महात्मा गांधी की विरासत को दिल्ली की सत्ता में बैठे लोगों से खतराः सोनिया गांधी
उन्होंने कहा कि जिन संगठनों ने कभी स्वतंत्रता के लिए लड़ाई नहीं लड़ी, उन्होंने महात्मा गांधी का कटु विरोध किया, विषाक्त वातावरण बनाया जिसके कारण उनकी हत्या कर दी गई। आज देश में विभिन्न स्थानों पर गांधीवादी संस्थानों पर हमले हो रहे हैं।

कर्नाटक के बेलगावी में आयोजित कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में भेजे अपने संदेश में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि महात्मा गांधी हमारी प्रेरणा के स्रोत बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली की सत्ता में बैठे लोगों से महात्मा गांधी की विरासत खतरे में है। जिन संगठनों ने कभी स्वतंत्रता के लिए लड़ाई नहीं लड़ी, उन्होंने महात्मा गांधी का कटु विरोध किया, विषाक्त वातावरण बनाया जिसके कारण उनकी हत्या कर दी गई। सोनिया गांधी ने कहा कि आइए हम व्यक्तिगत रूप से, सामूहिक रूप से, पार्टी के सामने आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए तत्परता की नई भावना के साथ संकल्प के साथ आगे बढ़ें।
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में उपस्थित नहीं हो सकीं और उन्होंने पत्र में इस पर अफसोस भी जताया। सोनिया गांधी ने पत्र में कहा, ‘‘ठीक 100 साल पहले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 39वां अधिवेशन इसी स्थान पर हुआ था। इसलिए, यह उचित ही है कि आप महात्मा गांधी नगर में एकत्र हुए हैं। उस समय महात्मा गांधी का कांग्रेस अध्यक्ष बनना हमारी पार्टी और स्वतंत्रता आंदोलन के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ था। यह हमारे देश के इतिहास में एक परिवर्तनकारी मील का पत्थर था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आज हम महात्मा गांधी की विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के लिए खुद को फिर से समर्पित करते हैं। वह हमारी प्रेरणा के मूल स्रोत रहे हैं और आगे भी रहेंगे। महात्मा गांधी वह व्यक्ति थे, जिन्होंने उस पीढ़ी के हमारे सभी उल्लेखनीय नेताओं को तैयार किया और उनका मार्गदर्शन किया।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि बापू की विरासत को नयी दिल्ली में सत्ता में बैठे लोगों और उन्हें पोषित करने वाली विचारधाराओं एवं संगठनों से खतरा है।
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने दावा किया, ‘‘इन संगठनों ने कभी भी हमारी आजादी के लिए लड़ाई नहीं लड़ी। उन्होंने महात्मा गांधी का कटु विरोध किया। उन्होंने एक विषाक्त माहौल बनाया, जिसके कारण उनकी हत्या हुई। वे बापू के हत्यारे का महिमामंडन करते हैं।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि देश भर में विभिन्न स्थानों पर गांधीवादी संस्थानों पर हमले हो रहे हैं।
सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘इसलिए यह भी उचित है कि इस बैठक को ‘नव सत्याग्रह बैठक’ कहा जाए। अब यह हमारा पवित्र कर्तव्य है कि हम इन ताकतों का अपनी पूरी ताकत और अडिग दृढ़ संकल्प के साथ मुकाबला करने के अपने संकल्प को फिर से दोहराएं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि हमारे संगठन को सामने आने वाली चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए और मजबूत करने का मुद्दा भी आज उठेगा।’’ अंत में उन्होंने कहा, ‘‘आइए इस बैठक से व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से हम अपनी पार्टी के सामने आने वाली कई चुनौतियों का मुकाबला करने के संकल्प को एक ताजा भावना के साथ आगे बढ़ाएं।’’
बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अगुवाई में कांग्रेस की विस्तारित कार्य समिति की बैठक आज से बेलगावी में उसी स्थान पर शुरू हुई है, जहां 1924 के कांग्रेस अधिवेशन में महात्मा गांधी को पार्टी अध्यक्ष चुना गया था। कांग्रेस ने उस ऐतिहासिक दिन के 100 साल पूरे होने के अवसर पर कार्य समिति की बैठक का आयोजन किया। पार्टी ने कार्य समिति की बैठक को ‘नव सत्याग्रह बैठक’ नाम दिया है।
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