मध्य प्रदेश: कमलनाथ का आदिवासियों को तोहफा, साहूकारों से लिया गया कर्ज किया माफ, डेबिट कार्ड देने का वादा

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार को घोषणा की है कि प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों द्वारा साहूकारों से लिए गए सभी कर्ज माफ हो जाएंगे। साथ ही उनसे डेबिट कार्ड देने का वादा किया, जिसके जरिए कार्डधारी 10 हजार रुपये तक की राशि हासिल कर सकेंगे।

फोटो: सोशल मीडिया
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आईएएनएस

मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ ने आदिवासियों को सौगात के तौर पर साहूकारों से लिए गए उनके कर्ज माफ करने की घोषणा। इसके साथ ही उन्होंने इस वर्ग के लोगों को डेबिट कार्ड देने का वादा किया, जिसके जरिए कार्डधारी 10 हजार रुपये तक की राशि हासिल कर सकेंगे। विश्व आदिवासी दिवस पर स्थानीय पोलो ग्राउंड में शुक्रवार को आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने यह ऐलान किया है।

कमलनाथ ने आदिवासियों द्वारा कर्ज के लिए जमीन, जेवरात गिरवी रखने का जिक्र करते हुए कहा, “साहूकारों का आदिवासी विकासखंडों के आदिवासियों पर 15 अगस्त तक के जो कर्ज हैं, अब उसे लौटाना नहीं पड़ेगा। वे कर्ज माफ किए जाएंगे। अब जो भी व्यक्ति कर्ज देना चाहता है, उसे साहूकारी का लायसेंस लेना होगा। यह लाभ उन आदिवासी परिवारों को मिलेगा, जो अनुसूचित क्षेत्र में निवासरत है। साथ ही जेवरात और जमीन को वापस दिलाने के प्रयास भी होंगे।”

उन्होंने आगे कहा, “आदिवासियों को अगर बगैर लायसेंसधारी साहूकार ने कर्ज दिया तो वह गैर कानूनी होगा। आदिवासी परिवार में जन्म लेने पर 50 कुंटल अनाज मिलेगा और मृत्यु पर 100 किलोग्राम अनाज दिया जाएगा। भोजन के लिए बर्तन भी उपलब्ध कराए जाएंगे।”गौरतलब है कि राज्य के 19 जिलों के 89 विकासखंड अधिसूचित क्षेत्र हैं, जहां आदिवासी निवास करते हैं।


कमलनाथ ने आगे कहा, “इन अधिसूचित क्षेत्र के आदिवासियों को कर्ज लेने की जरूरत न पड़े, इसके लिए उन्हें डेबिट कार्ड दिए जाएंगे, जिसके जरिए वे जरूरत पड़ने पर 10 हजार रुपये तक की राशि हासिल कर सकेंगे। आदिवासियों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए हाट-बाजारों में एटीएम व्यवस्था भी की जाएगी।” इस मौके पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जनजातीय कार्य विभाग का नाम बदलने का भी एलान किया। अब इस विभाग का नाम आदिवासी विकास विभाग होगा।

उन्होंने आगे कहा, “आदिवासी महापुरुषों शंकर शाह और रघुनाथ शाह की याद में जबलपुर में संग्रहालय और स्मारक बनाएंगे। वनग्राम की परंपरा खत्म कर राजस्व ग्राम कहलाएंगे।” इस मौके पर राज्य सरकार के मंत्री ओमकार सिंह मरकाम, सुखदेव पांसे, क्षेत्रीय सांसद नकुलनाथ सहित अनेक नेता मौजूद रहे।

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