महाराष्ट्र: सरकार की आलोचना की तो खैर नहीं! सरकारी कर्मचारियों के लिए नई सोशल मीडिया गाइडलाइंस जारी
राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा एक सर्कुलर जारी किया गया है, जिसमें विस्तार से बताया गया है कि सरकारी कर्मचारियों को सोशल मीडिया पर किस तरह की गतिविधियों से बचना होगा।

महाराष्ट्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के सोशल मीडिया इस्तेमाल करने को लेकर नई दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अगर कोई कर्मचारी इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा इस संबंध में एक सर्कुलर जारी किया गया है, जिसमें विस्तार से बताया गया है कि सरकारी कर्मचारियों को सोशल मीडिया पर किस तरह की गतिविधियों से बचना होगा। गाइडलाइंस के मुताबिक, अगर किसी कर्मचारी ने सरकार की आलोचना की तो उसकी खैर नहीं है।
सर्कुलर में मुख्य निर्देश क्या हैं?
गोपनीय जानकारी का प्रसार प्रतिबंधित:
सरकारी कर्मचारी किसी भी किस्म की गोपनीय या आंतरिक जानकारी को सोशल मीडिया पर साझा नहीं कर सकेंगे।
अफवाह फैलाने पर रोक:
गलत या भ्रामक जानकारी फैलाने वाले पोस्ट, रीपोस्ट या कमेंट करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सरकारी नीतियों पर आपत्तिजनक प्रतिक्रिया पर रोक:
सरकार की योजनाओं, नीतियों या फैसलों के खिलाफ आलोचनात्मक या नकारात्मक प्रतिक्रिया देने से बचने की हिदायत दी गई है।
राजनीतिक बयानबाजी पर भी रोक:
किसी भी राजनीतिक दल या गतिविधि के पक्ष या विपक्ष में टिप्पणी करने पर रोक रहेगी।
निर्देशों के उल्लंघन पर होगी कार्रवाई
सर्कुलर में यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि अगर कोई सरकारी कर्मचारी इन निर्देशों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
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