चक्रवात मोंथा आंध्र प्रदेश के तट से टकराया, भारी बारिश, ओडिशा में भूस्खलन, कई जगह पेड़ उखड़े

आईएमडी ने कहा कि मोंथा के उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और अगले 2 घंटों के दौरान काकीनाडा के दक्षिण में मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच आंध्र प्रदेश और यनम तट को पार करने की संभावना है। इस दौरान 110 किमी प्रति घंटे की गति तक हवा चल सकती है।

चक्रवात मोंथा आंध्र प्रदेश के तट से टकराया, भारी बारिश, ओडिशा में भूस्खलन, कई जगह पेड़ उखड़े
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नवजीवन डेस्क

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि आंध्र प्रदेश के तट से भीषण चक्रवाती तूफान मोंथा के (एससीएस) टकराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और यह अगले तीन से चार घंटों तक जारी रहेगी। वहीं ओडिशा के तटीय और दक्षिणी जिलों में तूफान की वजह से भारी बारिश के कारण भूस्खलन हुआ, घरों को नुकसान पहुंचा और कई जगह पेड़ भी उखड़ गए। थाई भाषा में ‘मोंथा’ का अर्थ सुगंधित फूल होता है।

आईएमडी ने मंगलवार शाम ‘एक्स’ के अपने आधिकारिक हैंडल पर किये एक पोस्ट में कहा कि तूफान की नवीनतम स्थिति से संकेत मिलता है कि इसके तट से टकराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। आईएमडी ने कहा, ‘‘नवीनतम अवलोकनों से संकेत मिलता है कि तूफान के तट से टकराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह प्रक्रिया अगले तीन से चार घंटों तक जारी रहेगी।

इसके बाद एक और पोस्ट में आईएमडी ने कहा कि गंभीर चक्रवाती तूफान "मोंथा" के उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और अगले 2 घंटों के दौरान काकीनाडा के दक्षिण में मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच आंध्र प्रदेश और यनम तट को पार करने की संभावना है। इस चक्रवाती तूफान में अधिकतम 90-100 किमी प्रति घंटे से 110 किमी प्रति घंटे की गति तक हवा चल सकती है।

इससे पहले ओडिशा के तटीय और दक्षिणी जिलों में भीषण चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ की वजह से मंगलवार को भारी बारिश होने से भूस्खलन हुआ, घरों को नुकसान पहुंचा और कई जगह पेड़ भी उखड़ गए। मौसम विभाग ने बताया कि मोंथा के तट से टकराने की शुरुआत पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश के काकीनाडा में शाम लगभग सात बजे से हुई, जो तीन से चार घंटे तक जारी रहेगी।

दक्षिणी ओडिशा के आठ जिलों मलकानगिरी, कोरापुट, रायगढ़ा, गजपति, गंजम, कंधमाल, कालाहांडी और नवरंगपुर से नुकसान की प्रारंभिक खबरें प्राप्त हुई हैं। हालांकि, क्षेत्र के कुल 15 जिलों में जनजीवन प्रभावित हुआ है। गजपति जिले के अनाका ग्राम पंचायत से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पास की पहाड़ियों से बड़े-बड़े पत्थर गिरे, जिससे पांच गांवों की सड़कें अवरुद्ध हो गईं। स्थानीय पंचायत पदाधिकारी बालकृष्ण मलिक ने बताया, “इस जगह को पहले भूस्खलन-प्रवण क्षेत्र के रूप में पहचाना गया था। इसलिए सड़कों से पत्थरों को जल्द से जल्द हटाने के लिए व्यवस्था की गई है।”


गजपति के काशीनगर ब्लॉक की परतोदा पंचायत में लिंगा-बारभा मार्ग पर भी भूस्खलन की सूचना मिली है। रायगढ़ जिले के गुनुपुर, गुदारी और रामनागुड़ा इलाकों में भी पेड़ उखड़ गए।विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया, “चक्रवात के राज्य से गुजरने के बाद विभिन्न जिलों से हुए नुकसान की रिपोर्ट संकलित की जाएगी।”

गजपति जिले से मिली जानकारी के मुताबिक, पोतारा पंचायत में चक्रवात आश्रय स्थल के प्रबंधन में लगे एक आपूर्ति सहायक की सोमवार रात अचानक बीमार पड़ने से मौत हो गई।पंचायत समिति सदस्य लोकनाथ दलाई ने बताया कि मृतक की पहचान सुरेंद्र गमांग के रूप में हुई है, जो सोमवार को लोगों को चक्रवात आश्रय स्थल पर ला रहा था।

पुलिस ने अब तक गमांग की मौत के कारण की पुष्टि नहीं की है। गजपति जिले के मोहना से मिली जानकारी के अनुसार, लगातार बारिश के कारण एक कच्चा मकान ढह गया, जिससे एक व्यक्ति घायल हो गया। एक अधिकारी ने बताया कि तेज हवा की वजह से इलाके के एक मकान की टिन की छत उड़ गई।

भुवनेश्वर मौसम विज्ञान केंद्र की निदेशक डॉ. मनोरमा मोहंती ने बताया, “शाम लगभग सात बजे भीषण चक्रवाती तूफान मोंथा के टकराने की शुरुआत हुई और यह प्रक्रिया तीन से चार घंटे तक जारी रहेगी।” मोहंती ने बताया कि तूफान के आगमन के दौरान हवा की गति 80 से 90 किलोमीटर प्रति घंटा थी, जो 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है।

एक आधिकारिक रिपोर्ट में बताया गया कि सोमवार से अब तक 1,871 गर्भवती महिलाओं को विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में स्थानांतरित किया गया है, जिनमें से 452 महिलाओं ने बच्चों को जन्म दिया है। प्रशासन ने पहले ही नौ जिलों में स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों को 30 अक्टूबर तक बंद करने की घोषणा कर दी है, जबकि पूर्वी तटीय रेलवे ने वाल्टेयर क्षेत्र और उससे जुड़े मार्गों पर चलने वाली कुछ ट्रेनों को रद्द करने, उनके मार्ग बदलने तथा कुछ समय के लिए उन्हें बीच में ही रोकने की घोषणा की है। सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां भी 30 अक्टूबर तक रद्द कर दी गई हैं।


विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) डी. के. सिंह ने बताया कि प्रशासन ने पर्यटकों और स्थानीय लोगों को समुद्र तटों पर जाने से रोकने के लिए सभी समुद्री तटों को सील कर दिया है। पुरी से मिली खबर के अनुसार, चक्रवात ‘मोंथा’ के मद्देनजर मंगलवार को पर्यटकों को समुद्र में नहाने से रोकने पर कुछ लोगों ने एक लाइफगार्ड की कथित तौर पर पिटाई कर दी, जिससे वह घायल हो गया। पुलिस ने बताया कि एक पर्यटक की पत्नी ने समुद्र में जाने से रोकने के लिए लाइफगार्ड की कथित तौर पर चप्पल से पिटाई की।

समुद्र की स्थिति बेहद खराब होने पर राज्य सरकार ने मछुआरों को 29 अक्टूबर तक ओडिशा तट के आसपास बंगाल की खाड़ी में न जाने की सलाह दी है। पूर्वी तट रेलवे द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, 61 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया, दो के मार्ग बदल दिए गए और पांच ट्रेनों को बीच में ही समाप्त/समय से पहले ही शुरू कर दिया गया जबकि आठ अन्य ट्रेनों के समय में परिवर्तन किया गया है।

विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने एक वीडियो संदेश में लोगों से चक्रवात ‘मोंथा’ से निपटने में प्रशासन का सहयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “आप जानते हैं कि तूफान ‘मोंथा’ आ रहा है। हमने पहले भी कई तूफानों का सफलतापूर्वक सामना किया है। इसलिए डरें नहीं। सतर्क रहें। प्रशासन को पूरा सहयोग दें।”