महाराष्ट्रः वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के खिलाफ MVA-MNS ने मुंबई में निकाला मोर्चा, चुनाव आयोग को घेरा

विपक्ष का ‘सत्याचा मोर्चा’ (सत्य के लिए मार्च) दोपहर में दक्षिण मुंबई के फैशन स्ट्रीट से शुरू होकर लगभग एक किलोमीटर दूर बीएमसी मुख्यालय पर समाप्त हुआ। इस मार्च में उद्धव ठाकरे, शरद पवार, राज ठाकरे और बालासाहेब थोराट समेत विभिन्न दलों के कई नेता शामिल हुए।

महाराष्ट्रः वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के खिलाफ MVA-MNS ने मुंबई में निकाला मोर्चा, चुनाव आयोग को घेरा
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नवजीवन डेस्क

महाराष्ट्र में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के खिलाफ चुनाव आयोग के घेरते हुए कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी (एसपी) के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी और एमएनएस ने शनिवार को मुंबई में विशाल विरोध मार्च निकाला। विपक्ष का आरोप है कि ये अनियमितताएं सत्तारूढ़ बीजेपी के लिए फायदेमंद साबित हो रही हैं।

विपक्ष का ‘सत्याचा मोर्चा’ (सत्य के लिए मार्च) दोपहर में दक्षिण मुंबई के फैशन स्ट्रीट से शुरू होकर लगभग एक किलोमीटर दूर बीएमसी मुख्यालय पर समाप्त हुआ। इस मार्च में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार, एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे और कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट समेत विभिन्न दलों के नेता शामिल हुए।


विपक्ष ने भारत निर्वाचन आयोग पर इस मुद्दे को नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए कहा कि महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव तभी कराए जाने चाहिए जब इन कमियों को दूर किया जाए। कांग्रेस नेता नसीम खान, सतेज पाटिल, भाई जगताप और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) सांसद सुप्रिया सुले भी हजारों कार्यकर्ताओं के साथ मार्च में शामिल हुईं।

राज ठाकरे अपने समर्थकों और पार्टी सहयोगी बाला नंदगांवकर के साथ दादर स्टेशन से ट्रेन में सवार होकर चर्चगेट पहुंचे। इससे पहले इस सप्ताह मुंबई में एक सभा को संबोधित करते हुए ठाकरे ने एमएनएस कार्यकर्ताओं से सार्वजनिक परिवहन का उपयोग कर मोर्चे के स्थल तक पहुंचने की अपील की थी।


इससे पहले, शिवसेना (यूबीटी) ने शनिवार को कहा कि विपक्ष का ‘सत्याचा मोर्चा’ मुंबई में निर्वाचन आयोग को झकझोर देगा। पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित संपादकीय में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) ने लिखा कि संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन के बाद पहली बार सभी दल संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए एकजुट होकर उतरे हैं।

संपादकीय में कहा गया, “सभी दलों का यह मोर्चा दिल्ली में निर्वाचन आयोग को झटका देगा।” संपादकीय में यह भी दावा किया गया कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) से लेकर मतदाता सूची तक में घोटाला है। शिवसेना (यूबीटी) ने आरोप लगाया कि बीजेपी 2014 से मतदाता सूची में हुई अनियमितताओं के कारण चुनाव जीतती आ रही है। संपादकीय में कहा गया कि 2024 लोकसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र में मतदाता सूची में 60 लाख से अधिक नए नाम जोड़े गए हैं।

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