राममंदिर के नाम पर ट्रस्ट में हो रही पैसों की बंदरबांट, महंत धर्मदास और पूर्व बीजेपी सांसद का बड़ा आरोप

महंत धर्मदास ने राम मंदिरट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को खूब खरी-खोटी सुनाते हुए आरोप लगाया है कि राम मंदिर के नाम पर बने ट्रस्ट में धन की बंदरबांट हो रही है। बीजेपी के पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती ने भी ट्रस्ट को लेकर नाराजगी जताई है।

फोटोः सोशल मीडिया
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आसिफ एस खान

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में शामिल न किए जाने को लेकर अब अयोध्या के संतों की नाराजगी खुलकर बाहर आने लगी है। इसी कड़ी में निर्वाणी अनी अखाड़ा की तरफ से मंदिर-मस्जिद मामले में पक्षकार रहे महंत धर्मदास ने ट्रस्ट पर गंभीर सवाल उठाए हैं। महंत धर्मदास ने ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को खूब खरी-खोटी सुनाई है। उन्होंने कहा कि मंदिर के नाम पर बने ट्रस्ट में धन की बंदर बांट हो रही है। बीजेपी के पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती ने भी ट्रस्ट को लेकर नाराजगी जताई है।

महंत धर्मदास और डॉ. रामविलास दास वेदांती राम चबूतरा पर रामलला की पूजा करने वाले बाबा अभिराम दास की 39वीं पुण्यतिथि के अवसर पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान आरोप लगाया कि चंपत राय राम मंदिर निर्माण में रोड़ा बन रहे हैं। सारी संपत्ति और आने वाला दान रामलला के लिए है, पर इसकी बंदर बांट की जा रही है, जो सही नहीं है। सभी ट्रस्टी और ट्रस्ट में शामिल संत-महंत केवल रामलला के सेवक हैं, कोई मालिक नहीं है।

महंत धर्मदास ने ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के बारे में कहा, "वह राम मंदिर निर्माण की राह में रोड़ा बन रहे हैं। चंपत राय अयोध्या के साधुओं को अपमानित करते हैं। चंपत राय एंड कंपनी को अयोध्या से खदेड़ना होगा।"

वहीं, श्रीराम जन्मभूमि न्यास के सदस्य और पूर्व सांसद महंत रामविलास दास वेदांती ने कहा कि रामजन्मभूमि आंदोलन में निर्वाणी अनी अखाड़ा की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, इसलिए ट्रस्ट में इसे शामिल किया जाना चाहिए। वेदांती बोले, "पूर्व में, राम जन्मभूमि न्यास में अशोक सिंघल के कहने पर मुझे शामिल किया गया था। नए बनाए गए ट्रस्ट में निर्वाणी अनी अखाड़ा को शामिल नहीं किया गया है। ट्रस्ट में हनुमानगढ़ी को भी प्रतिनिधित्व नहीं मिला है।"

बता दें कि महंत धर्मदास और रामविलास दास वेदांती को राम मंदिर निर्माण के लिए बनाए गए ट्रस्ट में शामिल नहीं किया गया है, जिस कारण दोनों संत नाराज चल रहे हैं। इन दोनों के अलावा भी राम मंदिर आंदोलन में शामिल रहे अयोध्या के कई संत सरकार द्वारा बनाए गए ट्रस्ट में जगह नहीं मिलने से नाराज हैं।

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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