CAA-NRC विरोध से नाराज़ मोदी सरकार ने 26 जनवरी की परेड के लिए बंगाल-महाराष्ट्र की झांकी को दिखाया रेड कार्ड

केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल के बाद अब महाराष्ट्र की झांकी को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। इसके बाद अब इन दोनों राज्यों की झांकी इस साल की गणतंत्र दिवस की परेड में देखने को नहीं मिलेगी।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

गणतंत्र दिवस की झांकी को लेकर झगड़ा जारी है। केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल के बाद अब महाराष्ट्र की झांकी को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। इसके बाद अब इन दोनों राज्यों की झांकी इस साल की गणतंत्र दिवस की परेड में देखने को नहीं मिलेगी। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री जितेंद्र अवध ने दावा किया है कि इस बार के गणतंत्र दिवस की परेड में महाराष्ट्र की झांकी को गृह मंत्रालय ने स्वीकार करने से इनकार कर दिया है।

केंद्र के इस फैसले पर शिवसेना ने नाराजगी जताई है। पार्टी के सांसद संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र की झांकी हमेशा से देश का आकर्षण रही है। अगर यही कांग्रेस के कार्यकाल में हुआ होता तो महाराष्ट्र बीजेपी हमलावर हो जाती। बता दें कि गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ पर कई झांकियां निकलती हैं, जिनमें राज्य, केंद्र शासित प्रदेश और केंद्रीय मंत्रालयों की उपस्थिति होती है।


उन्होंने कहा कि इस बार की परेड में महाराष्ट्र की झांकी को शामिल नहीं किया गया। यह जेजे स्कूल ऑफ आर्ट्स द्वारा तैयार किया गया है। हमें इसके लिए ज्यादातर बार पुरस्कार मिला है। ऐसा क्या हुआ कि इस बार महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल की झांकी को जगह नहीं मिली। दोनों राज्यों में बीजेपी की सरकार नहीं है यही कारण है। यह महाराष्ट्र का बड़ा अपमान है। उन्होंने कहा कि पूरा महाराष्ट्र गणतंत्र दिवस परेड का इंतजार करता है। मैं महाराष्ट्र के सीएम से मामले में जांच करने की अपील करता हूं।

शिवसेना सांसद ने कहा कि अब हमें अन्य राज्यों को देखना होगा जहां पर बीजेपी सत्ता में नहीं है। राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड को शामिल किया जाता है या नहीं ये अब देखना होगा।

इससे पहले केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल की झांकी को भी शामिल करने से इनकार कर दिया था। बता दें कि इस साल होने वाली परेड में कुल 22 झांकियां दिखाई जाएंगी। इसमें 16 राज्यों-केंद्र शासित प्रदेश की और 6 केंद्रीय मंत्रालयों की तरफ से होंगी। रक्षा मंत्रालय के पास परेड के लिए कुल 56 झांकियों का प्रपोजल आया था। इनमें पश्चिम बंगाल की सरकार का प्रपोजल भी शामिल था। केंद्र सरकार ने बंगाल की झांकी के प्रपोजल को ठुकरा दिया।


गणतंत्र दिवस परेड में पश्चिम बंगाल की झांकी को शामिल नहीं किए जाने पर ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। टीएमसी ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे राज्य के लोगों का अपमान बताया है। साथ ही पार्टी ने कहा कि नागरिकता कानून का विरोध करने की वजह से सरकार ने झांकी के प्रस्ताव को खारिज किया है।

तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ राज्य में प्रदर्शन के परिणामस्वरूप यह निर्णय लिया गया। उसने इसे राज्य और यहां की जनता का अपमान बताया।

पश्चिम बंगाल के संसदीय मामलों के राज्य मंत्री तापस रॉय ने केंद्र में बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार पर राज्य के खिलाफ 'बदले की भावना; रखने आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राज्य के साथ सौतेला व्यवहार इसलिए किया जा रहा है क्योंकि पश्चिम बंगाल बीजेपी सरकार की जनविरोधी नीतियों का विरोध करती रही है। हमने नागरिकता संशोधन कानून जैसे जनविरोधी कानूनों का विरोध किया है, इसलिए केंद्र ने हमारी झांकी के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।


वहीं टीएमसी सांसद सौगतो रॉय ने कहा कि बंगाल को बाहर करना घोर भेदभाव होगा। बंगाल एक समृद्ध विरासत का प्रतिनिधित्व करता है और इसका बहिष्कार मोदी-शाह की जोड़ी के पक्षपात को दर्शाता है। जबकि टीएमसी नेता मदन मित्रा ने कहा कि यह बंगाल के लिए नया नहीं है। उन्होंने कहा कि दिल्ली को बंगाल से डर लगता है। वे दिल्ली में बंगाल की झांकी रद्द कर सकते हैं, बंगाल में NRC और CAA को बंगाल रद्द कर देगा।

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