खुल सकती है जज लोया के मौत की फाइल, महाराष्ट्र के गृहमंत्री ने कहा- पुख्ता सबूत मिले तो लेंगे फैसला

महाराष्ट्र की नई सरकार ने सीबीआई जज बीएच लोया की संदिग्ध मौत की दोबारा जांच के संकेत दिए हैं। महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा है कि अगर पर्याप्त सबूतों के साथ औपचारिक शिकायत मिले तो सरकार जज लोया के मौत की जांच करवा सकती है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

मुंबई की विशेष सीबीआई कोर्ट के तत्कालीन जज बीएच लोया की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले की फिर से जांच हो सकती है। इस संबंध में महाराष्ट्र के गृह मंत्री और एनसीपी नेता अनिल देशमुख ने बडा बयान देते हुए कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो जज लोया की मौत की दोबारा जांच हो सकती है। बता दें कि बहुचर्चित सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ आरोपों की सुनवाई कर रहे विशेष सीबीआई कोर्ट के जज लोया की दिसंबर 2014 में नागपुर में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी।

एनसीपी नेता और महाराष्ट्र की शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस सरकार के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि अगर पर्याप्त सबूतों के साथ औपचारिक शिकायत मिले तो सरकार जज लोया के मौत की जांच फिर से करवा सकती है। वहीं एनसीपी प्रमुख शरद पावर की अध्यक्षता में पार्टी की बैठक के बाद राज्य सरकार में मंत्री और पार्टी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि सरकार में आने के बाद ही शरद पवार ने लोया केस की फिर से जांच की संभावना जताई थी। लेकिन जज लोया की मौत की जांच तब ही होगी, जब इसे लेकर किसी तरह के सबूत मिलें।


गौरतलब है कि गुजरात के हाईप्रोफाइल सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ केस की सुनवाई कर रहे मुंबई की विशेष सीबीआइ कोर्ट के जज बीएच लोया की 1 दिसंबर, 2014 को संदिग्ध परिस्थितियों में दिल का दौरा पड़ने से नागपुर में मौत हो गई थी। जज लोया वहां अपने एक सहकर्मी की बेटी की शादी में गए थे और जिस गेस्ट हाउस में ठहरे थे, वहीं उनकी मौत हो गई। इसके बाद उनकी मौत को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए थे, क्योंकि जिस केस की वह सुनवाई कर रहे थे उसमें बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह मुख्य आरोपियों में से एक थे।

खास बात ये है कि लोया की मौत के बाद मामले की सुनवाई करने वाले जज ने अमित शाह को बरी कर दिया था। बता दें कि साल 2005 में अमित शाह के गुजरात का गृहमंत्री रहते गुजरात पुलिस द्वारा सोहराबुद्दीन शेख और उसकी पत्नी को अगवा कर हैदराबाद में कथित मुठभेड़ में उन्हें मार गिराने के आरोप लगे थे। सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामले के चश्मदीद गवाह तुलसीराम प्रजापित की भी बाद में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी।

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Published: 09 Jan 2020, 6:04 PM