रखे जाने वाले बैग, पीडि़तों पर इस्तेमाल किए गए उपकरणों एवं कपड़ों को कीटाणु रहित करना और आस-पास की सतहों को साफ एवं कीटाणु रहित करना शामिल है।

अधिकारियों द्वारा संतप्त परिवार को बताया जाएगा कि सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए श्मशान घर में बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति से बचना चाहिए, क्योंकि ऐसे में संक्रमण के फैलने की संभावना अधिक रहती है। 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों और 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को शव से सीधे संपर्क में आने से बचना चाहिए और उन्हें श्मशान घर में नहीं ले जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त, बचाव के निर्धारित मानकों का पालन करते हुए स्टाफ को बैग, जिसमें शव रखा गया है, थोड़ा सा खोल कर परिवारजनों को मृतक के अंतिम दर्शन करवाने चाहिए। शव को नहलाने, चूमने या आंलिगन करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

प्रवक्‍ता ने बताया कि संस्कार के समय धार्मिक ग्रंथों को पढऩे, पवित्र जल के छिडक़ाव या कोई ऐसा कार्य, जिसमें शव को छूने की आवश्यकता नहीं है, की अनुमति होगी। राख से संक्रमण के फैलने का खतरा नहीं है, इसलिए अस्थि प्रवाह के लिए उसे एकत्रित किया जा सकता है। इसके अलावा, नगरपालिकाओं द्वारा हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 और हरियाणा नगरपालिका अधिनियम, 1973 के प्रासंगिक प्रावधानों का अनुपालन भी किया जाएगा।

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