राम मंदिर के आसपास चल रही हैं शराब की दुकानें, यह अयोध्या का अपमान है: अजय राय

अजय राय ने कहा कि साफ़ है कि इस सरकार ने पैसे कमाने के लिए अयोध्या में शराब की दुकानें खोली हैं। भगवान राम की अयोध्या नगरी को मदिरामय कर दिया गया है। यह अयोध्या का अपमान है।

राम मंदिर के आसपास चल रही हैं शराब की दुकानें, यह अयोध्या का अपमान है: अजय राय
राम मंदिर के आसपास चल रही हैं शराब की दुकानें, यह अयोध्या का अपमान है: अजय राय
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नवजीवन डेस्क

उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने गुरुवार को दावा किया कि अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर के आसपास शराब की कई दुकानें संचालित हो रही हैं जबकि प्रशासन ने 13 किलोमीटर के दायरे में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया था। अजय राय ने कहा कि यह अयोध्या का अपमान है। राज्य सरकार की तरफ से फिलहाल इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

अजय राय ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अयोध्या में नगर निगम कार्यसमिति ने एक मई, 2025 को राम पथ के 13 किलोमीटर के दायरे में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन असलियत यह है कि रामजन्मभूमि के आसपास के कई इलाकों में शराब की दुकानें संचालित हो रही हैं।’’

उन्होंने दावा किया कि जिस अयोध्या को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, उसका सच अब सामने आ गया है। राय ने कहा, ‘‘साफ़ है कि इस सरकार ने पैसे कमाने के लिए अयोध्या में शराब की दुकानें खोली हैं। भगवान राम की अयोध्या नगरी को मदिरामय कर दिया गया है। यह अयोध्या का अपमान है।’’


अजय राय ने ‘बीबीसी’ की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, ‘‘सरकारी आंकड़े बनाम जमीनी सच्चाई सबके सामने है, बाकी महाकुंभ को लेकर सरकार ने अभी तक कोई आंकड़ा जारी नहीं किया। सरकार ने भगदड़ में 37 मौतों की पुष्टि की, जबकि एक रिपोर्ट के अनुसार 82 लोगों की मौत हुई है।’’ कांग्रेस नेता के अनुसार, सरकार ने 36 लोगों को 25-25 लाख रुपए दिए, 26 लोगों को 5-5 लाख रुपए दिए। उन्होंने दावा किया कि यह पैसा जिला अधिकारी और तहसील के लोग देते हैं लेकिन सरकार ने पैसे पुलिस से दिलवाए जो कि अपने आप में बड़ा सवाल है।

अजय राय ने कहा, ‘‘महाकुंभ भगदड़ के मृतकों में 19 लोगों का कोई वारिस नहीं था। दुर्भाग्य यह रहा कि सरकार ने केएन वासुदेवाचार्य का नाम 'लावारिस' की सूची में डाल दिया और उनके शव का वाराणसी में 'लावारिस तरीके' से अंतिम संस्कार कराया। केएन वासुदेवाचार्य, आरएसएस के पूर्व विचारक केएन गोविंदाचार्य के छोटे भाई थे।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि साफ है कि उत्तर प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश और देशवासियों से झूठ बोल रहे हैं।

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