मुंबई के आजाद मैदान में प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे मनोज जरांगे! बॉम्बे हाईकोर्ट ने लगाई रोक, दूसरी जगह का मिला विकल्प
जरांगे ने सोमवार को फडणवीस सरकार को मंगलवार 26 अगस्त तक मराठों को कानून के दायरे में आरक्षण देने या बड़े आंदोलन के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी थी। उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को चेतावनी दी थी कि मराठा समाज के साथ अन्याय बंद होना चाहिए।

मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल को बॉम्बे हाईकोर्ट से झटका लगा है। हाईकोर्ट ने मनोज जरांगे को मराठा आरक्षण के मुद्दे पर मुंबई के आजाद मैदान में 29 अगस्त से विरोध प्रदर्शन करने से रोक दिया है। हाईकोर्ट ने गणेश उत्सव के दौरान मुंबई में यातायात व्यवधान से बचने के लिए यह निर्णय लिया। हालांकि, कोर्ट ने राज्य सरकार को मनोज जरांगे को खारघर या नवी मुंबई में कहीं और प्रदर्शन की अनुमति देने का निर्देश दिया है। साथ ही कोर्ट ने कहा है कि जरांगे प्रशासन की अनुमति के बाद ही अपना प्रदर्शन कर सकते हैं।
इस बीच, महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी और मनोज जरांगे के आंदोलन के मद्देनजर, राज्य की पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रश्मि शुक्ला ने मुंबई में सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा करने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की। इसके बाद मुंबई पुलिस ने एक बयान में कहा कि यह तय हुआ कि अगर जरांगे अनुमति मांगते हैं, तो उन्हें कुछ शर्तों के साथ मुंबई के आज़ाद मैदान में विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति दी जाएगी। हालांकि, अगर वह लाखों की भीड़ इकट्ठा करने की योजना बनाते हैं, तो उन्हें केवल नवी मुंबई के खारघर या आसपास के इलाकों में ही अनुमति दी जाएगी। प्रदर्शनकारियों को उच्च न्यायालय की शर्तों का पालन करना होगा और पुलिस उन्हीं शर्तों के आधार पर अनुमति देगी।
मनोज जरांगे पाटिल ने महाराष्ट्र के जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव में धरना स्थल पर सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इस दौरान उन्होंने सरकार को मंगलवार 26 अगस्त तक मराठों के कानून के दायरे में आरक्षण देने या बड़े आंदोलन के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी थी। उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को चेतावनी दी थी कि मराठा समाज के साथ अन्याय बंद होना चाहिए। मनोज ने कहा कि मुख्यमंत्री फडणवीस एक व्यक्ति की बात मानकर मराठा समाज के खिलाफ गलत फैसला कर रहे हैं, जो बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है।
इसे भी पढ़ेंः मराठों को 26 अगस्त तक कानूनी ढांचे में आरक्षण दें या आंदोलन का सामना करें- जरांगे की फडणवीस सरकार को चेतावनी
मनोज जरांगे ने कहा कि मराठा समाज के लिए यह लड़ाई एक अहम मुद्दा है और वे इसे जीतकर ही लौटेंगे। लाखों मराठा समाज बंधु उनके साथ हैं और वे मुंबई जाकर अपनी मांगों को मजबूती से उठाएंगे। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मनोज जरांगे ने सरकार को भी इशारा दिया कि वे उनके पक्ष में फैसले करें और मराठा समाज के अधिकारों का सम्मान करें। अगर सरकार ने उनकी मांगों को अनसुना किया, तो वे अपनी लड़ाई और तेज करेंगे।
जरांगे ने कहा कि मराठा समुदाय के सदस्य 27 अगस्त की शाम को अंतरवाली सराटी से रवाना होंगे। उन्होंने कहा, ‘‘28 अगस्त को हम शिवनेरी किला जाएंगे और फिर राजगुरुनगर, चाकन, लोनावाला, पनवेल, वाशी और चेंबूर होते हुए आजाद मैदान पहुंचेंगे।’’ उन्होंने बताया कि 29 अगस्त को सुबह 10 बजे आजाद मैदान में आंदोलन शुरू होगा।
जरांगे ने मराठा समुदाय के लोगों से आंदोलन में शामिल होने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘शिक्षकों, बस परिचालकों, किसानों, व्यापारियों समेत सभी को अपना काम बंद करके मुंबई जाने की तैयारी करनी चाहिए। फिर कभी ऐसा कोई आंदोलन नहीं होगा, इसलिए सभी को इस आंदोलन में शामिल होना चाहिए।’’ जरांगे ने यह भी कहा कि मराठा समुदाय के चिकित्सकों को दवाओं और एम्बुलेंस के साथ आंदोलन में भाग लेने के लिए आना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने मराठा समुदाय के सदस्यों से आंदोलनकारियों के लिए 5,000 पानी के टैंकर ले जाने को कहा है। जिन लोगों के पास अपने वाहन हैं, वे अपनी गाड़ियों से आएं। 29 अगस्त को जब हम अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करेंगे, मराठा समुदाय के लोग (जो मुंबई मार्च में शामिल होंगे) वापस जा सकते हैं। हम शांतिपूर्वक आंदोलन करेंगे।’’