महाराष्ट्रः छत्रपति संभाजीनगर में दिवाली के दिन किसानों का आंदोलन, कलेक्टर के घर के बाहर किया प्रदर्शन

आंदोलन के दौरान किसानों ने अपने शर्ट उतारकर प्रदर्शन किया और कलेक्टर के घर तक जाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया। इस बीच पुलिस और किसानों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। विरोध बढ़ने पर किसानों को हिरासत में लेकर पुलिस थाने में ले जाया गया।

छत्रपति संभाजीनगर में दिवाली के दिन किसानों का आंदोलन, कलेक्टर के घर के बाहर किया प्रदर्शन
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नवजीवन डेस्क

महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में सोमवार को दिवाली के दिन किसानों ने आंदोलन करते हुए जिला कलेक्टर के घर के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। स्वाभिमानी शेतकरी संघटना के नेतृत्व में यह आंदोलन सरकार के उस वादे के विरोध में किया गया था जिसमें सरकार ने कहा था कि राज्य के किसी भी किसान की "काली दिवाली" नहीं होगी।

किसानों का कहना था कि सरकार अपना वादा पूरा नहीं कर रही है और हमारे मुद्दों पर ध्यान भी नहीं दे रही है। सरकार ने कहा था कि हर किसान के खाते में पैसे जाएंगे, लेकिन अब तक किसानों के बैंक खातों में एक रुपए की भी मदद नहीं पहुंची है, जिसके बाद किसानों ने प्रदर्शन किया।

आंदोलन के दौरान किसानों ने अपने शर्ट उतारकर विरोध प्रदर्शन किया और कलेक्टर के घर तक जाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया। इस बीच पुलिस और किसानों के बीच हल्का धक्का-मुक्की का माहौल भी देखने को मिला। विरोध बढ़ने पर किसानों को हिरासत में लेकर बेगमपुरा पुलिस थाने में ले जाया गया था और बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।


प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना था कि लगातार हुई मूसलाधार बारिश ने उनकी पूरी फसल बर्बाद कर दी है। सरकार से मुआवजे की उम्मीद लगाए बैठे किसान अब दीपावली पर अपने घरों में कोई उत्सव नहीं मना पाए हैं। न तो वे अपने बच्चों के लिए नए कपड़े खरीद सकते हैं और न ही मिठाई या दीया खरीदने की स्थिति में हैं। किसानों का आरोप है कि सरकार ने केवल आश्वासन दिए हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई सहायता नहीं पहुंची।

उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द राहत राशि जारी नहीं की गई, तो आंदोलन और भी बड़ा किया जाएगा। सरकार किसानों के हित में कोई कार्य नहीं कर रही है। इस वजह से भी किसानों को परेशानी हो रही है। सरकार ने अभी तक किसानों के लिए कोई ऐसा कार्य नहीं किया है जिससे किसानों को कोई फायदा हो। हालांकि, संघटना के नेताओं ने कहा है कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार किसानों के खाते में आर्थिक मदद नहीं भेजती।