लोकसभा चुनाव 2024: UP में कठिन है BJP के लिए पहले चरण की राह, 2019 में 8 में से 5 सीटों पर मिली थी करारी हार

उत्तर प्रदेश की जिन आठ लोकसभा सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान होना है, इनमें से पिछले चुनाव के दौरान पांच सीटों पर भारतीय जनता पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण के लिए चुनाव प्रचार थम गया है। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां की 8 सीटों पर पहले चरण के लिए चुनाव होने हैं। पहले चरण में सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, नगीना, मुरादाबाद, रामपुर और पीलीभीत लोकसभा सीट पर 19 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। हर राजनीतिक पार्टियों ने वोटरों को रिझाने के लिए ऐड़ी चोटी का दम लगाय है।

यू तो हर पार्टी के लिए ये चुनाव अहम है, लेकिन मिशन-80 के दावे के साथ प्रदेश के चुनावी मैदान में उतरी भारतीय जनता पार्टी के लिए पहला चरण सबसे महत्वपूर्ण होने वाला है। दरअसल, उत्तर प्रदेश की जिन आठ लोकसभा सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान होना है, इनमें से पिछले चुनाव के दौरान पांच सीटों पर भारतीय जनता पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था।

ऐसे में पार्टी ने इस चरण में पूरा जोर लगाया है। बीजेपी के लिए ये चुनाव कितना महत्वपूर्ण हैं इस बात का अंदाजा पीएम मोदी की रैलियों से लगाया जा सकता है। पीएम नरेंद्र मोदी स्वयं चुनावी मैदान में उतरे। पीएम नरेंद्र मोदी ने पश्चिमी यूपी को साधने के लिए चार कार्यक्रमों में भाग लिया। मेरठ से चुनावी रैली की शुरुआत करने के बाद पीएम मोदी सहारनपुर और पीलीभीत में जनसभा को संबोधित कर चुके हैं। वहीं, गाजियाबाद में रोड शो के जरिए उन्होंने पश्चिमी यूपी से खुद को जोड़ने की कोशिश की है।

सहारनपुर लोकसभा सीट

सहारनपुर लोकसभा सीट की बात करें तो यहां त्रिकोणीय मुकाबले के आसार जताए जा रहे हैं। बीजेपी ने लोकसभा सीट से पूर्व सांसद राघव लखनपाल को एक बार फिर उम्मीदवार बनाया है। राघव ने 2014 में सहारनपुर लोकसभा सीट से जीत दर्ज की थी। हालांकि, 2019 में यह सीट सपा-बसपा गठबंधन के तहत बसपा के पाले में गई। बसपा के फजलुर्हमान ने इस सीट से जीत दर्ज की। इस बार, विपक्षी गठबंधन के तहत यह सीट कांग्रेस के खाते में गई है। कांग्रेस ने यहां से इमरान मसूद को मैदान में उतारा है। यहां के चुनावी माहौल को भांपे तो वे राघव को कड़ी टक्कर देते दिख रहे हैं। वहीं बसपा ने यहां से माजिद अली को टिकट दिया है। 2019 चुनाव की बात करें तो 2019 में यह सीट सपा-बसपा गठबंधन के तहत बसपा के पाले में गई। बसपा के हाजी फजलुर रहमान ने इस चुनाव में बीजेपी के राघव लखनपाल को 22,417 वोट से हराया था।

बिजनौर लोकसभा सीट

बिजनौर लोकसभा सीट पर अलग चुनावी गणित बन गया है। गठबंधन के तहत यह सीट राष्ट्रीय लोक दल के खाते में गई है। इस सीट पर आरएलडी ने चंदन चौहान को चुनावी मैदान में उतारा है। चंदन चौहान मीरापुर से विधायक हैं। वहीं, सपा ने यहां से दीपक सैनी को चुनावी मैदान में उतारा है। वो 2009 में सांसद रहे हैं, एक बार फिर चुनावी मैदान में हैं। वहीं, बसपा ने विजेंद्र सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है। 2019 चुनाव की बात करें तो इस चुनाव में बसपा ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी। बीएसपी के मलूक नागर ने बीजेपी के भर्तेंद्र सिंह को 69,941 वोट से हराया था।

नगीना लोकसभा सीट

नगीना लोकसभा सीट पर मुकाबला चतुष्कोणीय बन गया है। भारतीय जनता पार्टी ने यहां से ओम कुमार को चुनावी मैदान में उतारा है। नटहौर विधानसभा से तीन बार वो विधायक रह चुके हैं। इस बार नगीना से लोकसभा प्रत्य़ाशी हैं। वहीं, सपा की ओर से मनोज कुमार चुनावी मुकाबले में है। जिला कोर्ट में जज रहे मनोज कुमार ने इस्तीफा देकर राजनीति में कदम रखा था। वहीं, बसपा ने सुरेंद्र पाल सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है। सुरेंद्र पास सिंह पेशे से वकील है और 2022 में विधानसभा चुनाव लड़ा था। लेकिन हार गए थे। अब पार्टी ने लोकसभा चुनाव का टिकट दिया है। वहीं, मुकाबले को रोचक बनाते भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद रावण दिख रहे हैं। 2019 में ये सीट भी बीएसपी के खाते में आई थी। यहां से गिरीश चंद्रा ने बीजेपी के डॉ. यशवंत सिंह को 1,66,832 वोट से हराया था।

मुरादाबाद लोकसभा सीट

मुरादाबाद लोकसभा सीट पर सपा ने डॉ. एसटी हसन का टिकट काट दिया। डॉ. हसन ने लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी के सर्वेश सिंह से सीट छीनी थी। अखिलेश यादव ने आखिरी वक्त में टिकट काटकर बिजनौर से पूर्व विधायक रुचि वीरा को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं, बीजेपी ने एक बार फिर 5 बार के विधायक और 2014 में सांसद रहे सर्वेश सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है। बसपा ने यहां से इरफान सैफी को चुनावी मैदान में उतारा है। 2012 से 2017 तक इरफान ने 3 बार निर्दलीय चुनाव लड़ा। इस बार बसपा के लोकसभा प्रत्याशी हैं। 2019 चुनाव में इस सीट पर सपा ने जीत दर्ज की थी। सपा के डॉ एसटी हसन ने बीजेपी के कुंवर सर्वेश कुमार को 97,878 वोट से हराया था।

रामपुर लोकसभा सीट

रामपुर में होने वाले चुनावों में पिछले तीन दशकों में आजम फैक्टर हावी दिखता है, पिछली बार उन्होंने इस सीट पर जीत दर्ज की थी। लेकिन, कोर्ट से सजा के ऐलान के बाद उनकी सांसदी और विधायिकी चली गई। रामपुर सीट पर बीजेपी ने एक बार फिर घनश्याम सिंह लोधी पर दांव लगाया है। घनश्याम लोधी ने लोकसभा उप चुनाव 2022 में जीत दर्ज की थी। वो दो बार से एमएलसी भी रहे हैं। वहीं सपा ने रामपुर सीट पर मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी को उम्मीदवार बनााया है। उधर, बसपा कैंडिडेट जीशान खान अपनी अलग उम्मीदों के साथ चुनावी मैदान में हैं। 2019 में आजम खान को 559,177 को इतने वोट मिले थे। उन्होंने बीजेपी के जयाप्रदा नहाटा को हराया था। हालांकि आजम खान की सांसदी चले जाने के बाद हुए उपचुनाव में बीजेपी के घनश्याम सिंह लोधी ने चुनाव जीता था। उन्होंने सपा के असीम रजा को 42,192 वोट से हराया था।

पीलीभीत लोकसभा सीट

पीलीभीत लोकसभा सीट पर बीजेपी ने नए चेहरे को चुनावी मैदान में उतारा है। बीजेपी ने यहां से यूपी सरकार में मंत्री जितिन प्रसाद को चुनावी मैदान में उतारा है। बीजेपी ने यहां से सांसद वरुण गांधी का टिकट काटा है। वहीं, समाजवादी पार्टी ने भगवतसरन गंगवार और बसपा ने अनीस अहमद खां फूल बाबू को चुनावी मैदान में उतार दिया है। सपा उम्मीदवार भगवतसरन गंगवार नवाबगंज से पांच बार के विधायक रहे हैं। इस बार लोकसभा प्रत्याशी हैं। वहीं बसपा उम्मीदवार के पिता बीसलपुर नगर पालिका के दो बार अध्यक्ष रह चुके हैं। इस बार पार्टी ने बेटे को लोकसभा प्रत्याशी बनाया है। 2019 में यहां से भी बीजेपी ने जीत दर्ज की थी। वरुण गांधी ने सपा उम्मीदवार हेमराज वर्मा को 2,55,627 वोटों से हराया था।

मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट

मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर इस बार ठाकुरों की नाराजगी सत्ताधारी बीजेपी के लिए चुनौती बन सकती है। बीजेपी के डॉ. संजीव बालियान यहां पर वर्ष 2014 से सांसद है। 2019 के लोकसभा चुनाव में काफी कम अंतर से जीत दर्ज करने में कामयाब हुए थे। इस बार फिर डॉ. संजीव बालियान चुनावी मैदान में हैं। उनके सामने चुनावी मैदान में उतरे सपा कैंडिडेट हरेंद्र मलिक मुस्लिम, जाट और बालियान से नाराज वोटरों को साधने में जुटे हैं। हरेंद्र मलिक पिछली बार कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे थे। बसपा ने यहां से दारा सिंह प्रजापति को चुनावी मैदान में उतार है। 2019 में बीजेपी के संजीव कुमार बालयान ने RLD के नेता और अध्यक्ष रहे अजीत सिंह को 6,526 वोट से हराया था। अजीत सिंह की मृत्यु 6 मई 2021 को हो गई थी। हालांकि इस बार आरएलडी बीजेपी के साथ गठबंधन में है।

कैराना लोकसभा सीट

कैराना में चुनावी मुकाबला भी दिलचस्प है। बीजेपी ने यहां से एक बार फिर सांसद प्रदीप चौधरी पर दांव खेला है। वहीं, समाजवादी पार्टी ने 27 साल की इकरा हसन को चुनावी मैदान में उतार कर युवाओं के बीच लोकप्रियता बढ़ाने की कोशिश की। वहीं, BSP की टिकट पर श्रीपाल राणा यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। क्षेत्र में डेढ़ लाख से अधिक गुर्जर वोट हैं। वहीं छह लाख से अधिक मुस्लिम वोटर भी हैं। 2019 चुनाव में यह सीट बीजेपी के खाते में आई थी। बीजेपी के प्रदीप कुमार ने सपा के तबस्सुम बेगम को 92,160 वोट से हराया था।

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