जम्मू-कश्मीर के डोडा में आज बादल फटने से कई घर क्षतिग्रस्त, कल अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से हुई थी भारी तबाही

घटना शनिवार सुबह करीब 3 बजे की है। बादल फटने से अचानक पानी की तेज धार पहाड़ से नीचे की ओर आई, जिस कारण ठठरी कस्बे में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। यहां आर्मी कैम्प भी है, जिसमें काफी पानी भर गया।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

शुक्रवार को अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने के बाद आज सुबह जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में बादल फटने की घटना सामने आई है। खबरों के मुताबिक, ठठरी कस्बे के गुंटी जंगल में बादल फटने के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग पर जमा हुए मलबे में कई वाहन फंस गए, जिसकी वजह से ट्रैफिक जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई।

घटना शनिवार सुबह करीब 3 बजे की है। बादल फटने से अचानक पानी की तेज धार पहाड़ से नीचे की ओर आई, जिस कारण ठठरी कस्बे में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। यहां आर्मी कैम्प भी है, जिसमें काफी पानी भर गया। इस घटना में अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। पहाड़ से पानी के साथ गिरे मलबे में कई घर भी दब गए।


वहीं आज सुबह बादल फटने की घटना के बाद प्रभावितों को निकालने के लिए सेना के जवान नीलग्रार के बालटाल पहुंचे। नोडल चिकित्सा अधिकारी मेजर पंकज कुमार ने बताया, "10 मरीज आए थे जिनको हमने प्राथमिक चिकित्सा देकर बालटाल अस्पताल भेजा है। हमारे पास असल आंकड़े नहीं है।

बादल फटने से 15 की मौत, 40 से अधिक के घायल होने के बाद अमरनाथ यात्रा स्थगित

दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर के अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार शाम बादल फटने से 15 लोगों की मौत हो गई और 40 से अधिक घायल हो गए। रेस्कयू टीम लोगों की मदद कर रही है। इस बीच अमरनाथ यात्रा को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया है। अधिकारियों ने यात्रा को बालटाल और पहलगाम, दोनों आधार शिविरों से अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है।

अधिकारियों ने कहा कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीएसएफ, सीआरपीएफ, सेना, पुलिस और आईटीबीपी की टीमों ने शनिवार सुबह बचाव अभियान शुरू कर दिया है।

गांदरबल जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) अफरोजा शाह ने संवाददाताओं को बताया कि शुक्रवार को बादल फटने से आई बाढ़ में 15 लोगों की मौत हो गई और 40 से अधिक लोग घायल हो गए। उन्होंने कहा कि अचानक आई बाढ़ के मलबे से पांच लोगों को बचाया गया है। घायलों और लापता लोगों की सही संख्या का पता लगाने के लिए ऑपरेशन अभी जारी है।


आपदा स्थल से प्राप्त रिपोर्ट में कहा गया है कि तीर्थयात्रियों के 25 से 30 तंबू और पांच 'लंगर' (सामुदायिक रसोई) शुक्रवार शाम करीब 5.30 बजे बादल फटने से पानी के तेज बहाव में बह गए। सेना ने राहत और बचाव अभियान में नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए हेलीकॉप्टरों को सेवा में लगाया है।

मौसम विज्ञान विभाग ने भविष्यवाणी की है कि एक और बादल बालटाल-पवित्र गुफा मार्ग की ओर बढ़ रहा है, जिससे हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है।

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