महाराष्ट्र: शरद पवार ने मतपत्र से पुनर्मतदान की मांग करने वाले गांव का किया दौरा, बोले- देश को दिखाई सही दिशा
शरद पवार ने कहा कि हमने ईवीएम के बारे में कुछ आंकड़े एकत्र किये हैं। लोगों ने मतदान किया लेकिन अंत में परिणाम अप्रत्याशित थे। आपने इस मुद्दे के बारे में जागरूकता बढ़ाई और इस प्रक्रिया को बदलने की जरूरत है।

महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों पर जारी विवाद के बीच में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी)-शरदचंद्र पवार प्रमुख शरद पवार ने रविवार को ईवीएम पर संदेह जताने और मतपत्रों का उपयोग कर पुनर्मतदान कराने की मांग कर रहे सोलापुर जिले के मरकडवाड़ी गांव का दौरा किया और वहां के लोगों का आभार जताया। पवार ने कहा कि पूरे देश को सही दिशा दिखाने के लिए मैं ग्रामीणों को धन्यवाद देना चाहता हूं।
शरद पवार ने जयंत पाटिल सहित एनसीपी-शरदचंद्र पवार के कई नेताओं के साथ ग्रामीणों से मुलाकात की। वरिष्ठ राजनेता ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, “मैं ग्रामीणों को धन्यवाद देना चाहता हूं क्योंकि आपने पूरे देश को सही दिशा दिखाई है। आप (ग्रामीण) ही थे जिन्होंने मतपत्रों का उपयोग कर चुनाव कराने के बारे में सोचा था।” उन्होंने कहा, “हमने ईवीएम के बारे में कुछ आंकड़े एकत्र किये हैं। लोगों ने मतदान किया लेकिन अंत में परिणाम अप्रत्याशित थे। आपने इस मुद्दे के बारे में जागरूकता बढ़ाई और इस प्रक्रिया को बदलने की जरूरत है।”
शरद पवार ने मतपत्रों का उपयोग कर दोबारा चुनाव कराने की मांग करने वाले ग्रामीणों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की आलोचना की। उन्होंने कहा, “पुलिस ग्रामीणों को उनके गांव में इकट्ठा होने से कैसे रोक सकती है? वे आपके (ग्रामीणों) खिलाफ शिकायत कैसे दर्ज कर सकते हैं? ऐसी सभी शिकायतें एकत्र करें और उन्हें मुझे दें। मैं इस मुद्दे को मुख्यमंत्री, राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी, प्रधानमंत्री और यहां तक कि भारत के निर्वाचन आयोग के समक्ष उठाऊंगा।”
यह गांव मालशिरस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है, जहां एनसीपी-शरदचंद्र पवार के उम्मीदवार उत्तम जानकर ने बीजेपी के राम सतपुते को 13,147 मतों से हराया था। ग्रामीणों का दावा है कि गांव का अधिकांश वोट जानकर का था, लेकिन मतगणना में यहां से बीजेपी प्रत्याशी को काफी वोट मिल गए। ईवीएम के जरिए गिने गए वोटों पर संदेह जताते हुए ग्रामीणों के एक समूह ने बीते सप्ताह मतपत्रों से दोबारा चुनाव कराने की प्रशासन से मांग की थी, लेकिन उसने इनकार कर दिया था।
इसके बाद ग्रामीणों ने अपने स्तर से मतपत्र से पुनर्मतदान का ऐलान किया था। इस पर पुलिस ने गांव में निषेधाज्ञा लगाते हुए ऐसा कुछ नहीं करने की चेतावनी दी थी। इसके बाद स्थानीय एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के विधायक के समझाने पर ग्रामीणों ने पुनर्मतदान के फैसले को वापस ले लिया था। इसके बावजूद पुलिस ने गांव और आस-पास के इलाकों के 200 से अधिक लोगों के खिलाफ अनधिकृत तरीके से मतपत्रों का उपयोग कर पुनर्मतदान कराने की कथित तौर पर कोशिश करने का मुकदमा दर्ज कर लिया।
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