लोकसभा चुनावः इंडिया गठबंधन के नेताओं ने चुनाव आयोग से की मुलाकात, पोस्टल बैलेट की पहले गिनती की रखी मांग

कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि हमने मतगणना प्रक्रिया के दौरान बहुत कड़ी निगरानी रखने का अनुरोध किया। हमने किसी नियम पर सवाल नहीं उठाया, बल्कि यह मांग रखी कि उनका पालन हो और ईमानदारी से उनका पालन सुनिश्चित किया जाए।

इंडिया गठबंधन के नेताओं ने चुनाव आयोग से की मुलाकात, पोस्टल बैलेट की पहले गिनती की रखी मांग (फोटोः विपिन)
इंडिया गठबंधन के नेताओं ने चुनाव आयोग से की मुलाकात, पोस्टल बैलेट की पहले गिनती की रखी मांग (फोटोः विपिन)
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नवजीवन डेस्क

लोकसभा चुनाव के वोटों की 4 जून को होने वाली गिनती से पहले रविवार को इंडिया गठबंधन में शामिल विभिन्न दलों के नेताओं ने दिल्ली में चुनाव आयोग के मुख्यालय पहुंचकर चुनाव आयुक्तों से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान इंडिया के नेताओं ने निष्पक्ष और पारदर्शी मतगणना के लिए आयोग के सामने कई मांगें रखीं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण मांग पोस्टल बैलट की पहले गिनती करना है।

चुनाव आयोग से मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, "आज हम चुनाव आयोग के पास पहुंचे हैं। पहला मुद्दा- पोस्टल बैलेट जोकि एक जानी-मानी प्रक्रिया है। पोस्टल बैलेट परिणाम में निर्णायक साबित होते हैं, इसलिए चुनाव आयोग का एक प्रावधान है जिसके अंतर्गत कहा गया है कि पोस्टल बैलेट की गिनती पहले की जाएगी। हमारी शिकायत थी कि चुनाव आयोग ने 2019 की गाइडलाइन से इसे हटा दिया है, इसका परिणाम यह है कि ईवीएम की पूरी गणना के बाद अंत तक भी पोस्टल बैलेट की गिनती की घोषणा करना अनिवार्य नहीं रहा है। यह आवश्यक है कि पोस्टल बैलेट जो निर्णायक साबित होता है उसकी गिनती पहले करना अनिवार्य हो।


कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि हमने मतगणना प्रक्रिया के दौरान बहुत कड़ी निगरानी रखने का अनुरोध किया और उन्होंने हमें संतोषजनक उत्तर दिया। हमने किसी नियम पर सवाल नहीं उठाया, बल्कि यह सुनिश्चित किया कि उनका पालन हो और ईमानदारी से उनका पालन किया जाए। बैठक बहुत आशाजनक रही। हमने लोगों से मुलाकात की और कुछ अनुमान लगाए हैं। उन अनुमानों में कहा गया है कि सरकार हमारी बनेगी...ऐसे एग्जिट पोल भी हैं जो कहते हैं कि कांग्रेस बहुत अच्छी स्थिति में है...हमें उम्मीद है कि हम सरकार बनाएंगे।

चुनाव आयोग से इंडिया गठबंधन के प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात के बाद सीपीआई (एम) महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, "मांगें थीं कि 2019 के चुनाव तक प्रक्रिया और कानून यह था कि पहले डाक मतपत्रों की गिनती की जाएगी और घोषणा की जाएगी और उसके बाद ईवीएम की गिनती शुरू होगी। हम कह रहे हैं कि इसका पालन किया जाना चाहिए।" भाकपा महासचिव डी राजा ने कहा कि हमारी मुख्य मांग है कि चुनाव आयोग को चुनाव संचालन नियम 1961 की धारा 54 ए का कड़ाई से पालन करना चाहिए।


एग्जिट पोल के अनुमानों पर कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ (विधानसभा) चुनावों के दौरान एग्जिट पोल ने क्या भविष्यवाणी की थी, किसी ने भी बीजेपी को स्पष्ट बहुमत नहीं दिया था। हम सभी को यह भी याद है कि पश्चिम बंगाल (विधानसभा) चुनावों के दौरान क्या हुआ था। जनता का पोल हमेशा एग्जिट पोल से बड़ा होता है। हमें लगता है कि (एग्जिट पोल में) डेटा अतिरंजित है।

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