शिंदे बने रहेंगे महाराष्ट्र के सीएम या जाएगी कुर्सी, शिवसेना के बागी विधायकों पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आज

9 दिनों की सुनवाई के दौरान उद्धव गुट और शिंदे गुट के साथ-साथ राज्यपाल की दलीलें सुनी गई। उसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला 16 मार्च को सुरक्षित रख लिया था।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

महाराष्ट्र की राजनीतिक के लिए आज अहम काफी दिन है। एक साल पहले महाराष्ट्र राजनीतिक संकट को लेकर शिवसेना के उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे धड़ों की ओर की याचिकाएं दायर की गई थीं। इसी को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट का फैसला आएगा। सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित पीठ द्वारा तय किया जाएगा कि शिवसेना का ताज किसके सिर सजेगा?

9 दिनों की सुनवाई के दौरान उद्धव गुट और शिंदे गुट के साथ-साथ राज्यपाल की दलीलें सुनी गई। उसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला 16 मार्च को सुरक्षित रख लिया था। पांच जजों की पीठ में CJI जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एमआर शाह, जस्टिस कृष्ण मुरारी, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पीएम नरसिम्हा की संविधान पीठ ने सुनवाई की है और आज शिंदे और उद्धव गुट के भविष्य का फैसला होगा। 


शिवसेना के विघटन के बाद उद्धव ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। इसमें ठाकरे और शिंदे ग्रुप ने कोर्ट में अपनी दलीलें रख दी हैं। उद्धव ठाकरे द्वारा पेश की गई याचिका में शिंदे गुट के 16 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है।

उद्धव ठाकरे गुट की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दलील पेश की है। उन्होंने अदालत को बताया कि तत्कालीन राज्यपाल बीएस कोश्यारी ने नियमों का उल्लंघन करते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया था। उन्होंने कोर्ट से इस आदेश को निरस्त करने की मांग की है।

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