मध्य प्रदेश विधानसभा में गूंजा पोषण आहार घोटाले का मुद्दा, कांग्रेस चर्चा की मांग पर अड़ी, सदन करना पड़ा स्थगित

कांग्रेस की ओर से लगातार पोषण आहार घोटाले को लेकर दिए गए स्थगन पर चर्चा कराने की मांग की जाती रही और कहा गया कि चर्चा के बाद मुख्यमंत्री का वक्तव्य हो, मगर ऐसा हुआ नहीं। मुख्यमंत्री का वक्तव्य पहले कराया गया, जिस पर कांग्रेस विधायकों ने हंगामा किया।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

मध्य प्रदेश विधानसभा में आज पोषण आहार घोटाले पर जमकर हंगामा हुआ। इस मुद्दे पर चर्चा कराए जाने को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष में जमकर नोकझोंक हुई, जिसके चलते दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित की गई और फिर अंतत: विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को कार्यवाही गुरुवार तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।

विधानसभा के मानसून सत्र में विपक्ष पूरी तरह सत्ता पक्ष को घेरने की तैयारी में है और ऐसा ही कुछ आज नजर भी आया। पूर्व मंत्री और विधायक पीसी शर्मा हाथ में तख्ती लेकर बच्चों के साथ विधानसभा पहुंचे और उन्होंने भोपाल के निजी स्कूल में बच्ची के साथ हुई घटना पर विरोध दर्ज कराया। इसके साथ ही कांग्रेस के कई विधायक पोषण आहार घोटाले को लेकर तख्तियां लेकर जाने लगे तो उन्हें पुलिस ने रोका, सदन में इसको लेकर हंगामा हुआ

नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने आरोप लगाया कि पुलिस द्वारा कांग्रेस के विधायक पांची लाल मेड़ा से धक्का-मुक्की की गई है। वहीं बीजेपी विधायक उमाकांत शर्मा पर कांग्रेस विधायक का कॉलर पकड़ने और धक्का देने का आरोप लगाया, जिस पर संसदीय कार्य मंत्री डा नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि विपक्ष के विधायक ने हमारे विधायक की कॉलर पकड़ी है।

इस दौरान कांग्रेस की ओर से लगातार पोषण आहार घोटाले को लेकर दिए गए स्थगन पर चर्चा कराने की मांग की जाती रही और कहा गया कि चर्चा के बाद मुख्यमंत्री का वक्तव्य हो, मगर ऐसा हुआ नहीं। मुख्यमंत्री का वक्तव्य पहले कराया गया, जिस पर कांग्रेस विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया, परिणाम स्वरूपदो बार कार्यवाही स्थगित की गई, मगर विपक्ष स्थगन पर चर्चा की मांग पर अड़ा रहा परिणाम स्वरूप कार्यवाही को गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया।


विधानसभा में पोषण आहार पर चर्चा कराए जाने को लेकर कांग्रेस विधायक और सत्ता पक्ष के मंत्रियों के बीच जमकर नोकझोंक हुई, मंत्री गोपाल भार्गव ने प्रश्नकाल के बाद चर्चा की बात कही तो नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कहा कि प्रश्नकाल में पोषण आहार के मुद्दों को छोड़कर अन्य विषय पर वक्तव्य दिए जाएं। इसी बीच मुख्यमंत्री अपनी बात कहने खड़े हुए तो विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। लगातार हंगामा हुआ और कांग्रेस ने सीधे सरकार पर आरोप लगाए कि वह चर्चा से भाग रही है।

इस हंगामे के दौरान कमलनाथ ने कहा कि मैं संसदीय कार्य मंत्री रहा हूं। मुझे सबसे ज्यादा इसकी जानकारी है। यहां पर मुख्यमंत्री और मंत्री पहले बोल रहे हैं और बाद में हमें बोलने को कहा जा रहा है। इसका जवाब देते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कमलनाथ संसदीय ज्ञान के जानकार हैं। उनसे पूछा जाना चाहिए कि क्या सरकार को यह हक नहीं है कि बड़ी घटना को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम पर सरकार अपनी बात रखें। मेरे वक्तव्य के बाद नेता प्रतिपक्ष बोलें, फिर हम जवाब देंगे चर्चा से कोई भाग नहीं रहा है।

बता दें कि पिछले दिनों महालेखागार की रिपोर्ट में पोषण आहार में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद से कांग्रेस हमलावर है और वह सदन में सरकार को घेरना चाहती है। वहीं बीजेपी लगातार इस मुद्दे पर चर्चा कराने से बचना चाह रही है। महालेखागार की रिपोर्ट से पोषण आहार मामले में कई सनसनीखेज खुलासे हुए हैं।

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