MP चुनाव से पहले BJP के गले की फांस बनेंगे कई नेता? 40 से ज्यादा विधायकों का टिकट काटने की तैयारी में पार्टी!

मध्य प्रदेश में इस बार BJP ने अपने 40 से ज्यादा वर्तमान विधायकों का टिकट काट कर उनकी जगह युवा और नए चेहरे को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

मध्य प्रदेश में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होना है, तमाम पार्टियां चुनाव की तैयारियों में लगी है, बीजेपी की ओर से कई उम्मीदवारों के नाम का ऐलान भी कर दिया गया है, लेकिन इन सबके बीच पार्टी अभी भी कई ऐसी सीटों पर उम्मीदवारों के नाम को लेकर कन्फ्यूज है। यही वजह है कि अब पार्टी को आभास होने लगा है कि उसे विरोध का सामना करना पड़ सकता है। उधर खबर है कि बीजेपी 40 से ज्यादा मौजूगा विधायकों का टिकट काटने की तैयारी कर रही है। अगर ऐसा हुआ तो वोटिंग तक ये नेता शिवराज के गले की फांस बन सकते हैं।

हालांकि बीजेपी इस पुरानी गलतियों में सुधार मान रही है। पार्टी नेताओं का कहना है कि 2018 की गलतियों से सबक लेते हुए बीजेपी इस बार अपने रणनीति में व्यापक बदलाव कर रही है। न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने बीजेपी सूत्रों के हवाले से बताया कि पार्टी ने राज्य के एक-एक विधान सभा सीट पर जीत हार के समीकरण को लेकर और वर्तमान विधायकों की सक्रियता, लोकप्रियता, उम्र, जनाधार और जीतने की क्षमता को लेकर कई स्तरों पर व्यापक और बड़े पैमाने पर सर्वे करवाए हैं।

पार्टी ने दूसरे राज्यों के नेताओं और खासकर विधायकों को मध्य प्रदेश में उतार कर हर विधान सभा सीट की ग्राउंड जानकारी एकत्र की है और इस आधार पर पार्टी ने अपने वर्तमान विधायकों को बड़े पैमाने पर बदलने का फैसला किया है। खबर के मुताबिक, पार्टी इस बार अपने 40 से ज्यादा वर्तमान विधायकों का टिकट काट कर उनकी जगह युवा और नए चेहरे को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है ताकि सत्ता विरोधी लहर को मात देकर उन सीटों पर फिर से जीत हासिल की जा सके।

हालांकि, टिकट कटने वाले नेताओं की लिस्ट में कुछ ऐसे विधायक भी शामिल हैं जिनकी उम्र 75 पार हो चुकी है। आपको बता दें कि, 2018 के पिछले विधान सभा चुनाव में बीजेपी को कांग्रेस से थोड़ा ज्यादा वोट हासिल होने के बावजूद राज्य में सिर्फ 109 सीटों पर ही जीत हासिल हो पाई थी। जबकि, कांग्रेस के उम्मीदवार 114 सीटों पर जीते थे। 2018 में बीजेपी को मध्य प्रदेश में 41.02 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे। जबकि, कांग्रेस को बीजेपी से थोड़ा कम 40.89 प्रतिशत वोट मिला था। बाद में ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे के विधायकों के इस्तीफे के कारण कमलनाथ की सरकार गिर गई और शिवराज सिंह चौहान फिर से राज्य के मुख्यमंत्री बने।

सिंधिया गुट के इस्तीफा देने वाले कई विधायक बीजेपी के टिकट पर उपचुनाव जीत कर विधायक बने। वर्तमान में मध्य प्रदेश विधान सभा में भाजपा के विधायकों की संख्या 127 है और पार्टी इनमें से 40 से ज्यादा विधायकों के टिकट काटने का मन बना चुकी है। उधर, राज्य में विधान सभा चुनाव की घोषणा होने से पहले ही बीजेपी ने हाल ही में अपने लिए कमजोर माने जाने वाली 39 विधान सभा सीटों पर उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है।

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