बिहार पुलिस के लिए शराबबंदी कानून बना जी का जंजाल, लागू करने में विफल रहने पर फिर 3 थानेदार निलंबित

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल में कानून-व्यवस्था की समीक्षा बैठक में इस मामले पर चिंता व्यक्त करते हुए डीजीपी से ऐसे थानेदारों के खिलाफ जांच करने को कहा था, जो अपने इलाके में शराब तस्करी को रोकने में असमर्थ रहे हैं। इसके बाद ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई जारी है।

फोटोः सोशल मीडिया
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आसिफ एस खान

बिहार के सीएम नीतीश कुमार का महत्वाकांक्षी कानून शराबबंदी अब बिहार पुलिस के लिए जी का जंजाल बन गया है। इस कानून को लागू करने में विफल रहने पर लगातार पुलिस वालों पर गाज गिर रही है। ताजा मामले में राज्य के तीन एसएचओ को डीजीपी एके सिंघल के आदेश के बावजूद अपने थाना क्षेत्र में शराबबंदी कानून लागू करवाने में विफल रहने पर सेवा से निलंबित कर दिया गया है।

पटना में निषेध विभाग के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, "इन सभी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और पिछले दिनों उनके द्वारा की गई अन्य अनियमितताओं का पता लगाने के लिए उच्च स्तरीय जांच शुरू की गई है।" इससे पहले, पटना के कंकड़बाग, वैशाली में गंगा पुल, मुजफ्फरपुर के अगियापियर और मीनापुर में पुलिस थानों के एसएचओ को इसी तरह के आरोप में निलंबित कर दिया गया था।

दरअसल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल में कानून-व्यवस्था की समीक्षा बैठक में इस मामले पर चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने डीजीपी से ऐसे एसएचओ के खिलाफ जांच करने को कहा था, जो अपने संबंधित क्षेत्राधिकार में शराब की तस्करी को रोकने में असमर्थ रहे हैं। इसके बाद पुलिस मुख्यालय ने ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए अभियान तेज कर दिया।

कैमूर के एसपी दिलनवाज अहमद ने इस मामले की पुष्टि की और कहा कि एक निषेधाज्ञा टीम ने कैमूर का दौरा किया और जांच के बाद कुद्रा पुलिस स्टेशन के एसएचओ को निलंबित कर दिया गया। अधिकारियों ने आरोपों को सच पाया। इसके बाद, उन्होंने एसएचओ शक्ति कुमार सिंह को निलंबित कर दिया।

रोहतास जिले के मुफस्सिल थाने के एसएचओ राकेश कुमार सिंह को भी निषेध टीम ने निलंबित कर दिया था, क्योंकि उनके अधिकार क्षेत्र से भारी मात्रा में शराब और कच्ची सामग्री जब्त की गई थी। वहीं पुलिस टीम द्वारा एक महिला तस्कर सरिता देवी को गिरफ्तार करने के बाद गया जिले के रोशनपुर के एसएचओ प्रभात कुमार शरण को भी निलंबित कर दिया गया। एसएचओ ने कथित तौर पर महिला के बजाय उसके पति महेश भुईया के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। अधिकारी ने यह भी कहा कि रोहतास और मोहनिया के दो एसडीपीओ को भी मामले पर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया है।

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