कुणाल कामरा विवादः हमले के बाद अस्थायी रूप से बंद हुआ हैबिटेट क्लब, बयान जारी कर उठाया बड़ा सवाल

क्लब ने कहा कि हमने फैसला लिया है कि हम तब तक काम बंद रखेंगे, जब तक कि हम निश्चिंत नहीं हो जाएं कि अब हमें या हमारी संपत्ति को कोई खतरा नहीं है। हम संपत्ति को खतरे में डाले बिना स्वतंत्र अभिव्यक्ति के लिए एक मंच जब तक नहीं खोज लेते तब तक वापसी नहीं करेंगे।

कुणाल कामरा विवादः हमले के बाद अस्थायी रूप से बंद हुआ हैबिटेट क्लब, बयान जारी कर उठाया बड़ा सवाल
कुणाल कामरा विवादः हमले के बाद अस्थायी रूप से बंद हुआ हैबिटेट क्लब, बयान जारी कर उठाया बड़ा सवाल
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नवजीवन डेस्क

कॉमेडियन कुणाल कामरा द्वारा महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का नाम लिए बिना मजाक बनाने पर शिवसेना कार्यकर्ताओं द्वारा हमला कर तोड़फोड़ करने के बाद ‘द हैबिटेट क्लब’ को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। इसकी जानकारी देते हुए क्लब ने सोशल मीडिया पर अपना बयान जारी करते हुए बड़ा सवाल उठाया है।

रविवार को शिवसेना कार्यकर्ताओं के तोड़फोड़ की घटना के बाद हैबिटेट क्लब ने तोड़फोड़ को लेकर बयान में कहा, “हम हाल ही में हुई घटनाओं को लेकर स्तब्ध और चिंतित हैं। कलाकार अपने विचारों और रचनात्मकता के लिए पूरी तरह जिम्मेदार हैं। हमारा इससे कोई भी संबंध नहीं है। हम कभी भी किसी कलाकार के कंटेंट में शामिल नहीं रहे हैं, लेकिन हाल की घटनाओं ने हमें इस बारे में फिर से विचार करने पर मजबूर कर दिया है कि हमें हर बार दोषी बनाकर निशाना बनाया जाता है, जैसे कि हमने ही कंटेंट तैयार किया हो।“


क्लब ने कहा, “हमने फैसला लिया है कि हम तब तक काम बंद रखेंगे, जब तक कि हम निश्चिंत नहीं हो जाएं कि अब हमें या हमारी संपत्ति को कोई खतरा नहीं है। हम अपनी संपत्ति को खतरे में डाले बिना स्वतंत्र अभिव्यक्ति के लिए एक मंच जब तक नहीं खोज लेते तब तक वापसी नहीं करेंगे। हम सभी कलाकारों और दर्शकों को स्वतंत्र रूप से चर्चा करने और अपने विचार साझा करने के लिए आमंत्रित करते हैं और आपके मार्गदर्शन का अनुरोध करते हैं ताकि हम कलाकारों के अधिकारों का भी सम्मान कर सकें। हैबिटेट हमेशा से कलाकारों के लिए किसी भी भाषा में अपना काम सामने लाने के लिए एक शानदार मंच रहा है।"

हैबिटेट क्लब ने बयान में आगे कहा, “केवल एक मंच प्रदान करने से लोगों को अपनी रचनात्मकता को खोजने, अपनी प्रतिभा को विकसित करने और नया करियर खोजने में मदद मिलती है। मंच तब तक कलाकार का होता है जब तक वह उस पर होता है। कलाकार अपने कंटेंट खुद बनाते हैं, उनके शब्द, भाव सब कुछ उनके अपने होते हैं। हम किसी भी तरह की नफरत या नुकसान का समर्थन नहीं करते हैं। हिंसा और विनाश कला और संवाद की मूल भावना को कमजोर करते हैं।“

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