मरकज मामले में मौलाना साद से अब तक नहीं हुई पूछताछ, पुलिस समेत ईडी ने कई संगीन धाराओं में दर्ज किया है केस

निजामुद्दीन मरकज के प्रमुख मौलाना साद पर आरोप है कि उन्होंने सामाजिक दूरी जैसे मानदंडों के बावजूद कार्यक्रम किया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। उनके खिलाफ महामारी अधिनियम के उल्लंघन के साथ ही गैर इरादतन हत्या जैसी कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है।

फोटोः सोशल मीडिया
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आईएएनएस

दिल्ली पुलिस ने सोमवार को बताया कि निजामुद्दीन मरकज मामले में तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद एकमात्र व्यक्ति हैं, जिनसे पूछताछ की जानी बाकी है। उनके अलावा अन्य सभी नामजद आरोपियों से पूछताछ की जा चुकी है और उनके बयान भी दर्ज किए गए हैं। दिल्ली पुलिस ने कहा कि अभी तक साद से पूछताछ नहीं की जा सकी है।

मौलाना साद निजामुद्दीन स्थित मरकज के प्रमुख हैं, जिन्होंने पिछले दिनों कोरोना वायरस महमारी फैलने के समय एक धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम में भारत के विभिन्न राज्यों के साथ ही 41 अन्य देशों के हजारों लोगों ने हिस्सा लिया था। मरकज और मौलाना साद पर आरोप है कि उन्होंने सामाजिक दूरी जैसे मानदंडों के बावजूद बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। साद उस कार्यक्रम के बाद खुद ही एकांतवास में चले गए थे।

राष्ट्रव्यापी बंद से ठीक पहले हुए इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए साद और तबलीगी जमात के पांच अन्य सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया जा चुका है। एफआईआर में मौलाना साद, डॉ. जीशान, मुफ्ती शहजाद, एम सैफी, यूनुस, मोहम्मद सलमान और मोहम्मद अशरफ के नाम हैं। उनके खिलाफ कड़ी धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसमें गैर इरादतन हत्या जैसी धारा भी शामिल है।

इसके अलावा उनके खिलाफ 31 मार्च को महामारी अधिनियम एवं आपदा प्रबंधन अधिनियम के उल्लंघन के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी इस मामले में साद और अन्य आरोपियों के खिलाफ धनशोधन निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।

दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा (क्राइम ब्रांच) इस मामले की जांच कर रही है और पुलिस उपायुक्त जॉय तिर्की इसकी देखरेख कर रहे हैं। एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने कहा, "मौलाना साद को छोड़कर सभी नामजद अभियुक्तों से पूछताछ की गई है।"

इस बीच, सीबीआई ने भी निजामुद्दीन मरकज मामले की जांच शुरू कर दी है, जबकि दिल्ली पुलिस की जांच पहले से ही चल रही थी। सीबीआई ने मामले की प्रारंभिक जांच शुरू की और पुलिस से विभिन्न दस्तावेज मांगे हैं। हालांकि, केंद्र सरकार ने 5 जून को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मरकज में तबलीगी जमात के आयोजन में सीबीआई जांच की जरूरत नहीं है, क्योंकि इस घटना की दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने एक उन्नत स्तर पर जांच की है।

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