लोकसभा चुनावः 102 सीट पर मतदान खत्म, बंगाल में सर्वाधिक, बिहार में सबसे कम वोटिंग, इन दिग्गजों की किस्मत EVM में बंद

पहले चरण में 102 सीटों पर मतदान हुआ। इन 102 सीटों पर कुल 1,625 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। मतदान के साथ ही 9 केंद्रीय मंत्रियों और विपक्ष के कई बड़े नेताओं की किस्मत का फैसला वोटिंग मशीन में बंद हो गया।

102 सीट पर मतदान खत्म, बंगाल में सर्वाधिक, बिहार में सबसे कम वोटिंग
102 सीट पर मतदान खत्म, बंगाल में सर्वाधिक, बिहार में सबसे कम वोटिंग
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नवजीवन डेस्क

लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 102 सीटों पर शुक्रवार को सुबह से जारी मतदान शाम 6 बजे संपन्न हो गया। कुछ जगहों पर लंबी कतार होने की वजह से लाइन में लगे मतदाताओं को अभी वोट डालने की इजाजत दी गई है। पहले चरण में औसत वोटिंग हुई है। शाम पांच बजे तक लगभग 60 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। हिंसा की कुछ छिटपुट घटनाओं के बावजूद पश्चिम बंगाल में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में सबसे अधिक मतदान दर्ज किया गया। यहां 5 बजे तक 77.57 फीसदी मतदान हुआ। जबकि सबसे कम बिहार में 46 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।

पहले चरण में 102 सीटों पर मतदान हुआ। इन 102 सीटों पर कुल 1,625 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। मतदान के साथ ही 9 केंद्रीय मंत्रियों और विपक्ष के कई बड़े नेताओं की किस्मत का फैसला वोटिंग मशीन में बंद हो गया। आज जिन केंद्रीय मंत्रियों के भाग्य का फैसला ईवीएम में बंद हुआ उनमें नागपुर से नितिन गडकरी, डिब्रूगढ़ से सर्बानंद सोनोवाल, अरुणाचल पश्चिम से किरण रिजिजू, उधमपुर से जितेंद्र सिंह, अलवर से भूपेंद्र यादव, बीकानेर से अर्जुन राम मेघवाल, कूचबिहार से निशिथ प्रमाणिक और तमिलनाडु के नीलगिरी से एल मुरुगन के नाम शामिल हैं।

अन्य राज्यों की बात करें तो शाम 5 बजे तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में 57.54, तमिलनाडु में 62.08, मध्य प्रदेश में 63.25, महाराष्ट्र में 54.85 और राजस्थान में 50.27, त्रिपुरा में 76.10, असम में 70.77, पुडुचेरी में 72.84, मेघालय में 69.91, मणिपुर में 68.62, सिक्किम में 68.06, जम्मू कश्मीर में 65.08, अरुणाचल प्रदेश में 63.97, छत्तीसगढ़ में 63.41, लक्षद्वीप में 59.02, अंडमान एवं निकोबार द्वीप में 56.87, नागालैंड में 55.02, उत्तराखंड में 53.56 और मिजोरम में 53.03 प्रतिशत मतदान हुआ है।


लोकसभा चुनाव के पहले चरण में जिन महत्वपूर्ण सीटों पर चुनाव हुआ उनमें नागपुर, कन्याकुमारी, चेन्नई सेंट्रल, मुज्जफनगर, सहारनपुर, कैराना, पीलीभीत, डिब्रूगढ़, जोरहाट, जयपुर, छिंदवाड़ा, जमुई, बस्तर, नैनीताल और लक्षद्वीप शामिल हैं। पहले चरण के मुख्य चेहरों में उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से जितिन प्रसाद, तमिलनाडु से कार्ति चिदंबरम, तमिलनाडु के कोयंबटूर से बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई, चेन्नई सेंट्रल से दयानिधि मारन और छिंदवाड़ा से नकुलनाथ के नाम शामिल हैं।

चुनाव आयोग के मुताबिक पहले चरण के मतदान के लिए देश भर में 1.87 लाख मतदान केंद्र बनाए गए थे। इन मतदान केद्रों पर कुल 16.63 करोड़ से अधिक मतदाता थे। शराब, नशीले पदार्थों, नकदी आदि की अवैध खेप पर नजर रखने के लिए 1,374 अंतरराज्यीय और 162 अंतरराष्ट्रीय सीमा चौकियों पर निगरानी रखी गई। शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने के लिए सड़क मार्ग और सीमाओं के अलावा समुद्री और हवाई मार्ग पर भी कड़ी निगरानी रखी गई।

वोटिंग सुबह 7 बजे शुरू हुई और शाम 6 बजे खत्म हुई। (मतदान समाप्ति का समय कुछ स्थान पर भिन्न था)। इन 102 सीटों पर 16.63 करोड़ से अधिक मतदाताओं में 8.4 करोड़ पुरुष, 8.23 करोड़ महिलाएं और 11,371 थर्ड जेंडर थे। 35.67 लाख पहली बार वोट डालने योग्य हुए मतदाता थे। इसके अतिरिक्त, 20-29 वर्ष आयु वर्ग के 3.51 करोड़ युवा मतदाता और 85 वर्ष से अधिक आयु के 14.14 लाख से अधिक पंजीकृत मतदाता थे। 13.89 लाख विकलांग व्यक्ति (पीडब्ल्यूडी) भी इस चुनाव में मतदाता रहे। इन्हें घर से ही मतदान करने का विकल्प प्रदान किया गया था।

मतदान और सुरक्षा कर्मियों को लाने-ले जाने के लिए 41 हेलीकॉप्टर, 84 विशेष ट्रेनें और लगभग 1 लाख वाहन तैनात किए गए थे। सभी मतदान केंद्रों पर माइक्रो ऑब्जर्वर की तैनाती के साथ 50 प्रतिशत से अधिक मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की गई। चुनाव आयोग ने कुल 4,627 उड़न दस्ते, 5,208 सांख्यिकी निगरानी दल, 2,028 वीडियो निगरानी दल और 1,255 वीडियो देखने वाली टीमें तैनात की थी। शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने 18 लाख से अधिक मतदान अधिकारियों की तैनाती की थी।

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