यूपी में नई सियासी हलचल: शिवपाल के घर ओवैसी, राजभर और चंद्रशेखर की बैठक, क्या संकल्प भागीदारी मोर्चा ले रहा आकार

सियासत की इस नई बिसात पर शिवपाल, ओवैसी और राजभर के बीच बैठक जारी ही थी कि आजाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर रावण भी इसमें शामिल होने पहुंच गए। इस नए गठबंधन में सियासत की कौन सी बिसात बिछने वाली है और किसके कितने मोहरे बैठाए जाएंगे अभी साफ नहीं है।

सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की हलचलों के बीच एक नई सियासी घटना हुई है। बुधवार को प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव के घर पर असदुद्दीन उवैसी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर पहुंचे। शिवपाल यादव सपा के संस्थापक मुलाय सिंह यादव के भाई और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चाचा हैं। सियासत की इस नई बिसात पर शिवपाल, ओवैसी और राजभर के बीच बैठक जारी ही थी कि आजाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर रावण भी इसमें शामिल होने पहुंच गए। इस नए गठबंधन में उत्तर प्रदेश की सियासत में कौन सी बिसात बिछने वाली है और किसके कितने मोहरे बैठाए जाएंगे अभी साफ नहीं है, लेकिन राजधानी लखनऊ में इस चतुर्कोणीय राजनीतिक बैठक ने माहौल को काफी दिलचस्प बना दिया है।

अभी तक तो यही मान जा रहा था कि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन की पहल कर रहे हैं और इसकी संभावनाएं भी जता रहे थे। अभी मंगलवार को ही उन्होंने इटावा में कहा था कि उनकी तरफ से पहल हो चुकी है। अब फैसला अखिलेश यादव को करना है। इसी बीच उन्होंने दो अक्तूबर को फिरोजाबाद से पैदल यात्रा और 12 अक्तूबर को सामाजिक परिवर्तन यात्रा निकालने की भी तैयारी कर ली थी।

लेकिन रात गुजरते-गुजरते सियासत की नई खिचड़ी पक चुकी थी। शिवपाल यादव बुधवार दोपहर इटावा से लखनऊ लौटे और शाम करीब छह बजे उनके आवास पर एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर भी पहुंच गए। इस मुलाकात को गोपनीय रखा जाना था, इसके लिए इन दोनों नेताओं की शिवपाल के घर में पीछे के दरवाजे से हुई। लेकिन बात बात खुल गई और फिर वहां आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर रावण भी वहां पहुंच गए।


शिवपाल सिंह यादव के घर पर हुई इन तीन पार्टियों के अध्यक्ष की बैठक को राजनीतिक तौर पर काफी अहम माना जा रहा है। ध्यान रहे कि अभी 21 सितंबर को भी ओवैसी ने शिवपाल सिंह यादव से मुलाकात की थी। लेकिन इस बार उनके साथ राजभर और चंद्र शेखर रावण के आने से एक नए राजनीतिक मोर्चे का आकार दिखने लगा है। कहा जा रहा है कि इस मोर्चे का नाम संकल्प भागीदारी मोर्चा होगा। हालांकि शिवपाल सिंह यादव अभी तक मोर्चा में शामिल होने से इनकार कर रहे हैं।

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