यूपी चुनाव से ऐन पहले मायावती ने पूर्व प्रदेशाध्यक्ष राम अचल को दिखाया बाहर का रास्ता, लालजी वर्मा की भी छुट्टी
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से ऐन पहले पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष राम अचल और वरिष्ठओ नेता लालजी वर्मा को पार्टी से निकाल दिया है। पार्टी ने दोनों पर पंचायत चुनावों के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया है।
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से ऐन पहले मायावती ने अपनी पार्टी बीएसपी में सर्जरी शुरू कर दी है। मायवती ने गुरुवार को पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर और वरिष्ठ नेता लालजी वर्मा को पार्टी से निकाल दिया है। इसके साथ ही पार्टी ने शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को विधायक दल का नया नेता चुना है।
बीएसपी एक प्रेसनोट जारी कर कहा कि बीएसपी के टिकट से निर्वाचित दो विधायकों राम अचल राजभर और लालजी वर्मा को पंचायत चुनावों के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। इतना ही नहीं, बीएसपी ने सभी पदाधिकारियों को यह भी निर्देश दिए हैं कि इन दोनों विधायकों को पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में न बुलाया जाए। इन दोनों को बीएसपी के कद्दावर नेता के तौर पर जाना जाता है।
गौरतलब है कि राम अचल राजभार और लालजी वर्मा दोनों बीएसपी सुप्रीमो मायावती के काफी नजदीकी थे। दोनों विधायक अम्बेडकरनगर जिले में कटेहरी एवं अकबरपुर विधानसभा क्षेत्र में काबिज थे, लेकिन दोनों को कथित तौर पर पंचायत चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों एवं उससे पूर्व विभिन्न मौकों पर बरती गई अनुशासनहीनता के कारण बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
यह दोनों बीएसपी के साथ पार्टी की स्थापना के समय से जुड़े रहे। दोनों नेताओं का बीएसपी से निष्कासन सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है।
बताया जा रहा कि पूर्व मंत्री राम अचल राजभर के विरुद्ध शासन स्तर पर विभिन्न जांचें भी लंबित है। इससे भी बसपा छुटकारा भी पाना चाहती थी शायद उनके निष्कासन की यह भी बड़ी वजह रही।
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