लॉकडाउन ने मजदूरों के बाद नौकरीपेशा की भी तोड़ी कमर, 13 लाख खाताधारकों ने पीएफ से निकाले हजारों करोड़ रुपये

लॉकडाउन के दौरान पीएफ खाताधारक तेजी से अपना पैसा निकाल रहे हैं। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के मुताबिक, अब तक करीब 13 लाख खाताधारकों ने 4684.52 करोड़ रुपये निकाले हैं। खास बात है कि इनमें से 7.40 लाख दावे प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना पैकेज से जुड़े हैं।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

देश पर छाए कोरोना संकट के कारण लगाए गए लॉकडाउन का असर मजदूर वर्ग के बाद अब मध्यम और नौकरीपेशा वर्ग पर पड़ने लगा है। लॉकडाउन के साथ ही आर्थिक अनिश्चितता बढ़ने के चलते बड़े पैमाने पर नौकरीपेशा वर्ग द्वारा अपने भविष्य निधि का पैसा निकाला जा रहा है। जो साबित करता है कि लॉकडाउन के कारण देश का एक बड़ा वर्ग आर्थिक तंगी में आ चुका है। इसीलिए वह अब वह अपने पीएफ का पैसा भी खाते से निकालने पर मजबूर है।

मिली जानकारी के अनुसार लॉकडाउन के चलते मिली छूट के बाद पीएफ खाताधारक तेजी से अपना पैसा निकाल रहे हैं। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के मुताबिक, अब तक करीब 13 लाख खाताधारक इस सुविधा का लाभ उठा चुके हैं। उनके दावों पर 4684.52 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। खास बात है कि इनमें से 7.40 लाख दावे प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना पैकेज से जुड़े हैं।

श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के मुताबिक, छूट प्राप्त पीएफ ट्रस्ट से भी पैसा निकालने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है। बीते 27 अप्रैल के आंकड़ों के मुताबिक कुल 79,743 छूट प्राप्त पीएफ ट्रस्ट से जुड़े खाताधारकों ने 875.52 करोड़ रुपये खातों से निकाल लिए हैं। इसी तरह 222 निजी प्रतिष्ठानों के 54641 खाताधारकों ने 338.23 करोड़, जबकि 76 पब्लिक सेक्टर के प्रतिष्ठानों के 24178 लाभार्थियों ने 524.75 करोड़ रुपये अपने खातों से निकाले। इसी तरह 23 सहकारी सेक्टर के प्रतिष्ठानों ने भी 924 खाताधारकों को 12.54 करोड़ रुपये दिए।

दरअसल बीते 26 मार्च को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 1.70 लाख करोड़ का पैकेज घोषित किया था। जिसमें कोविड 19 से आर्थिक संकट का सामना कर रहे पीएफ खाताधारकों को भी पैसे निकालने की सुविधा दी गई थी। घोषणा के बाद ईपीएफ स्कीम- 1952 के पैरा 68एल में एक नया सब-पैरा (3) जोड़ा गया। जिसके तहत कोई खाताधारक खाते की राशि का 75 प्रतिशत या फिर तीन महीने के महंगाई भत्ते (जो भी कम हो) के बराबर पैसे की निकासी कर सकता है। पैसा निकालने के बाद खाताधारक को फिर से खाते में जमा करने की जरूरत नहीं होगी।

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