मध्य प्रदेश: जबलपुर में दवा विभाग की छापेमारी, खांसी की दवा से 15 दिन में 6 बच्चों की मौत! कई बीमार
जबलपुर के ड्रग इंस्पेक्टर शरद कुमार जैन ने बताया कि कटारिया फार्मास्यूटिकल्स ने चेन्नई की एक कंपनी से कोल्डरिफ कफ सिरप की 660 बोतलें मंगवाई थीं। इनमें से 594 बोतलें छिंदवाड़ा में सप्लाई की गईं। बाकी 66 बोतलें कोल्ड स्टोरेज में रखी गईं।

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में संदिग्ध खांसी की दवा पीने के बाद 15 दिनों के भीतर 6 बच्चों की मौत और 30 से अधिक बच्चों के बीमार पड़ने का मामला सामने आया है। इस घटना के बाद दवा और औषधि विभाग ने जबलपुर स्थित कटारिया फार्मास्यूटिकल्स के डिस्ट्रीब्यूटर पर छापेमारी की है।
6 बच्चों की मौत, कई अस्पताल में भर्ती
जानकारी के मुताबिक, छिंदवाड़ा जिले में बच्चों को ‘कोल्डरिफ कफ सिरप’ पिलाया गया था। सिरप पीने के बाद बच्चों की तबीयत बिगड़ गई। 30 से ज्यादा बच्चों को नागपुर के अलग-अलग अस्पतालों में रेफर करना पड़ा। इनमें से 6 बच्चों की मौत हो गई है।
डिस्ट्रीब्यूटर ने दी सफाई
कटारिया फार्मास्यूटिकल्स के डिस्ट्रीब्यूटर राजपाल कटारिया ने कहा, "हमने यह खांसी की दवा छिंदवाड़ा में सप्लाई की थी। बच्चों के बीमार होने के बाद उन्हें नागपुर के अस्पतालों में भर्ती कराया गया। इस दौरान 6 बच्चों की जान चली गई। हमने यह दवा न्यू अपना एजेंसी, आयुष फार्मा और जैन मेडिकल एंड जनरल स्टोर्स में सप्लाई की थी। कोल्डरिफ सिरप चेन्नई की एक कंपनी से मंगवाया गया था।"
ड्रग इंस्पेक्टर का बयान
जबलपुर के ड्रग इंस्पेक्टर शरद कुमार जैन ने बताया, "जांच में सामने आया कि कटारिया फार्मास्यूटिकल्स ने चेन्नई की एक कंपनी से कोल्डरिफ कफ सिरप की 660 बोतलें मंगवाई थीं। इनमें से 594 बोतलें छिंदवाड़ा में सप्लाई की गईं। बाकी 66 बोतलें कोल्ड स्टोरेज में रखी गईं। इनमें से 16 बोतलों को जांच के लिए भोपाल स्थित लैब में भेजा गया है।"
जांच जारी, रिपोर्ट का इंतजार
दवा विभाग ने फिलहाल बची हुई बोतलों को सील कर दिया है और लैब रिपोर्ट आने तक इनका इस्तेमाल रोक दिया गया है। रिपोर्ट आने के बाद ही यह साफ हो सकेगा कि खांसी की सिरप में कोई घातक तत्व मिला था या नहीं।
क्षेत्र में दहशत और गुस्सा
इस घटना से छिंदवाड़ा और आसपास के इलाकों में दहशत फैल गई है। जिन परिवारों के बच्चों की मौत हुई है, वहां शोक का माहौल है। ग्रामीणों ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है ताकि आगे ऐसी घटनाएं न हों।
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