महाराष्ट्र के मंत्री माणिकराव कोकाटे को दो साल की जेल की सजा, धोखाधड़ी के 30 साल पुराने केस में आया फैसला
धनंजय मुंडे के बाद माणिकराव महाराष्ट्र सरकार में अजित पवार की एनसीपी के दूसरे ऐसे मंत्री हैं, जो मुश्किलों में घिर गए हैं। मुंडे बीड के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या से जुड़े जबरन वसूली के मामले में अपने करीबी सहयोगी की गिरफ्तारी के बाद से निशाने पर हैं।

महाराष्ट्र की एक अदालत ने सरकारी कोटे के तहत फ्लैट पाने के लिए फर्जी दस्तावेज जमा करने के 30 साल पुराने मामले में महायुति सरकार के कृषि मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता माणिकराव कोकाटे को गुरुवार को दो वर्ष की जेल और 50,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। माणिकराव ने फैसले के बाद काह कि अदालत ने उन्हें जमानत दे दी है और वह फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे।
नासिक जिला एवं सत्र न्यायालय ने पूर्व मंत्री दिवंगत टीएस दिघोले की शिकायत पर 1995 में दर्ज इस मामले में माणिकराव के भाई सुनील कोकाटे को भी दोषी करार दिया। हालांकि, अदालत ने प्राथमिकी में नामजद दो अन्य आरोपियों को बरी कर दिया। अगर माणिकराव को उच्च न्यायालय से कोई राहत नहीं मिलती है, तो उन्हें विधायक के रूप में अयोग्य ठहराया जा सकता है।
फैसले के बाद माणिकराव ने कहा कि यह मामला दिघोले ने दर्ज कराया था, जिनके साथ उनकी राजनीतिक दुश्मनी थी। उन्होंने कहा, “मैंने फैसले के खिलाफ अपील दायर करने का निर्णय लिया है। हम सब कुछ कानून के मुताबिक करेंगे। हम उच्च न्यायालय का रुख करेंगे। मुझे सत्र न्यायालय से जमानत मिल गई है।”
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, कोकाटे बंधुओं को नासिक के येओलकर माला इलाके में निम्न आय वर्ग (एलआईजी) के लिए निर्मित दो फ्लैट मुख्यमंत्री के 10 फीसदी विवेकाधीन कोटे के तहत आवंटित किए गए थे। दोनों भाइयों पर आरोप लगा था कि फ्लैट पाने की पात्रता हासिल करने के लिए उन्होंने झूठा दावा किया था कि वे निम्न आय वर्ग (एलआईजी) से आते हैं और उनके पास शहर में कोई आवास नहीं है।
दिघोले के पुलिस से संपर्क करने के बाद सरकारवाड़ा थाने में कोकाटे बंधुओं और दो अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीएस) की विभन्न धाराओं के तहत धोखाधड़ी, जालसाजी और अन्य अपराधों का मामला दर्ज किया गया था। प्रतिद्वंद्वी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) ने मांग की है कि फैसले के बाद माणिकराव को मंत्री पद से तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए।
धनंजय मुंडे के बाद माणिकराव भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में अजित पवार नीत एनसीपी के दूसरे ऐसे मंत्री हैं, जो मुश्किलों में घिर गए हैं। मुंडे दिसंबर 2024 में बीड जिले के मसाजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या से जुड़े जबरन वसूली के मामले में अपने करीबी सहयोगी गिरफ्तारी के बाद से ही निशाने पर हैं।
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