जानिए, धनतेरस पर क्यों खरीदते हैं झाड़ू, बर्तन, क्या है इसका महत्व?

देशभर में आज धनतेरस का त्योहार मनाया जा रहा है। सेहतमंद रहने के लिए सफाई जरूरी है और कहा जाता है कि जहां सफाई होती है वहीं लक्ष्मी का वास होता है। इसलिए यह मान्यता है कि धनतेरस पर झाड़ू खरीदने से घर में लक्ष्मी आती है।

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

धनतेरस पर सोना, चांदी जैसी महंगी धातुओं के साथ-साथ पीतल के बर्तन और झाड़ू खरीदने की परंपरा है। दरअसल, धनतेरस सुख, समृद्धि और आरोग्य का पर्व है। इसी दिन आरोग्य के देवता धन्वन्तरि अवतरित हुए थे। सेहतमंद रहने के लिए सफाई जरूरी है और कहा जाता है कि जहां सफाई होती है वहीं लक्ष्मी का वास होता है। इसलिए यह मान्यता है कि धनतेरस पर झाड़ू खरीदने से घर में लक्ष्मी आती है। देशभर में आज धनतेरस का त्योहार मनाया जा रहा है।

साहित्याचार्य पंडित दिनेश कुमार मिश्र बताते हैं कि समुद्र मंथन के दौरान आरोग्य के देवता धन्वंतरि इसी कार्तिक कृष्ण के त्रयोदशी को अमृत कलश लेकर अवतरित हुए थे।

पंडित दिनेश कुमार मिश्र कहते हैं कि भगवान धन्वंतरि अमृत-कलश लेकर अवतरित हुए थे, इसलिए कलश के प्रतीक के रूप में लोग पीतल के बर्तन खरीदते हैं और अमृत में ऐसी औषधियां हैं जो आरोग्य प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि धनतेरस पर धनिया के बीज खरीदने की भी परंपरा है क्योंकि इसमें औषधीय गुण होते हैं। इस दिन लक्ष्मी की पूजा अर्चना भी की जाती है।



पंडित मिश्र कहते हैं कि धनतेरस का त्योहार दिवाली से पहले आता है और आमतौर पर दिवाली से पहले लोग घरों की सफाई करते हैं जिसके लिए झाड़ू की आवश्यकता होती है इसलिए इस दिन झाड़ू खरीदने की परंपरा है। वहीं, दिवाली के दिन कलश स्थापित होता है और नये बर्तन की जरूरत होती है, इसलिए लोग धनतेरस के दिन बर्तन खरीदते हैं।

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