मराठा आरक्षणः दो विधायकों के घर आगजनी के बाद बीड में धारा 144 लागू, जारांगे-पाटिल ने सरकार के हाथ का किया दावा

मनोज जारांगे-पाटिल ने अपने समर्थकों को किसी भी हिंसक प्रदर्शन से बचने की चेतावनी देते हुए इसमें सरकार का हाथ होने की आशंका जाहिर की। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ दल के कुछ नेता आंदोलन को बदनाम करने के लिए खुद ऐसी हिंसक गतिविधियों में लिप्त हैं।

दो विधायकों के घर आगजनी के बाद बीड में धारा 144 लागू, जारांगे-पाटिल ने  सरकार के हाथ का किया दावा
दो विधायकों के घर आगजनी के बाद बीड में धारा 144 लागू, जारांगे-पाटिल ने सरकार के हाथ का किया दावा
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नवजीवन डेस्क

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन हिंसक होता जा रहा है। आरक्षण को लेकर राज्य में कई आत्हत्याओं के बाद सोमवार शाम बीड शहर में भीड़ द्वारा एनसीपी कार्यालय, दो विधायकों और राज्य के पूर्व मंत्री जय क्षीरसागर के घरों पर पथराव और आगजनी की घटना के बाद जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है।

राज्य के कई हिस्सों से पथराव, आगजनी और हिंसा की खबरों के मद्देनजर शिवबा संगठन के अध्यक्ष मनोज जारांगे-पाटिल ने सोमवार को अपने समर्थकों को किसी भी हिंसक विरोध-प्रदर्शन से बचने की चेतावनी देते हुए इसमें सरकार का हाथ होने की आशंका जाहिर की है। जारांगे-पाटिल ने आज शाम एक अपील में कहा, "मैं राज्य पर करीब से नजर रख रहा हूं। अगर मैंने हिंसा, पथराव या आगजनी की एक भी घटना सुनी तो कल मैं एक अलग रणनीति की घोषणा करूंगा।"

इसके साथ ही उन्होंने सरकार पर उंगली उठाते हुए आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल के कुछ नेता "हमारे आंदोलन को बदनाम करने के लिए" खुद ऐसी हिंसक गतिविधियों में लिप्त हैं। उन्होंने ऐसे लोगों को बेनकाब करने की धमकी दी। इस पर पलटवार करते हुए, मंत्री उदय सामंत ने विवादों को खारिज कर दिया और पूछा कि कोई अपने ही घर में आग क्‍यों लगाएगा। उन्‍होंने शांति और संयम का आह्वान किया।

मराठा कार्यकर्ताओं द्वारा कथित तौर पर आरक्षण की मांग के समर्थन में हिंसा की कई घटनाओं की खबरें रविवार दोपहर से ही आ रही हैं। प्रदर्शनकारियों ने हिंसा करने से पहले "हमें कोटा दो", "एक मराठा, लाख मराठा" जैसे नारे लगाए। इसी कड़ी में सोमवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) के कार्यालय पर कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने हमला किया और आग लगा दी और बाद में उनकी पार्टी के विधायक संदीप आर. क्षीरसागर का घर भी जला दिया। हालांकि उनका परिवार समय रहते भागने में कामयाब रहा।


इससे पहले सोमवार को, सत्ता में सहयोगी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से अलग हुए अजित पवार गुट के बीड विधायक प्रकाश सोलंके के घर, कार और एक दोपहिया वाहन पर पथराव किया गया और फिर घर में आग लगा दी गई। प्रदर्शनकारियों ने मजलगांव नगर परिषद कार्यालय पर भी हमला किया। पहले तीन मंजिला इमारत पर पथराव हुआ और फिर उसमें आग लगा दी गई। हालांकि सभी सरकारी कर्मचारी सुरक्षित बाहर निकलने में कामयाब रहे।

इसके अलावा अहमदनगर के शिरडी शहर में बंद रहा, जबकि नांदेड़ में कम से कम नौ बस डिपो बसें संचालित किए बिना हड़ताल पर चले गए और बीड-परली सड़क को टायर जलाकर अवरुद्ध कर दिया गया। आज शाम कुछ समूहों ने धुले-सोलापुर राजमार्ग को भी टायर जलाकर अवरुद्ध कर दिया, जिससे दोनों दिशाओं में भारी यातायात जाम हो गया।

पिछले 24 घंटों में, बीड और राज्य के अन्य हिस्सों में एक दर्जन से अधिक सार्वजनिक बसों और सरकारी वाहनों पर हमला किया गया या उन्हें आग लगा दी गई। इनमें बीड जिले के तीन तहसीलदारों के वाहन भी शामिल थे। कई जिलों के कम से कम चार हजार गांवों में सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, जिससे चुनावी मौसम नजदीक आने पर चिंताएं भी बढ़ गई हैं।

चिंताजनक हालात के बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आज दोपहर जारांगे-पाटिल और अन्य मराठा समूहों से हिंसा से दूर रहने का आह्वान किया और कहा कि अन्‍यथा वे "अपने उद्देश्य के प्रति जनता की सहानुभूति खो सकते हैं"। वहीं राज्य कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले, एनसीपी (शरद पवार) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले, शिव सेना-यूबीटी के संजय राउत और अन्य विपक्षी महा विकास अघाड़ी नेताओं ने "राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब होने" के लिए सरकार की आलोचना की। कई नेताओं ने डिप्टी सीएम और गृह मंत्री देवेंद्र फड़नवीस के इस्तीफे की भी मांग की और उन पर "छत्तीसगढ़ में चुनाव अभियान को प्राथमिकता देने" का आरोप लगाया, जबकि उनका अपना राज्य जल रहा है।

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