महाराष्ट्र में 'विशेष जन सुरक्षा विधेयक' का भारी विरोध, विपक्ष ने सरकार पर जनता की आवाज दबाने का लगाया आरोप
उद्धव ठाकरे ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि अगर आप किसी राजनीतिक एजेंडे से प्रेरित होकर यह विधेयक ला रहे हैं, तो इस विधेयक में नक्सलवाद शब्द नहीं है, यह आपके और मेरे लिए है। वे आम लोगों सहित किसी को भी उठा सकते हैं और जेल में डाल सकते हैं।

महाराष्ट्र विधानसभा के बाद महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के वाकआउट के बीच 'महाराष्ट्र विशेष जन सुरक्षा विधेयक' पास हो गया। सरकार जहां विधेयक को वामपंथी उग्रवादी संगठनों की अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने वाला बता रही है, वहीं विपक्ष सरकार पर विधेयक के जरिये जनता की आवाज दबाने का आरोप लगा रहा है। विधेयक जिसे जन सुरक्षा कानून के नाम से भी जाना जाता है, विधानसभा से पास होते ही विवादों में फंस गया है।
'विधेयक को बीजेपी सुरक्षा विधेयक कहा जाना चाहिए'
महाराष्ट्र विशेष जन सुरक्षा विधेयक पर शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने कहा, "सरकार कहती कुछ है और करती कुछ और है। वे अपने बहुमत का इस्तेमाल और दुरुपयोग कर रहे हैं। मोदी जी ने कहा था 'सबका साथ सबका विकास', यह वामपंथी सोच है या दक्षिणपंथी? अगर आप किसी राजनीतिक एजेंडे से प्रेरित होकर यह विधेयक ला रहे हैं, तो इस विधेयक में नक्सलवाद शब्द नहीं है, यह आपके और मेरे लिए है। वे आम लोगों सहित किसी को भी उठा सकते हैं और जेल में डाल सकते हैं। इस विधेयक को 'बीजेपी सुरक्षा विधेयक' कहा जाना चाहिए। फिलहाल, हम इस विधेयक का समर्थन नहीं करते हैं।"
'सरकार पर सवाल उठाने वालों को चुप कराना मकसद'
महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता विजय वडेट्टीवार ने भी जन सुरक्षा कानून के पारित होने का विरोध करते करते हुए फडणवीस सरकार की कड़ी आलोचना की। उन्होंने इसे जनता की आवाज दबाने और सरकार की नाकामियों को छिपाने की कोशिश बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस तरह के विधेयकों का हमेशा विरोध करेगी, क्योंकि यह जनता के अधिकारों और अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला है। यह विधेयक जन सुरक्षा के नाम पर लाया गया है। लेकिन, इसका मकसद सरकार की नीतियों पर सवाल उठाने वालों को चुप कराना है।'
'सरकार का मकसद मनुस्मृति को बढ़ावा देना'
विजय वडेट्टीवार ने कहा कि सरकार मौजूदा कानूनों का उपयोग करने के बजाय इस विधेयक के जरिए संविधान की रक्षा करने वालों को देशद्रोही ठहराना चाहती है। उन्होंने दावा किया कि सरकार का असली उद्देश्य मनुस्मृति को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि किसी खास धर्म को निशाना बनाकर बयान देना गलत है। वोट जुटाने के लिए धार्मिक आधार पर समाज को बांटने की कोशिश को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा।
विजय वेडट्टीवार ने मांग की कि धार्मिक मुद्दों पर बात करते समय सभी धर्मों के लिए समान दृष्टिकोण अपनाया जाना चाहिए। यह विधेयक सरकार की असफलताओं को छिपाने और जनता के विरोध को कुचलने का हथकंडा है। उन्होंने जनता से अपील की कि वे अपने हक के लिए आवाज उठाएं और ऐसे कानूनों का विरोध करें।
'विधेयक का हो सकता है गलत इस्तेमाल'
वहीं, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के नेता रोहित पवार ने महाराष्ट्र विशेष जन सुरक्षा विधेयक के पारित होने पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि सरकार यह दावा कर रही है कि इससे नक्सलवाद पर लगाम लगेगी। जिसका हम समर्थन करते हैं। लेकिन, इस विधेयक में कुछ खामियां थीं, जिन्हें लेकर हमने सरकार से जवाब मांगा था। लेकिन, हमें अभी तक इसका कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि विधानसभा में उन्होंने इसकी खामियों को उजागर किया और स्पष्टता की मांग की। विधेयक में 'समूह' और 'व्यक्ति' की परिभाषा अस्पष्ट है, जिसका भविष्य में गलत इस्तेमाल हो सकता है।
सीएम फडणवीस ने विपक्ष के आरोपों को नकारा
वहीं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया कि इस विधेयक का उद्देश्य वामपंथी उग्रवाद, खासकर शहरी नक्सलवाद को नियंत्रित करना है। फडणवीस ने कहा कि हमने धीरे-धीरे नक्सल आंदोलन को खत्म कर दिया है, जो जंगलों और ग्रामीण इलाकों से संचालित होते थे। ऐसे में इन समूहों ने शहरी मोर्चे बनाने शुरू कर दिए हैं। राज्य में 64 वामपंथी संगठन सक्रिय हैं, जिनमें से छह पहले से ही इसी तरह के कानूनों के तहत अन्य राज्यों में प्रतिबंधित हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विधेयक उन संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एक क़ानूनी ढांचा प्रदान करता है जो खुद को संवैधानिक और लोकतांत्रिक बताने के बावजूद भारतीय संविधान को नकारने की कोशिश करते हैं।
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia