किसान महापंचायत: दिल्ली-अंबाला हाईवे पर यात्रा करने से बचें, इन रास्तों को भी किया गया डायवर्ट

किसानों पर 28 अगस्त को हुए लाठीचार्ज के विरोध में महापंचायत बुलाई गई है। अंबाला से दिल्ली जाने वाले ट्रैफिक को कुरुक्षेत्र के पिपली से डायवर्ट किए जाने की संभावना है। इसी तरह दिल्ली से अंबाला जाने वाले ट्रैफिक को पानीपत के पेप्सी ब्रिज से डायवर्ट किया जाएगा।

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

हरियाणा पुलिस ने कहा कि किसानों की महापंचायत के कारण करनाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए यातायात बाधित हो सकता है और वाहन चालकों को दिल्ली और अंबाला के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) 44 पर यात्रा करने से बचने की सलाह दी। हालांकि, राजमार्ग पर नियोजित रूट डायवर्जन को अब तक लागू नहीं किया गया है। जरूरत पड़ने पर मंगलवार सुबह करीब नौ बजे से इन डायवर्जन को लागू कर दिया जाएगा।

इस बीच, कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए करनाल और आसपास के चार जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। इन चार जिलों में कुरुक्षेत्र, जींद, कैथल और पानीपत शामिल हैं।किसानों पर 28 अगस्त को हुए लाठीचार्ज के विरोध में महापंचायत बुलाई गई है। अंबाला से दिल्ली जाने वाले ट्रैफिक को कुरुक्षेत्र के पिपली से डायवर्ट किए जाने की संभावना है। इसी तरह दिल्ली से अंबाला जाने वाले ट्रैफिक को पानीपत के पेप्सी ब्रिज से डायवर्ट किया जाएगा।


किसान करनाल की अनाज मंडी में इकट्ठा होंगे और मिनी सचिवालय की ओर बढ़ने से पहले एनएच 44 पर विरोध मार्च निकालेंगे।

भारतीय किसान यूनियन (हरियाणा) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ुनी ने सोमवार को करनाल में मीडिया से कहा, "करनाल प्रशासन के साथ बैठक का कोई नतीजा नहीं निकला है।" उन्होंने कहा, "हम अपनी योजना के अनुसार मिनी सचिवालय का 'घेराव' करेंगे।"

प्रदर्शनकारी किसान 28 अगस्त को पुलिस कार्रवाई का आदेश देने वाले आईएएस अधिकारी और प्रदर्शन कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

उन्होंने घरुंडा के एक किसान सुशील काजल के परिजनों को 25 लाख रुपये का मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की भी मांग की है, जिन्हें लाठीचार्ज में सिर में चोट लगी थी और बाद में दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई। किसान घायलों के लिए दो-दो लाख रुपये मुआवजे की भी मांग कर रहे हैं।

किसान मोर्चा ने कहा कि हरियाणा सरकार अब केवल एक ही रणनीति पर काम कर रही है कि किसी भी तरह की हिंसा उकसा कर किसानों के विरोध को बदनाम किया जाए। मोर्चा ने कहा, "हम अपने विरोध में किसी भी प्रकार की हिंसा की अनुमति नहीं देंगे।" मोर्चा ने किसानों से हर हाल में शांति बनाए रखने और किसी भी तरह की हिंसा नहीं होने देने की अपील की है।

इस बीच जिला प्रशासन ने करनाल में पहले ही सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर जनता के इकट्ठा होने पर रोक लगा दी है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) नवदीप सिंह विर्क ने कहा कि अंबाला-दिल्ली राजमार्ग पर करनाल जिले में कुछ यातायात बाधित हो सकता है।

उन्होंने कहा, "एनएच 44 का उपयोग करने वाली आम जनता को सलाह दी जाती है कि वे करनाल शहर से यात्रा न करें और 7 सितंबर को अपने गंतव्य तक जाने के लिए वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करें।"

उन्होंने कहा, "सभी नागरिकों को इन व्यवस्थाओं के बारे में पहले से सूचित किया जा रहा है ताकि वे किसी भी असुविधा से बचने के लिए अपनी यात्रा की योजना बना सकें और उसमें बदलाव कर सकें।"

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