अजय मिश्रा की बर्खास्ती की मांग से गूंज उठा लोकसभा, विपक्ष के हंगामे के बीच दिन भर के लिए स्थगित हुई कार्यवाही

इससे पहले दिन में सदन की कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लखीमपुर खीरी कांड के लिए केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा को जिम्मेदार बताते हुए उन्हें अपराधी भी बताया और सरकार से उन्हें बर्खास्त करने की मांग की।

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी हिंसा को 'सुनियोजित साजिश' बताने वाली एसआईटी की रिपोर्ट के बाद आज लोकसभा में कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी की मांग को लेकर हंगामा किया, जिसके चलते सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी। अपराह्न् 2 बजे सदन की कार्यवाही पुन: शुरू होने के 12 मिनट के भीतर ही सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया।

अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी को लेकर विपक्ष की ओर से लगातार जताए जा रहे विरोध के बीच दोपहर दो बजे जब निचले सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो सदन की अध्यक्षता कर रहे बीजेडी सदस्य बी. महताबने विपक्ष के विरोध और नारेबाजी के बीच मंत्रियों और सदस्यों को सदन में कागजात रखने की अनुमति दी। अध्यक्ष ने केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री को विविधता (संशोधन) विधेयक 2021 पेश करने के लिए भी कहा और विधेयक को सदन में पेश किया गया।


इस बीच, विपक्षी सदस्य, जो पहले से ही विरोध जताते हुए वेल की तरफ आ चुके थे, मंत्री को बर्खास्त करने की मांग को लेकर तख्तियां दिखाने लगे। महताब ने प्रदर्शनकारी सदस्यों को शांत करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने अध्यक्ष के अनुरोध पर कोई ध्यान नहीं दिया, जिसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।

इससे पहले दिन में भी निचले सदन को 20 मिनट के भीतर स्थगित कर दिया गया था, जब सुबह 11 बजे अजय मिश्रा को लेकर सरकार के खिलाफ विपक्ष द्वारा लगातार तीखे हमले किए गए। अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रदर्शनकारी सदस्यों को अपनी सीटों पर वापस जाने और सदन का काम चलने देने के लिए मनाने की कोशिश की। प्रश्नकाल शुरू करने के उद्देश्य से, बिरला ने विपक्षी सांसदों से संपर्क किया और उन्हें यह आश्वासन दिया कि उन्हें अपना मुद्दा उठाने का मौका दिया जाएगा और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को बोलने के लिए कहा।


राहुल गांधी ने लखीमपुर खीरी कांड के लिए केंद्रीय मंत्री मिश्रा को जिम्मेदार बताते हुए उन्हें अपराधी भी बताया और सरकार से उन्हें बर्खास्त करने की मांग की। इस पर अध्यक्ष ने उन्हें यह कहकर बाधित किया कि उन्हें प्रश्नकाल के लिए उनके द्वारा सूचीबद्ध की गई बातों पर टिके रहना चाहिए, अन्य मुद्दों पर नहीं। इसके बाद उन्होंने अपने-अपने मुद्दों को उठाने के लिए अन्य सदस्यों का भी नाम लिया। इससे विपक्षी दल भड़क उठे और वे ऊंची आवाज में नारे लगाने लगे।

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Published: 16 Dec 2021, 6:00 PM