यूपी सीएम से किसानों की वार्ता नाकाम, किसान क्रांति यात्रा सुबह 7 बजे करेगी दिल्ली कूच, सीमाएं सील, 144 लागू

फसलों का वाजिब दाम, कर्ज माफी और दूसरे तमाम मुद्दों की मांग उठाने के लिए हरिद्वार से शुरु हुई किसान क्रांति यात्रा दिल्ली के मुहाने पर खड़ी है, लेकिन पुलिस ने उसे दिल्ली में आने की इजाजत नहीं दी है। राजधानी की सीमाएं सील कर निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।

फोटो सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

हरिद्वार रवाना हुई किसान क्रांति यात्रा दिल्ली के मुहाने पर पहुंच गई है। हजारों की तादाद में किसान पैदल, ट्रैक्टर ट्राली और दूसरे वाहनों से दिल्ली कूच के लिए राजधानी दिल्ली की सीमा पर पहुंच चुके हैं। लेकिन पुलिस प्रशासन उन्हें दिल्ली नहीं जाने देना चाहता। किसान यात्रा दिल्ली की सीमा से सटे गाज़ियाबाद में हिंडन नदी पार कर चुकी है। इस यात्रा के वहां पहुंचने के दौरान सड़कों पर किसानों का हुजूम देखने को मिला। ट्रैक्टर, गाड़ियों के अलावा पैदल सैकड़ों किसानों ने लिंक रोड पर वसुंधरा में दो फॉर्म हाउसों में डेरा डाल लिया।

इस बीच किसानों के मनाने के लिए उनकी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से वार्ता कराई गई। लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ किसान नेताओं की काफी देर बातचीत हुई, लेकिन अंत में वार्ता विफल हो गई। इसके बाद किसानों नें मंगलवार सुबह 7 बजे दिल्ली कूच का ऐलान किया है।

यूपी सीएम से किसानों की वार्ता नाकाम, किसान क्रांति यात्रा सुबह 7 बजे करेगी दिल्ली कूच, सीमाएं सील, 144 लागू

गाजियाबाद प्रशासन ने इस यात्रा को शहर के कमला नेहरू नगर में रोकने की योजना बनाई थी, लेकिन किसान चकमा देकर सीधे हिंडन पार इलाके में पहुंच गए। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत और राष्ट्रीय प्रवक्ता नरेश टिकैत के नेतृत्व में हजारों किसान जीटी रोड से होते हुए लिंक रोड स्थित सब्जी मंडी पहुंचे। यहां किसानों ने मंडी के अंदर जाने से इनकार कर दिया। किसानों ने आरोप लगाया कि प्रशासन की योजना उन्हें मंडी के अंदर बंधक बनाने की थी। इसके बाद सैकड़ों किसान सड़क पर बैठ गए, जिसके बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया।

धीरे-धीरे जाम की स्थिति होने लगी तो प्रशासन ने किसानों के वसुंधरा के दो फार्म हाऊस में डेरा डालने के लिए मना लिया। देर रात तक किसान दोनों फार्म हाउस में डटे रहे। किसान नेता राकेश टिकैत ने बताया कि वह सुबह दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगे। गाजियाबाद की जिलाधिकारी रितु महेश्वरी और एस एस पी वैभव कृष्ण ने फार्म हाऊस में किसानों से मुलाकात कर उन्हें दिल्ली न जाने के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन किसान दिल्ली जाने पर अड़े रहे।

किसान क्रांति पदयात्रा को देखते हुए पूर्वी दिल्ली व उत्तर-पूर्वी दिल्ली में धारा 144 लागू कर दी गई है। एक जगह पर पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्रित होने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हरियाणा व यूपी से दिल्ली आने वाले बॉर्डरों को सील कर दिया गया है। पदयात्रा में आने वाले किसानों पर नजर रखने के लिए बॉर्डरों पर भारी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। सादी वर्दी में भी पुलिसकर्मी नजर रखे हुए हैं। दिल्ली पुलिस ने किसान क्रांति पदयात्रा को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी है।

दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के अध्यक्ष राकेश टिकैत हरिद्वार से किसान घाट तक किसान क्रांति पदयात्रा आयोजित कर रहे हैं। उन्होंने गाजियाबाद, प्रीत विहार, गीता कॉलोनी फ्लाईओवर होते हुए दो अक्टूबर को दिल्ली में प्रवेश करने की घोषणा की है। भारी संख्या में किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली व अन्य वाहनों से दिल्ली की तरफ आ रहे हैं। भारी संख्या में किसानों के दिल्ली आने से कानून एवं व्यवस्था की हालत खराब होने के साथ ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा सकती है। इसे देखते हुए पूर्वी जिला व उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सोमवार शाम धारा 144 लागू कर दी गई। इन जिलों में धारा 144 आठ दिन तक लागू रहेगी। एक जगह पर पांच या उससे अधिक लोगों के मुख्य रोड व चौराहों पर एकत्रित होने पर प्रतिबंध रहेगा।

किसी भी तरह की पंचायत, धरने और आम लोगों के जीवन को खतरे में डालने वाली गतिविधि पर प्रतिबंध रहेगा। हथियार (लाइसेंस वाले हथियार), तलवार, चाकू, लाठी-डंडा आदि रखने पर भी प्रतिबंध रहेगा। ट्रैक्टर-ट्रॉली व खेती से संबंधित उपकरणों के दिल्ली में लाने पर प्रतिबंध रहेगा। दिल्ली पुलिस अधिकारियों के अनुसार बॉर्डरों को सील कर दिया गया है। दिल्ली पुलिस को ये भी सूचना मिली है कि हरियाणा से भी काफी किसान पदयात्रा में शामिल होने के लिए दिल्ली आ सकते हैं। इसे देखते हुए दिल्ली व हरियाणा बॉर्डरों को भी सील कर दिया गया है।

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